hindi Best Classic Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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दास्तान-ए-अश्क -3 By SABIRKHAN

: कहानी की नायका का जन्म कुछ एसे हालात मे हुवा! 24 दिसंबर की वो रात !काला स्याह अंधेरा लेकर आई थी!सर्दी अपने पूरे यौवन पर थी! क्रिश्चियन मिशन हॉस्पिटल की सारी नर्से अपना पसंदीदा त्...

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चोर और चोरी By bhai sahab chouhan

बहुत पुरानी बात है एक शहर में एक बिज़नेस का परिवार निवास करता था . बिज़नेस मेन का नाम दशरथ सिंह था उसकी धर्मपत्नी का नाम सुशीला बाई तथा उसके दो बच्चे एक लड़का - एक लड़की , लड़के का नाम...

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दरबदर By ARUN SINGH

अंकुर-गांव का एक जवान लड़का, हट्टा कट्टा, हाइट पांच फिट आठ इंच।शहर पहुँच कर पैसे कमाने की ललक-इसलिए आ गया शहर।अब क्या करे, क्योंकि पैसे पेड़ पर तो उगते नहीं,पैसे कमाने के लिए काम त...

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रिश्ते कभी नहीं मरते By Mukteshwar Prasad Singh

"रिश्ते कभी नहीं मरते‘‘​पच्चीस वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद चन्द्रभानू उस शहर में पुनः पहुँचने वाला था। वह शहर जिसका चप्पा-चप्पा उससे परिचित था।​’’सहरसा-आनन्द विहार...

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शिकंजा By Prabodh Kumar Govil

यही कोई दो- पांच साल हुए हैं जब इस गांव में भी बीसवीं सदी ने पांव धरे हैं। बच्चों के लिए छोटी सी पाठशाला बन गई है। बरसों से मास्टरजी का छोकरा घनश्याम नीम के नीचे ही चलाता था अपना छ...

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गोर्की देव का मुरब्बा (कहानी) By Prabodh Kumar Govil

'सच में, नई पीढ़ी हमसे बहुत अच्छी है।इसे कम से कम हमारी जैसी लत तो नहीं है कि इतने बजे पेप्सी चाहिए, इतने बजे पिज़्ज़ा ! हमें देखो, चार बजे नहीं कि बस,चाय चाहिए। ऐसी तलब लगती ह...

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सही समय पर सही काम करना - सही समय By H M Writter0

राहुल  एक 13साल का लड़का है  जिसकी इंग्लिश बहुत कमज़ोर होती है । उसकी गर्मियां छुट्टियां लगती हैं तब उसकी मम्मी राहुल से कहती है ।राहुल इन गर्मी छुट्टियां तुम इंग्लिश कोचि...

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બા પ્યારી માઁ. By MARKAND DAVE

" જોજે વહી જતી ના,મળ્યા વગર આખરી ક્ષણે..!! તુંતો વસે છેને માઁ?મારા દરેક શરીરી કણે.??" ધંધાની દોડાદોડીથી કંટાળેલો પંકજ, રાત્રે ૧૨.૦૦ વાગે, આખાએ દિવસનો થાક ઓગાળવા, હજી પથારી ભેગો થયો...

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उत्तरा देवी : एक संघर्ष - Episode 2 By kuldeep vaghela

एपिसोड 2धीरे धीरे बढ़ रहे कदमों की आवाज शांत कमरे में जो सन्नाटा छाया हुआ था उसे चीर रही थी। धीर-गंभीर मुद्रा, धोती और अंग वस्त्र, श्याम वर्ण और मध्यम शरीर - यह पुरुष कमरे में प्रव...

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मेरा दोस्त गणेश By Amita Joshi

मेरा दोस्त गणेश एक लड़की थी । नाम था अमुकु । सात साल की छोटी सी, भोली भाली लड़की ।वह अपने माता पिता और दादी के साथ गॉंव में रहती थी । अमुकु के पिताजी खेती करतेथे। माँ घर में खाना बना...

