hindi Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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  • जेबकतरा

    कलुआ एक जेबकतरा है। आठ नवम्बर 2016 को मोदीजी के आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे...

  • पुरस्कार

    बहुत दिनों से सोच रहा था, कि कुछ नहीं बोलूंगा क्योंकि हम बोलेगा तो बोलोगे...

  • जूते चिढ़ गए हैं...

    सूर्यबाला जूते चिढ़ गए हैं इन दिनों। कहते हैं, यह हमारी तौहीनी है। ये क्या कि हमे...

असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 27 - अंतिम भाग By Yashvant Kothari

27 माधुरी को सम्पूर्ण प्रकरण की जानकारी थी । मगर इस तरह के हल्के-फुल्के मामलेां की वो जरा भी परवाह नही करती थी । वैसे भी संस्था के विभिन्न दैनिक कार्यक्रमों में वो दखल नही देती थी...

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अब बदला लेंगे हम (व्यंग्य) By Alok Mishra

अचानक ही ऐसा लगने लगा, अब कुछ होगा। पठानकोट हमले को अभी बहुत दिन नहीं बीते हैं। फोनों और मोबाइलों की घंटियाँ घनघनाने लगी। दिल्ली, मुम्बई और पुर्तगाल सहित अनेक देशों में...

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बाऊजी और बंदर By Suryabala

सूर्यबाला उन्‍हें फिर से बच्‍चों की बहुत याद आ रही है। सुनते ही मैंने सिर कूट लिया। सिर कूटने की बात ही थी। अभी साल भी तो पूरा नहीं हुआ, संदीले में आए ही थे। एक-दो नहीं, पू...

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देश-सेवा के अखाड़े में... By Suryabala

सूर्यबाला यह खबर चारों तरफ आग की तरह फैल गई कि मैं देश-सेवा के लिए उतरने वाला हूँ। जिसने सुना, भागा आया और मेरे निर्णय की दाद दी। सुना, आप देश-सेवा के लिए उतर रहे हैं। ईश्वर देश का...

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ठंडे जी का स्टार्टअप By Prabodh Kumar Govil

अब साल पूरा होने में केवल दो ही दिन बचे थे। न - न ...आज कोई उनतीस दिसंबर नहीं था। आज तो अठारह दिसंबर ही था। लेकिन आप सोच रहे हैं न कि फ़िर साल ख़त्म होने में बस दो ही दिन कैसे बचे?...

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जेबकतरा By राज कुमार कांदु

कलुआ एक जेबकतरा है। आठ नवम्बर 2016 को मोदीजी के आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा पीड़ित पक्ष अगर कोई है तो वह है कलुआ जैसे छोटे मोटे जरायम पेशा लोग। भारत में एक अनुमान के मुताबिक...

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पुरस्कार By Alok Mishra

बहुत दिनों से सोच रहा था, कि कुछ नहीं बोलूंगा क्योंकि हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है। फिर हमें चुप रहना आता ही कहाँ है ? अब साहब लेखक लोगों की बिरादरी में पुरस्कार वापस करन...

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जूते चिढ़ गए हैं... By Suryabala

सूर्यबाला जूते चिढ़ गए हैं इन दिनों। कहते हैं, यह हमारी तौहीनी है। ये क्या कि हमें जिस-तिस पर उछाल दिया, जैसे हमारी कोई इज्जत ही नहीं। बात सही है कि चिरकाल से हमारा निवास आदमी के पै...

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कौन आया मेरे घर के द्वारे By Annada patni

आवत ही हरषै नहीं, नैनन नहीं सनेह, तुलसी तहाँ न जाइये, कंचन बरसे मेह ।। संत तुलसीदास जी कहते हैं कि जहाँ आपको आते देख, लोग खुश न हों और जिनकी आँखों में आपके लिए प्रेम न हो, ऐसी जगहो...

