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परिवार, सुख का आकार By Kamal Bhansali

रिश्तों की दुनिया की अनेक विविधताएं है, रिश्तों के बिना न परिवार, न समाज, न देश की कल्पना की जा सकती है, कहने को तो यहां तक भी कहा जा सकता कि रिश्तों बिना जीवन कैसे जिया जा सकता है...

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भीतर का जादू By Mak Bhavimesh

उम्ब्रालूना के एकांत द्वीप पर, जहाँ आपस में जुड़ी परछाइयाँ अनकहे रहस्य समेटे हुए थीं, एक मनोरम कहानी सामने आती हैं। इसके किनारे, कोमल उतार-चढ़ाव और एक रहस्यमय समुद्र के प्रवाह से द...

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साहेब सायराना By Prabodh Kumar Govil

कहते हैं कि अपनी जवानी में हर कोई ख़ूबसूरत होता है। जवानी इंसान की ज़िन्दगी में एक बार आने वाला वो मौसम है जो जिस्म के पोर- पोर को फूल की तरह खिलाकर एक शोख चटक के तड़के से खुशबूदार...

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आज की द्रौपदी और सुभद्रा By आशा झा Sakhi

स्त्री मन बहुत विचित्र है जिससे स्नेह करता है उसके लिए अपना सर्वस्व निछावर कर देता है।जो भी उसका अपना है,चाहे वो प्रेम हो,पति ,बच्चा या उसका घर हो।स्त्री हर चीज अपने परम स्नेही से...

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बेटी’ By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

‘दो शब्दों की अपनी राहें’’

मां के आँचल की छाँव में पलता, बढ़ता एक अनजाना बचपन(भ्रूण), जो कल का पौधा बनने की अपनी अनूठी लालसा लिए, एक नवीन काव्य संकलन-‘‘बेटी’’ के रूप में, अपन...

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पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य By Praveen Kumrawat

पालटेराजेस्ट फेमामेना, आडिटरी हेलसिनेशन, फिजीकल ट्रांसपोजीशन, द्विजिनरी एक्सपीरियेन्स, स्प्रितिपाजेशन प्रभृति वैज्ञानिक कसौटियों पर कसे गये घटनाक्रम एवं अनुभवों द्वारा आत्मा और शरी...

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हम कैसे आगे बढे By Rajesh Maheshwari

यह घटना मगध की है। मगध के एक छोटे से राज्य के राजा की कोई सन्तान नहीं थी। जब वे वृद्धावस्था के करीब पहुँचे तथा उन्हें लगा कि उनके जीवन का सूर्य अब अस्ताचल के करीब जा रहा है और सन्त...

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स्वतंत्र सक्सेना की कहानियाँ By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

कहानी स्मृति की पोटली होती है| जो कुछ घट चुका है उसमें से काम की बातें छाँटने का सिलसिला कहानीकार के मन में निरंतर चलता रहता है| सार-तत्व को ग्रहण कर और थोथे को उड़ाते हुए सजग कहानी...

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तर्ज़नी से अनामिका तक By Rajesh Maheshwari

उपरोक्त स्वरचित कविताएँ मेरे जीवन का आधार हैं और इनकी भावनाएँ मेरे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। मानव अपने जीवन की पहली श्वांस से मृत्यु की अंतिम श्वांस तक संघर्षरत् रहकर अपनी कल्पनाओं...

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अपना आकाश By Dr. Suryapal Singh

उपन्यास समाज का यथार्थ बिम्ब है विविधता से भरा एवं चुनौतीपूर्ण । उपन्यास लिखना इसीलिए समाज को विश्लेषित करना है। 'कंचनमृग', 'शाकुनपाँखी', ‘कोमल की डायरी' एवं &#...

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प्रेम दीवानी आत्मा By Rakesh Rakesh

आयु में अपने से दो वर्ष बड़ी पड़ोस में रहने वाली अंकिता को जब उसके कॉलेज में साथ पढ़ने वाला विक्रम बोलता है "आप गुलाबी साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही हो" तो उसकी यह बात सुनक...