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उत्तरा देवी : एक संघर्ष - 2 By kuldeep vaghela

A story of Indian woman of a zameedar family in Bangal in British india. How she struggled for her culture. She is an emotional but not weak, full of self respect but not egocentri...

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उत्तरा देवी : एक संघर्ष By kuldeep vaghela

उत्तरा देवी : एक संघर्ष परिचय नमस्कार। उत्तरा देवी - यह एक काल्पनिक कथा है। इसका किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर नाम, स्थल, वस्तु या व्यक्ति से समानता...

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साधना का जादू By Archana Singh

#GreatIndianStories साधना का जादू मानव जीवन में संगीत का खास महत्तव होता है, इससे जीवन में रस उत्पन्न होता है। संगीत कुदरत में...

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विक्रमोर्वशीयम् By Kalidas

एक बार देवलोक की परम सुंदरी अप्सरा उर्वशी अपनी सखियों के साथ कुबेर के भवन से लौट रही थी। मार्ग में केशी दैत्य ने उन्हें देख लिया और तब उसे उसकी सखी चित्रलेखा सहित वह बीच रास्ते से...

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अहसास By Mirza Hafiz Baig

सिर्फ अहसास है, रूह से महसूस करें। मै जैसे ही उस खाली सीट पर धड़ाम से बैठी, उसके दाहिने कंधे से टकरा गई । उसके दाहिने कंधे और बाज़ू का स्पर्श, तन मन मे एक अंजानी सिहरन का संचार कर गय...

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हादसा By Vrishali Gotkhindikar

जिंदगी क्या है कोई नही जान सकता यूँही ख़ुशी ख़ुशी चलते चलते अचानक एक मोड़ पर जिंदगी में हादसा आ जाता है और फिर बिखर जाते है कई सपने और दो जिन्दगिया भी जुदा हो जाती है ये महेसुस...

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सबसे अच्छा पिता By Alok Phogat

मित्रो, मैं आलोक फोगाट, एक बड़ी ही मार्मिक कहानी लेकर उपस्थित हुआ हूँ, जो निश्चित ही आप को भावुक कर देगी यह घर-घर की कहानी है, जिसमें एक बच्ची स्कूल पास करने के बाद कुछ बनने के सप...

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जाने वाले ज़रा होशियार By Dr Musafir Baitha

यह एक कहानी है जो nation story competition-jan के लिए है।

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चालीस साल पहले By महेश रौतेला

चालीस साल पहले:
मुझे उसका चालीस साल पहले का पहनावा याद है।क्यों ऐसा है पता नहीं! हल्के पीले रंग की स्वेटर। खोजी सी आँखें और गम्भीर चेहरा। मुस्कान अछूत सी।
अपने अन्य दोस्तों का प...

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पूर्वग्रह। By Author Mahebub Sonaliya

कभी हमारी सोच उस सिक्के की तरह होती है। जिसके पीछे की छवि हम तब तक नही देख पाते जब तलक हम उसे पलटकर नहीं देखते। ये कहानी है विजयगिरी जी की जो एक मातृ भक्त है। वतन में ही जीना मरना...

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दुर्गादास By Munshi Premchand

‘दुर्गादास’ उपन्यास सम्राट् प्रेमचन्द का एक ऐतिहासिक उपन्यास है। यह मूलतः उर्दू लिपि में लिखा गया था जिसे हिन्दी में लिप्यन्तरण करके बाद में सन् 1915 में प्रकाशित किया गया। इसमें ए...

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चंद्रकांता - 4 By Devaki Nandan Khatri

वनकन्या को यकायक जमीन से निकल पैर पकड़ते देख वीरेन्द्रसिंह एकदम घबरा उठे। देर तक सोचते रहे कि यह क्या मामला है, यहां वनकन्या क्योंकर आ पहुंची और यह योगी कौन हैं जो इसकी मदद कर रहे...

