hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • नक़ल या अक्ल - 42

    42 घर     सबने देखा कि ज्योति खड़ी है, ज्योति की आँखों में आँसू  और चेहरे पर गुस्...

  • एक पुरानी हवेली ...

    भाग 1: प्राचीन हवेलीहरिद्वार के पास बसे छोटे से गांव गंगापुर में एक पुरानी हवेली...

  • अंगद - एक योद्धा। - 8

    जंगली जानवरों से अंगद का सामना पहले भी हो चुका था। जानवरों से उसे भय तो कभी महसू...

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 11 By Dev Srivastava Divyam

   सुबह का समय,   सिद्धांत का घर,   लक्ष्मी सिद्धांत को मारने के लिए उसके पीछे दौड़ पड़ी तो वो तुरंत मिसेज माथुर के पीछे छिप गया । लक्ष्मी वहां गई तो वो दूसरी ओर चला गया । लक्ष्मी...

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रावी की लहरें - भाग 4 By Sureshbabu Mishra

बिखरा हुआ लहू   शाम का धुंधलका धीरे-धीरे चारों ओर छाने लगा था । बार्डर पर तैनात बी.एस.एफ. के सूबेदार रघुराज सिंह ने सरहद की ओर देखा था । दूर-दूर तक फैले कटीले तार भारत - पाक स...

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नक़ल या अक्ल - 42 By Swati Grover

42 घर     सबने देखा कि ज्योति खड़ी है, ज्योति की आँखों में आँसू  और चेहरे पर गुस्सा है। ज्योति को इस तरह अचानक आया देखकर सभी हैरान है। अब नन्हें से रहा नहीं गया तो उसने ज्योति से  प...

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सदफ़िया मंज़िल - भाग 3 By Pradeep Shrivastava

भाग -3 हँसली ने यह कहते हुए दूर से ही ज़किया की बलाएँ लेते हुए अपने दोनों हाथों की उँगलियों को कानों के पास ले जाकर हल्के से दबा दिया। जिससे एक साथ कई पट्ट-पट्ट आवाज़ हुई।  तभी...

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सत्तर - तीस By dilip kumar

“सत्तर -तीस”बाढ़ का पानी उतरते ही बाढ़ राहत सामग्री बंटने की बारी आ गयी। ग्राम सभा बड़ी थी जिसमें पांच मजरे थे , तीन मजरों में बाढ़ का पानी इतना ज्यादा आया था कि वाही -तबाही जैसे हालात...

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एक छलावे की परछाईं By Abhishek Chaturvedi

 अध्याय 1: अतीत की परछाईंरात के गहरे सन्नाटे में, जब पूरा गाँव नींद की आगोश में था, सूरजगढ़ के पुराने हवेली में एक हलचल थी। हवेली की खिड़कियों से छनकर आती हल्की पीली रोशनी अजीब सा...

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Shadow Of The Packs - 16 By Vijay Sanga

विक्रांत की पूरी बात सुन लेने के बाद सुप्रिया सोचने लगी की अब उसका क्या होगा? उसके पापा इसके बिना कैसे रह पाएंगे? यही सब सोचते हुए सुप्रिया ने विक्रांत की तरफ देखते हुए पूछा–“इसका...

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एक पुरानी हवेली ... By Abhishek Chaturvedi

भाग 1: प्राचीन हवेलीहरिद्वार के पास बसे छोटे से गांव गंगापुर में एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग 'प्रेत की हवेली' के नाम से जानते थे। हवेली के बारे में कई कहानियां प्रचलित थीं...

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स्वयंवधू - 14 By Sayant

उस दिन सुबह...सब कुछ सामान्य था। हम उस समय गायब होने और राज द्वारा उसकी कलाई पर छोड़े गए निशानों के से सवालों से बचने में कामयाब रहे।"मैं फिसल गयी और उन्होंने मुझे गिरने से बचाने क...

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अंगद - एक योद्धा। - 8 By Utpal Tomar

जंगली जानवरों से अंगद का सामना पहले भी हो चुका था। जानवरों से उसे भय तो कभी महसूस ना हुआ, जब भी उसका सामना किसी जंगली जानवर से होता तो वह या तो जानवर को डरा कर वहां से भगा देता या...