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गर्व से कहो हम पति हैं By Suryabala

सूर्यबाला महिलाओं को मालूम है कि जिस तरह हर सफल पुरुष के पीछे कोई महिला होती है उसी तरह हर असफल महिला के पीछे भी कोई-न-कोई पुरुष होता है। आप भी माने या न मानें, स्त्री - स्वातंत्र्...

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महानता के नुस्खे  By Alok Mishra

महानता के नुस्खे हकीम लुकमान ने दुनिया के सभी मर्जाें के नुस्खे बताए । वे ये बताना तो भूल ही गए कि एक आम आदमी किन नुस्खों से महान बने । हमें भी तो ऐसी फालतू बातों की खोज करन...

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ए मेरे वतन के लोगों .....  By Alok Mishra

ए मेरे वतन के लोगों ..... हमारे पोपटलाल जी वैसे तो देशभक्त है लेकिन स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर उनकी देशभक्ति चरम पर पहुंच जाती है । उस पर जैसे ही लता जी '&#39...

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भारत और इंड़िया (व्यंग्य ) By Alok Mishra

वो अक्सर आता और एक ही बात करता सर मोबाईल चार्ज कर लॅूं ? मै उसे ऐसा करने देता । एक दिन मैने उससे पूछा ‘‘यार तुम मेरे यहाॅ मोबाईल चार्ज करने ही आते हो क्या’’ ? उसने कहा...

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कथा एक बाँध की By Alok Mishra

कथा एक बाँध की एक उच्च स्तरीय गोपनीय बैठक में यह तय किया गया था कि जंगलों के बीच बहने वाली ‘‘की’’ नदी पर ‘‘गो’’ बाँध बनाया जावे। वास्तविक निर्णय तो यह था कि बाँध केवल फाइलों...

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बजट - ‘‘हमें का मालूम’’ ? (व्यंग्य कथा) By Alok Mishra

बजट - ‘‘हमें का मालूम’’ ? (व्यंग्य कथा) वो बूढ़ा धीमे कदमों के साथ अपनी झोपड़ी में दाखिल हुआ । झोपड़ी में एक ओर मिट्टी का चूल्हा ,एक ओर कुछ कथड़ियों के रुप में बिस्तर और...

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Hostel Boyz (Hindi) - 20 - Last Part By Kamal Patadiya

प्रकरण 31 : हॉस्टल और कॉलेज के त्यौहार अक्सर त्यौहारों में छुट्टी होने के कारण हम लोग ज्यादातर त्यौहार घर पर ही मनाते थे लेकिन मकर संक्रांति का त्योहार हम लोग राजकोट में ही मनाते थ...

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टकला By Alok Mishra

//टकला// शीर्षक पढ़ कर आपको यह लग रहा होगा कि आज मैं इन्टरनेट से चुराकर कुछ सामग्री परोसने जा रहा हुँ। ऐसा कुछ नहीं है। टकला होना या गंजा होना जहाँ समाज में आम समस्या ह...

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मैं इतिहास बोल रहा हुॅ By Alok Mishra

मैं इतिहास बोल रहा हुॅ मैं इतिहास बोल रहा हुॅ । मै वो इतिहास हुँ जो शायद आप का हो सकता है,किसी जीवित या अजीवित वस्तु का हो सकता है या किसी जमीन के टुकड़े का हो सकता है ।...

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सूत्रों के हवाले से.... By Alok Mishra

सूत्रो के हवाले से .... अभी - अभी सूत्रों के हवाले से खबर लगी है कि "फलाना" भी कोरोना पोजेटिव हो गया । ये फलाने हमारे पूर्वपरिचित थे । हमने सोचा कुशलक्षेम पूछने के बहा...

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भिखारी संघ By Alok Mishra

भिखारी संघ सड़क के किनारे बैठे कुछ भिखारियों में से एक को यह ख़्याल आया कि आजकल हर वर्ग का अपना संघ है जैसे व्यापारी संघ ,कर्मचारी संघ और मजदूर संघ आदि तो क्यों न भिखारियों...