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शेख चिल्ली By Tandel Heli

माना जाता है कि सूफी संत अब्द-उर-रहीम, जिन्हें अब्द-उई-करीम और अब्द-उर- रज़ाक के नाम से भी जाना जाता था उन्ही का प्रसिद्द नाम शेख चिल्ली पड़ा। उनकी मौजूदगी 1650 AD के आस-पास की मानी...

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कहाँ खो गई बिटिया .. By Upasna Siag

सजा संवरा कमरा लेकिन उदास हो जैसे ..., जैसे उसे उम्मीद हो सायरा के आ जाने की !
रणबीर की नजर सामने की अलमारी पर पड़ी तो उसे खोल ली। अलमारी में सायरा की गुड़ियाँ रखी हुयी थी। उसे गु...

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मुगल-ए-आजम By Sushila Kumari

जनमानस को गहराई तक प्रभावित करने वाली फिल्म मुगल-ए-आजम ने दषकों बीत जाने के बाद भी अपनी चमक नहीं खोयी है। आज जब सिनेमा निर्माण की एक से बढ़ कर एक टेक्नोलाॅजी का विकास हो चुका है दर...

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साथी By Upasna Siag

रामली , तू मेरे से ब्याह कर ले ...! राम दीन ने अपने हाथ में पकड़ी एक छोटी से टहनी को दूसरे हाथ पर थपथपाते हुए , रामली यानि रामेश्वरी की और देखते हुए कहा।
रे तेरा दिमाग तो ना ख...

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बस ! अब और नहीं ... By Upasna Siag

"ला ,नाख़ून काटने वाला तो ला इसके अभी सारे नाख़ून काट देती हूँ। अभी उगी तो है ही नहीं और पंख उग आये हैं इसके ! चली है फैशन करने !" दादी बड़बड़ा रही थी और उसके नाख़ून काटे ज...

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देवव्रत By Upasna Siag

बैलगाड़ी पर खेत जाना और वहां सारा दिन खेल कर शाम को घर आना हमेशा याद आते हैं। बचपन में बैलगाड़ी की सवारी जो आनंद देती थी वह आनंद अब ठंडी वातानुकूलित कारों में कहाँ मिलता है।...

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दास्तान-ए-अश्क -3 By SABIRKHAN

: कहानी की नायका का जन्म कुछ एसे हालात मे हुवा! 24 दिसंबर की वो रात !काला स्याह अंधेरा लेकर आई थी!सर्दी अपने पूरे यौवन पर थी! क्रिश्चियन मिशन हॉस्पिटल की सारी नर्से अपना पसंदीदा त्...

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चोर और चोरी By bhai sahab chouhan

बहुत पुरानी बात है एक शहर में एक बिज़नेस का परिवार निवास करता था . बिज़नेस मेन का नाम दशरथ सिंह था उसकी धर्मपत्नी का नाम सुशीला बाई तथा उसके दो बच्चे एक लड़का - एक लड़की , लड़के का नाम...

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दरबदर By ARUN SINGH

अंकुर-गांव का एक जवान लड़का, हट्टा कट्टा, हाइट पांच फिट आठ इंच।शहर पहुँच कर पैसे कमाने की ललक-इसलिए आ गया शहर।अब क्या करे, क्योंकि पैसे पेड़ पर तो उगते नहीं,पैसे कमाने के लिए काम त...

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रिश्ते कभी नहीं मरते By Mukteshwar Prasad Singh

"रिश्ते कभी नहीं मरते‘‘​पच्चीस वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद चन्द्रभानू उस शहर में पुनः पहुँचने वाला था। वह शहर जिसका चप्पा-चप्पा उससे परिचित था।​’’सहरसा-आनन्द विहार...

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शिकंजा By Prabodh Kumar Govil

यही कोई दो- पांच साल हुए हैं जब इस गांव में भी बीसवीं सदी ने पांव धरे हैं। बच्चों के लिए छोटी सी पाठशाला बन गई है। बरसों से मास्टरजी का छोकरा घनश्याम नीम के नीचे ही चलाता था अपना छ...