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सुनहरी तितलियों का वाटरलू - भाग 5 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग-5 जितनी देर वह तेल लगाती रही उतनी देर उसके आँसू निकलते रहे। वह सोचती रही कि, क्या यह अपनी इस विचित्र स्थिति के कारण कई दिन से सो नहीं रही थी, और जैसे ही मन की बात हुई, सैटिस्फ़ै...

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फागुन के मौसम - भाग 45 By शिखा श्रीवास्तव

दिवाली की वो शाम आ चुकी थी जब अमावस्या होने के बावजूद पूरे शहर में कहीं अँधकार का नामों-निशान भी नज़र नहीं आ रहा था।जानकी ने लीजा और मार्क के साथ मिलकर विधिवत अपने घर में लक्ष्मी-गण...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 20 By Sneh Goswami

  पथरीले कंटीले रास्ते    20     रविंद्र का दुनिया में आना बङी धूमधाम से मनाया गया था । बेबे ने आँगन में सुमंगला औरतों को बुलाकर सोहर और घोङियाँ पूरे इक्कीस दिन गँवाई थी । सबको हर...

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दो बूँद आँसू - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -4 क्या उन्हें यह बताऊँगी कि शौहर ने अपनी जिन कमज़र्फ़ औलादों को मज़हबी तालीम देने के लिए, अपने जिस सबसे क़रीबी हाफ़िज़ को लगाया था, उसकी पहले दिन से ही मुझ पर ग़लत नज़र थी। मुक़द्दर ने...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 31 (अंतिम भाग) By Neerja Hemendra

भाग 31 सचमुच अभय ने तथागत् के शब्दों के सही अर्थों को समझा है। मैं समझ नही पा रही थी कि अभय की सोच में, उसके व्यक्तित्व में इतनी विशिष्टतायें हैं तो विवाह के प्रारम्भिक कुछ वर्षों...

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सपनों की परछाईं By Dr Atmin D Limbachiya

सपनों की परछाईंआर्या की जिंदगी एक आदर्श चित्र थी। वह पढ़ाई में अव्‍वल, परिवार में प्यारी और दोस्तों में आदर्श मानी जाती थी। उसकी मां, सुमिता, ने अपने जीवन की हर कठिनाई को पार करते...

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नानक दुखिया सब संसार By dilip kumar

-“नानक दुखिया सब संसार” शहर की झोपड़पट्टी माने वाले इलाके का नाम इंद्र पुरी था । अपने नाम के उलट मुर्गी के दड़बों की तरह बेतरतीब बसी हुई इंद्रपुरी झोपड़पट्टी की एक झोपड़ी से निब्बर रोज...

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 11 By Dev Srivastava Divyam

   सुबह का समय,   सिद्धांत का घर,   लक्ष्मी सिद्धांत को मारने के लिए उसके पीछे दौड़ पड़ी तो वो तुरंत मिसेज माथुर के पीछे छिप गया । लक्ष्मी वहां गई तो वो दूसरी ओर चला गया । लक्ष्मी...

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रावी की लहरें - भाग 4 By Sureshbabu Mishra

बिखरा हुआ लहू   शाम का धुंधलका धीरे-धीरे चारों ओर छाने लगा था । बार्डर पर तैनात बी.एस.एफ. के सूबेदार रघुराज सिंह ने सरहद की ओर देखा था । दूर-दूर तक फैले कटीले तार भारत - पाक स...

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नक़ल या अक्ल - 42 By Swati Grover

42 घर     सबने देखा कि ज्योति खड़ी है, ज्योति की आँखों में आँसू  और चेहरे पर गुस्सा है। ज्योति को इस तरह अचानक आया देखकर सभी हैरान है। अब नन्हें से रहा नहीं गया तो उसने ज्योति से  प...

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सदफ़िया मंज़िल - भाग 3 By Pradeep Shrivastava

भाग -3 हँसली ने यह कहते हुए दूर से ही ज़किया की बलाएँ लेते हुए अपने दोनों हाथों की उँगलियों को कानों के पास ले जाकर हल्के से दबा दिया। जिससे एक साथ कई पट्ट-पट्ट आवाज़ हुई।  तभी...

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सत्तर - तीस By dilip kumar

“सत्तर -तीस”बाढ़ का पानी उतरते ही बाढ़ राहत सामग्री बंटने की बारी आ गयी। ग्राम सभा बड़ी थी जिसमें पांच मजरे थे , तीन मजरों में बाढ़ का पानी इतना ज्यादा आया था कि वाही -तबाही जैसे हालात...