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तानाबाना By Sneh Goswami

आज किसी ने पांच छह लाईन मेंं परिचय माँगा, बड़ी दुविधा में जान आ गई।भला आधी सदी की बात कुल जमा चालीस शब्दों या चार सतरों में कोई कैसे लिख सकता है । जिन्दगी भी ऐसी वैसी नहीं, एकदम ऊब...

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कौन है ख़लनायक By Ratna Pandey

कभी कभी हम जीवन में ऐसे दो राहे पर आकर रुक जाते हैं कि समझ ही नहीं आता कि अब किधर जायें। ऐसे ही दो राहे पर खड़ी थी रुपाली जिसके एक तरफ़ प्रियांशु था और दूसरी तरफ़ अजय। उनमें से कौन उस...

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फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल By Mayur Patel

फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म
कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई फिल्म इतनी बुरी होती है की दिव...

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दो पल (love is blind) By ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

(प्रस्तावना) खुदाने कुछ तस्वीर और तक़दीर ऐसी बनाई है कि एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।कुछ रिश्ते ऐसे बन जाते है कि एक दूसरे से दूर रहना मुश्किल बन जाता है, कुछ रिश्ते ऐसे भी...

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DUNIYA MERI MUTTHI MEIN By Amar Kamble

जोया माथे को हाथ लगा कर basketball hall के stairs पे बैठी थी। उपर से माया stairs उतरते हुए आई और उसने कहा, “जोया, चल ये books renew करनी हैं...” जोया के face को देख...

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राधारमण वैद्य-भारतीय संस्कृति और बुन्देलखण्ड By राजनारायण बोहरे

भारतीय संस्कृति और भक्तिराधारमण वैद्य आचारमूलाः जातिः स्यादाचारः शास्त्रमूलकः। वेदवाक्यं शास्त्रमूलं वेदः साधकमूलकः।। क्रियामूलं साधकश्च क्रियापि फलमूलिका। फलमूलं सुखं चैव सुखमाननन...

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जादू जैसा तेरा प्यार By anirudh Singh

रात के आठ बजे भी गोवा के सेंट मरियम ऑडिटोरियम में आज जबरदस्त चहल पहल थी,आखिर हो भी क्यों न...दौर था यूथ्स 'आइकॉन ऑफ इंडिया' अवार्ड्स प्रोग्राम का....देश भर के सैकड़ो युवा उध...

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Murder @night By Abhishek Hada

Murder @night 1st part 3 जनवरी 2020 अनिरूद्ध मर्डर केस के मर्डरर ने अपना मुंह खोला क्या ? - इंस्पेक्टर नागेश ने थाने में आते ही हवलदार संजय से पूछा। हवलदार संजय ने उसे सैल्युट किया...

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चंद्रमौली - शुभा का चंद्रमौली By Jahnavi Suman

Part 1 - Chandramauli - Shuba Ka Chandramauli

‘‘शुभा एक बात तो बता।’’ मैंने प्रश्न भरी दृष्टि से उन्हें देखा।
वह बोलीं, ‘‘तेरे ससुराल वालों ने तुझे क्यों छोड़ दिया?’’ इतना सुनत...

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फिल्मोत्सव By Mahendra Sharma

हिंदी फिल्म और वेबसिरिज़ रिव्यू.

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कोरोना प्यार है By Jitendra Shivhare

*"मैं* तुम जैसे लड़को को बहुत अच्छे से जानती हूं, जो जानबूझकर लड़कीयों की मोपेट को टक्कर मारते है।" चंचला दहाड़ रही थी। सड़क पर भीड़ जमा होने लगी।

"देखीये मैडम! अनजान...