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गोर्की देव का मुरब्बा (कहानी) By Prabodh Kumar Govil

'सच में, नई पीढ़ी हमसे बहुत अच्छी है।इसे कम से कम हमारी जैसी लत तो नहीं है कि इतने बजे पेप्सी चाहिए, इतने बजे पिज़्ज़ा ! हमें देखो, चार बजे नहीं कि बस,चाय चाहिए। ऐसी तलब लगती ह...

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सही समय पर सही काम करना - सही समय By H M Writter0

राहुल  एक 13साल का लड़का है  जिसकी इंग्लिश बहुत कमज़ोर होती है । उसकी गर्मियां छुट्टियां लगती हैं तब उसकी मम्मी राहुल से कहती है ।राहुल इन गर्मी छुट्टियां तुम इंग्लिश कोचि...

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બા પ્યારી માઁ. By MARKAND DAVE

" જોજે વહી જતી ના,મળ્યા વગર આખરી ક્ષણે..!! તુંતો વસે છેને માઁ?મારા દરેક શરીરી કણે.??" ધંધાની દોડાદોડીથી કંટાળેલો પંકજ, રાત્રે ૧૨.૦૦ વાગે, આખાએ દિવસનો થાક ઓગાળવા, હજી પથારી ભેગો થયો...

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उत्तरा देवी : एक संघर्ष - Episode 2 By kuldeep vaghela

एपिसोड 2धीरे धीरे बढ़ रहे कदमों की आवाज शांत कमरे में जो सन्नाटा छाया हुआ था उसे चीर रही थी। धीर-गंभीर मुद्रा, धोती और अंग वस्त्र, श्याम वर्ण और मध्यम शरीर - यह पुरुष कमरे में प्रव...

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मेरा दोस्त गणेश By Amita Joshi

मेरा दोस्त गणेश एक लड़की थी । नाम था अमुकु । सात साल की छोटी सी, भोली भाली लड़की ।वह अपने माता पिता और दादी के साथ गॉंव में रहती थी । अमुकु के पिताजी खेती करतेथे। माँ घर में खाना बना...

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उत्तरा देवी : एक संघर्ष - 2 By kuldeep vaghela

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उत्तरा देवी : एक संघर्ष By kuldeep vaghela

उत्तरा देवी : एक संघर्ष परिचय नमस्कार। उत्तरा देवी - यह एक काल्पनिक कथा है। इसका किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर नाम, स्थल, वस्तु या व्यक्ति से समानता...

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साधना का जादू By Archana Singh

#GreatIndianStories साधना का जादू मानव जीवन में संगीत का खास महत्तव होता है, इससे जीवन में रस उत्पन्न होता है। संगीत कुदरत में...

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विक्रमोर्वशीयम् By Kalidas

एक बार देवलोक की परम सुंदरी अप्सरा उर्वशी अपनी सखियों के साथ कुबेर के भवन से लौट रही थी। मार्ग में केशी दैत्य ने उन्हें देख लिया और तब उसे उसकी सखी चित्रलेखा सहित वह बीच रास्ते से...

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अहसास By Mirza Hafiz Baig

सिर्फ अहसास है, रूह से महसूस करें। मै जैसे ही उस खाली सीट पर धड़ाम से बैठी, उसके दाहिने कंधे से टकरा गई । उसके दाहिने कंधे और बाज़ू का स्पर्श, तन मन मे एक अंजानी सिहरन का संचार कर गय...

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हादसा By Vrishali Gotkhindikar

जिंदगी क्या है कोई नही जान सकता यूँही ख़ुशी ख़ुशी चलते चलते अचानक एक मोड़ पर जिंदगी में हादसा आ जाता है और फिर बिखर जाते है कई सपने और दो जिन्दगिया भी जुदा हो जाती है ये महेसुस...

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सबसे अच्छा पिता By Alok Phogat

मित्रो, मैं आलोक फोगाट, एक बड़ी ही मार्मिक कहानी लेकर उपस्थित हुआ हूँ, जो निश्चित ही आप को भावुक कर देगी यह घर-घर की कहानी है, जिसमें एक बच्ची स्कूल पास करने के बाद कुछ बनने के सप...