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एक छलावे की परछाईं By Abhishek Chaturvedi

 अध्याय 1: अतीत की परछाईंरात के गहरे सन्नाटे में, जब पूरा गाँव नींद की आगोश में था, सूरजगढ़ के पुराने हवेली में एक हलचल थी। हवेली की खिड़कियों से छनकर आती हल्की पीली रोशनी अजीब सा...

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Shadow Of The Packs - 16 By Vijay Sanga

विक्रांत की पूरी बात सुन लेने के बाद सुप्रिया सोचने लगी की अब उसका क्या होगा? उसके पापा इसके बिना कैसे रह पाएंगे? यही सब सोचते हुए सुप्रिया ने विक्रांत की तरफ देखते हुए पूछा–“इसका...

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एक पुरानी हवेली ... By Abhishek Chaturvedi

भाग 1: प्राचीन हवेलीहरिद्वार के पास बसे छोटे से गांव गंगापुर में एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग 'प्रेत की हवेली' के नाम से जानते थे। हवेली के बारे में कई कहानियां प्रचलित थीं...

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स्वयंवधू - 14 By Sayant

उस दिन सुबह...सब कुछ सामान्य था। हम उस समय गायब होने और राज द्वारा उसकी कलाई पर छोड़े गए निशानों के से सवालों से बचने में कामयाब रहे।"मैं फिसल गयी और उन्होंने मुझे गिरने से बचाने क...

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अंगद - एक योद्धा। - 8 By Utpal Tomar

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सुनहरी तितलियों का वाटरलू - भाग 5 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग-5 जितनी देर वह तेल लगाती रही उतनी देर उसके आँसू निकलते रहे। वह सोचती रही कि, क्या यह अपनी इस विचित्र स्थिति के कारण कई दिन से सो नहीं रही थी, और जैसे ही मन की बात हुई, सैटिस्फ़ै...

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फागुन के मौसम - भाग 45 By शिखा श्रीवास्तव

दिवाली की वो शाम आ चुकी थी जब अमावस्या होने के बावजूद पूरे शहर में कहीं अँधकार का नामों-निशान भी नज़र नहीं आ रहा था।जानकी ने लीजा और मार्क के साथ मिलकर विधिवत अपने घर में लक्ष्मी-गण...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 20 By Sneh Goswami

  पथरीले कंटीले रास्ते    20     रविंद्र का दुनिया में आना बङी धूमधाम से मनाया गया था । बेबे ने आँगन में सुमंगला औरतों को बुलाकर सोहर और घोङियाँ पूरे इक्कीस दिन गँवाई थी । सबको हर...

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दो बूँद आँसू - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -4 क्या उन्हें यह बताऊँगी कि शौहर ने अपनी जिन कमज़र्फ़ औलादों को मज़हबी तालीम देने के लिए, अपने जिस सबसे क़रीबी हाफ़िज़ को लगाया था, उसकी पहले दिन से ही मुझ पर ग़लत नज़र थी। मुक़द्दर ने...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 31 (अंतिम भाग) By Neerja Hemendra

भाग 31 सचमुच अभय ने तथागत् के शब्दों के सही अर्थों को समझा है। मैं समझ नही पा रही थी कि अभय की सोच में, उसके व्यक्तित्व में इतनी विशिष्टतायें हैं तो विवाह के प्रारम्भिक कुछ वर्षों...

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सपनों की परछाईं By Dr Atmin D Limbachiya

सपनों की परछाईंआर्या की जिंदगी एक आदर्श चित्र थी। वह पढ़ाई में अव्‍वल, परिवार में प्यारी और दोस्तों में आदर्श मानी जाती थी। उसकी मां, सुमिता, ने अपने जीवन की हर कठिनाई को पार करते...

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नानक दुखिया सब संसार By dilip kumar

-“नानक दुखिया सब संसार” शहर की झोपड़पट्टी माने वाले इलाके का नाम इंद्र पुरी था । अपने नाम के उलट मुर्गी के दड़बों की तरह बेतरतीब बसी हुई इंद्रपुरी झोपड़पट्टी की एक झोपड़ी से निब्बर रोज...

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