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पाप अच्छे हैं ... By मंजरी शर्मा

हेलो!! मैं "खट्टा-मीठा चैनल" से आपकी दोस्त एंड होस्ट मंजरी, आपके सामने पेश हूँ शर्मा निवास से 'लाइव'|जी हां, वही शर्मा निवास, जहाँ हंसने मुस्कुराने की किसी को नहीं है शर्म...

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चुनावी दूल्हा By Alok Mishra

हमारे एक मित्र है , मोहन । बेचारे... कई वर्षों से कुंवारे होने का दर्द झेल रहे थे । आखिर काफी प्रयास और भागदौड़ के बाद एक कन्या ने उन्हें पसन्द कर ही लिया । बात आगे बढ़ी तो स्वाभ...

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विभाजन By Ramnarayan Sungariya

कहानी विभाजन -आर.एन.सुनगरया,...

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व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ By ramgopal bhavuk

व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ रामगोपाल भावुक अश्वनी मास की धूप, गाँव में सफाई की कमी, मच्छरों का प्रकोप से लोग बीमार पड़ने लगे। मुझे भी मलेरिया हो गया। पापा क...

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प्रभु जी (व्यंग्य) By Alok Mishra

प्रभु जी ..... बहुत दिनों से देख रहे हैं कि आप कितने महान है । आपकी महानता के चर्चे दूर-दूर तक है । आप तो वो पारस है जो लोहे को भी छू ले तो सोना बना दे । आपकी महानता के कारण...

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व्यंग्य लेख - कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! By ramgopal bhavuk

व्यंग्य लेख कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! रामगोपाल भावुक हमारे देश में पुस्तैनी धन्धा सिखाने की परम्परा रही है। पिता अपने पुत्र को विरासत में पाये धन्धे को ही सिखाना चाहता है।...

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मेरा मीठा-सा महापाप By मंजरी शर्मा

चलो सुनाऊँ तुम्हें कहानी, अपने छुटपन की;मैं और मेरे पेटूपन की...चटर-पटर खाते-खाते, बढ़ गई मेरी तोंद;पर मुझको हरदम भाती, लड्डू वाली गोंद...चाउमीन, बर्गर से हो गई गोल-मटोल;पर मुझको सम...

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असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 27 - अंतिम भाग By Yashvant Kothari

27 माधुरी को सम्पूर्ण प्रकरण की जानकारी थी । मगर इस तरह के हल्के-फुल्के मामलेां की वो जरा भी परवाह नही करती थी । वैसे भी संस्था के विभिन्न दैनिक कार्यक्रमों में वो दखल नही देती थी...

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अब बदला लेंगे हम (व्यंग्य) By Alok Mishra

अचानक ही ऐसा लगने लगा, अब कुछ होगा। पठानकोट हमले को अभी बहुत दिन नहीं बीते हैं। फोनों और मोबाइलों की घंटियाँ घनघनाने लगी। दिल्ली, मुम्बई और पुर्तगाल सहित अनेक देशों में...

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बाऊजी और बंदर By Suryabala

सूर्यबाला उन्‍हें फिर से बच्‍चों की बहुत याद आ रही है। सुनते ही मैंने सिर कूट लिया। सिर कूटने की बात ही थी। अभी साल भी तो पूरा नहीं हुआ, संदीले में आए ही थे। एक-दो नहीं, पू...

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देश-सेवा के अखाड़े में... By Suryabala

सूर्यबाला यह खबर चारों तरफ आग की तरह फैल गई कि मैं देश-सेवा के लिए उतरने वाला हूँ। जिसने सुना, भागा आया और मेरे निर्णय की दाद दी। सुना, आप देश-सेवा के लिए उतर रहे हैं। ईश्वर देश का...

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ठंडे जी का स्टार्टअप By Prabodh Kumar Govil

अब साल पूरा होने में केवल दो ही दिन बचे थे। न - न ...आज कोई उनतीस दिसंबर नहीं था। आज तो अठारह दिसंबर ही था। लेकिन आप सोच रहे हैं न कि फ़िर साल ख़त्म होने में बस दो ही दिन कैसे बचे?...