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जाने वाले ज़रा होशियार By Dr Musafir Baitha

यह एक कहानी है जो nation story competition-jan के लिए है।

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चालीस साल पहले By महेश रौतेला

चालीस साल पहले:
मुझे उसका चालीस साल पहले का पहनावा याद है।क्यों ऐसा है पता नहीं! हल्के पीले रंग की स्वेटर। खोजी सी आँखें और गम्भीर चेहरा। मुस्कान अछूत सी।
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पूर्वग्रह। By Author Mahebub Sonaliya

कभी हमारी सोच उस सिक्के की तरह होती है। जिसके पीछे की छवि हम तब तक नही देख पाते जब तलक हम उसे पलटकर नहीं देखते। ये कहानी है विजयगिरी जी की जो एक मातृ भक्त है। वतन में ही जीना मरना...

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दुर्गादास By Munshi Premchand

‘दुर्गादास’ उपन्यास सम्राट् प्रेमचन्द का एक ऐतिहासिक उपन्यास है। यह मूलतः उर्दू लिपि में लिखा गया था जिसे हिन्दी में लिप्यन्तरण करके बाद में सन् 1915 में प्रकाशित किया गया। इसमें ए...

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चंद्रकांता - 4 By Devaki Nandan Khatri

वनकन्या को यकायक जमीन से निकल पैर पकड़ते देख वीरेन्द्रसिंह एकदम घबरा उठे। देर तक सोचते रहे कि यह क्या मामला है, यहां वनकन्या क्योंकर आ पहुंची और यह योगी कौन हैं जो इसकी मदद कर रहे...

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शेख चिल्ली By Tandel Heli

माना जाता है कि सूफी संत अब्द-उर-रहीम, जिन्हें अब्द-उई-करीम और अब्द-उर- रज़ाक के नाम से भी जाना जाता था उन्ही का प्रसिद्द नाम शेख चिल्ली पड़ा। उनकी मौजूदगी 1650 AD के आस-पास की मानी...

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कहाँ खो गई बिटिया .. By Upasna Siag

सजा संवरा कमरा लेकिन उदास हो जैसे ..., जैसे उसे उम्मीद हो सायरा के आ जाने की !
रणबीर की नजर सामने की अलमारी पर पड़ी तो उसे खोल ली। अलमारी में सायरा की गुड़ियाँ रखी हुयी थी। उसे गु...

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मुगल-ए-आजम By Sushila Kumari

जनमानस को गहराई तक प्रभावित करने वाली फिल्म मुगल-ए-आजम ने दषकों बीत जाने के बाद भी अपनी चमक नहीं खोयी है। आज जब सिनेमा निर्माण की एक से बढ़ कर एक टेक्नोलाॅजी का विकास हो चुका है दर...

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साथी By Upasna Siag

रामली , तू मेरे से ब्याह कर ले ...! राम दीन ने अपने हाथ में पकड़ी एक छोटी से टहनी को दूसरे हाथ पर थपथपाते हुए , रामली यानि रामेश्वरी की और देखते हुए कहा।
रे तेरा दिमाग तो ना ख...

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बस ! अब और नहीं ... By Upasna Siag

"ला ,नाख़ून काटने वाला तो ला इसके अभी सारे नाख़ून काट देती हूँ। अभी उगी तो है ही नहीं और पंख उग आये हैं इसके ! चली है फैशन करने !" दादी बड़बड़ा रही थी और उसके नाख़ून काटे ज...

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देवव्रत By Upasna Siag

बैलगाड़ी पर खेत जाना और वहां सारा दिन खेल कर शाम को घर आना हमेशा याद आते हैं। बचपन में बैलगाड़ी की सवारी जो आनंद देती थी वह आनंद अब ठंडी वातानुकूलित कारों में कहाँ मिलता है।...

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