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जेबकतरा By राज कुमार कांदु

कलुआ एक जेबकतरा है। आठ नवम्बर 2016 को मोदीजी के आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा पीड़ित पक्ष अगर कोई है तो वह है कलुआ जैसे छोटे मोटे जरायम पेशा लोग। भारत में एक अनुमान के मुताबिक...

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पुरस्कार By Alok Mishra

बहुत दिनों से सोच रहा था, कि कुछ नहीं बोलूंगा क्योंकि हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है। फिर हमें चुप रहना आता ही कहाँ है ? अब साहब लेखक लोगों की बिरादरी में पुरस्कार वापस करन...

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जूते चिढ़ गए हैं... By Suryabala

सूर्यबाला जूते चिढ़ गए हैं इन दिनों। कहते हैं, यह हमारी तौहीनी है। ये क्या कि हमें जिस-तिस पर उछाल दिया, जैसे हमारी कोई इज्जत ही नहीं। बात सही है कि चिरकाल से हमारा निवास आदमी के पै...

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कौन आया मेरे घर के द्वारे By Annada patni

आवत ही हरषै नहीं, नैनन नहीं सनेह, तुलसी तहाँ न जाइये, कंचन बरसे मेह ।। संत तुलसीदास जी कहते हैं कि जहाँ आपको आते देख, लोग खुश न हों और जिनकी आँखों में आपके लिए प्रेम न हो, ऐसी जगहो...

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गर्व से कहो हम पति हैं By Suryabala

सूर्यबाला महिलाओं को मालूम है कि जिस तरह हर सफल पुरुष के पीछे कोई महिला होती है उसी तरह हर असफल महिला के पीछे भी कोई-न-कोई पुरुष होता है। आप भी माने या न मानें, स्त्री - स्वातंत्र्...

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महानता के नुस्खे  By Alok Mishra

महानता के नुस्खे हकीम लुकमान ने दुनिया के सभी मर्जाें के नुस्खे बताए । वे ये बताना तो भूल ही गए कि एक आम आदमी किन नुस्खों से महान बने । हमें भी तो ऐसी फालतू बातों की खोज करन...

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ए मेरे वतन के लोगों .....  By Alok Mishra

ए मेरे वतन के लोगों ..... हमारे पोपटलाल जी वैसे तो देशभक्त है लेकिन स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर उनकी देशभक्ति चरम पर पहुंच जाती है । उस पर जैसे ही लता जी '&#39...

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भारत और इंड़िया (व्यंग्य ) By Alok Mishra

वो अक्सर आता और एक ही बात करता सर मोबाईल चार्ज कर लॅूं ? मै उसे ऐसा करने देता । एक दिन मैने उससे पूछा ‘‘यार तुम मेरे यहाॅ मोबाईल चार्ज करने ही आते हो क्या’’ ? उसने कहा...

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कथा एक बाँध की By Alok Mishra

कथा एक बाँध की एक उच्च स्तरीय गोपनीय बैठक में यह तय किया गया था कि जंगलों के बीच बहने वाली ‘‘की’’ नदी पर ‘‘गो’’ बाँध बनाया जावे। वास्तविक निर्णय तो यह था कि बाँध केवल फाइलों...

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बजट - ‘‘हमें का मालूम’’ ? (व्यंग्य कथा) By Alok Mishra

बजट - ‘‘हमें का मालूम’’ ? (व्यंग्य कथा) वो बूढ़ा धीमे कदमों के साथ अपनी झोपड़ी में दाखिल हुआ । झोपड़ी में एक ओर मिट्टी का चूल्हा ,एक ओर कुछ कथड़ियों के रुप में बिस्तर और...

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Hostel Boyz (Hindi) - 20 - Last Part By Kamal Patadiya

प्रकरण 31 : हॉस्टल और कॉलेज के त्यौहार अक्सर त्यौहारों में छुट्टी होने के कारण हम लोग ज्यादातर त्यौहार घर पर ही मनाते थे लेकिन मकर संक्रांति का त्योहार हम लोग राजकोट में ही मनाते थ...

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टकला By Alok Mishra

//टकला// शीर्षक पढ़ कर आपको यह लग रहा होगा कि आज मैं इन्टरनेट से चुराकर कुछ सामग्री परोसने जा रहा हुँ। ऐसा कुछ नहीं है। टकला होना या गंजा होना जहाँ समाज में आम समस्या ह...

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मैं इतिहास बोल रहा हुॅ By Alok Mishra

मैं इतिहास बोल रहा हुॅ मैं इतिहास बोल रहा हुॅ । मै वो इतिहास हुँ जो शायद आप का हो सकता है,किसी जीवित या अजीवित वस्तु का हो सकता है या किसी जमीन के टुकड़े का हो सकता है ।...

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सूत्रों के हवाले से.... By Alok Mishra

सूत्रो के हवाले से .... अभी - अभी सूत्रों के हवाले से खबर लगी है कि "फलाना" भी कोरोना पोजेटिव हो गया । ये फलाने हमारे पूर्वपरिचित थे । हमने सोचा कुशलक्षेम पूछने के बहा...

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भिखारी संघ By Alok Mishra

भिखारी संघ सड़क के किनारे बैठे कुछ भिखारियों में से एक को यह ख़्याल आया कि आजकल हर वर्ग का अपना संघ है जैसे व्यापारी संघ ,कर्मचारी संघ और मजदूर संघ आदि तो क्यों न भिखारियों...

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पाप अच्छे हैं ... By मंजरी शर्मा

हेलो!! मैं "खट्टा-मीठा चैनल" से आपकी दोस्त एंड होस्ट मंजरी, आपके सामने पेश हूँ शर्मा निवास से 'लाइव'|जी हां, वही शर्मा निवास, जहाँ हंसने मुस्कुराने की किसी को नहीं है शर्म...

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चुनावी दूल्हा By Alok Mishra

हमारे एक मित्र है , मोहन । बेचारे... कई वर्षों से कुंवारे होने का दर्द झेल रहे थे । आखिर काफी प्रयास और भागदौड़ के बाद एक कन्या ने उन्हें पसन्द कर ही लिया । बात आगे बढ़ी तो स्वाभ...

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विभाजन By Ramnarayan Sungariya

कहानी विभाजन -आर.एन.सुनगरया,...

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व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ By ramgopal bhavuk

व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ रामगोपाल भावुक अश्वनी मास की धूप, गाँव में सफाई की कमी, मच्छरों का प्रकोप से लोग बीमार पड़ने लगे। मुझे भी मलेरिया हो गया। पापा क...

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प्रभु जी (व्यंग्य) By Alok Mishra

प्रभु जी ..... बहुत दिनों से देख रहे हैं कि आप कितने महान है । आपकी महानता के चर्चे दूर-दूर तक है । आप तो वो पारस है जो लोहे को भी छू ले तो सोना बना दे । आपकी महानता के कारण...

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व्यंग्य लेख - कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! By ramgopal bhavuk

व्यंग्य लेख कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! रामगोपाल भावुक हमारे देश में पुस्तैनी धन्धा सिखाने की परम्परा रही है। पिता अपने पुत्र को विरासत में पाये धन्धे को ही सिखाना चाहता है।...

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मेरा मीठा-सा महापाप By मंजरी शर्मा

चलो सुनाऊँ तुम्हें कहानी, अपने छुटपन की;मैं और मेरे पेटूपन की...चटर-पटर खाते-खाते, बढ़ गई मेरी तोंद;पर मुझको हरदम भाती, लड्डू वाली गोंद...चाउमीन, बर्गर से हो गई गोल-मटोल;पर मुझको सम...

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