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देहखोरों के बीच By Ranjana Jaiswal

मैडम,आदमखोर किसे कहते हैं? --उस जीव -जंतु को जो मनुष्य को खाते हैं। -क्या प्रकृति ने उन्हें ऐसा बनाया है? --नहीं,लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से वे किसी का मनुष्य का शिकार करते हैं...

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पुस्तकें By Pranava Bharti

ज़िंदगी की उलझनों के दिन-रात, शामें बँट जाती हैं शब्दों में, चुप्पी साधी नहीं जा सकती यदि कोई संवेदनशील हो --कसमसाते हुए दिनों की आहट उसे परेशान करती ही तो रहती है जब तक भावों का पु...

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दूरी न रहे कोई By Kishanlal Sharma

"क्या लेंगे आप?"तुम कौन हो?" दरमियाने कद की युवती को अपने साामने खड़ा देखकर राजन बोला था।"मैं इस बार मे नौकरी करती हूँ"वह औरत बोली,"वेटर हूँ।"औरत होकर...

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Nafrat e Ishq By Umashankar Ji

चिड़िया की चहचहाहट सुनाई देती है। सुबह के 5:00 बज रहे हैं। दिल्ली का एक शांत मोहल्ला, जहां सुबह की ताजगी हवा में बसी है।

"यॉन, यॉन," सहदेव ने एक लंबी सांस ली और बिस्तर स...

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बंद खिड़कियाँ By S Bhagyam Sharma

“बंद खिड़कियां" सदियों से चले आ रहे पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों के अहं और दंभ के कारण स्त्रियों के प्रति दुर्व्यवहार और अत्याचार तथा स्त्री के विरोध की कहानी है । यह कहानी एक...

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Bunch of Stories By Devaki Ďěvjěěţ Singh

राहुल और अंकिता बहुत ही खुशहाल दंपति थे। दोनों ही मल्टी नैशनल कंपनी में काम करते थे।

अंकिता अपने ऑफिस के काम को लेकर बहुत ही मेहनती थी l उसकी काबलियत को देखते हुए कंपनी ने उसे द...

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आत्मज्ञान By atul nalavade

शांति नगर नामक प्राचीन गांव में, हरे-भरे घाटियों के बीच एक आदर्श संत नामक व्यक्ति स्वामी देवानंद निवास करते थे। देवानंद ने बचपन से ही जीवन के रहस्यों में गहरी रुचि दिखाई दी थी। वह...

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जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है By Ratna Pandey

सेठ हीरा लाल अपनी पत्नी गायत्री के साथ रोज़ की ही तरह आज भी प्रातः काल सैर पर निकले थे। बारिश के दिन थे, बहुत ही खूबसूरत मौसम, ठंडी पवन, शरीर और मन को लुभा रही थी। प्रातः के लगभग पा...

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मोहब्बत तो मोहब्बत है By Vandana thakur

मुम्बई, महाराष्ट्र
मुम्बई साइंस कॉलेज

वो दौडती हुई कॉलेज केम्पस पहुची,,,, वो रोते हुए कॉलेज केम्पस मे चारो तरफ नजरे दौडा रही थी ।

वो भागते हुए पूरे कॉलेज मे किसी को ढूंढने ल...

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भारतका सुपरहीरो By Green Man

कोई गैलेक्सी का जॉर्ज नाम का ग्रह था उधर से एक परीक्षण अंतरिक्ष जहाज निकल चुका था। वो धीरे धीरे दूसरी गैलेक्सी की ओर बढ़ने लगा। जब वो दूसरी गैलेक्सी में प्रवेश करने ही वाला था तभी...

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नियति ...can’t change by anybody By PRATIK PATHAK

शीर्षक: नियति ...can’t change by anybody लेखक: प्रतीक पाठक कहानी के किरदार :1) डॉ.अमित नायक – प्रोफेसर 2) मालिनी - डॉ.अमित नायक की सहायक 3) रंगनाथ उर्फ रंगा - डॉ.अमित नायककी कॉ...

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कर्मा By Sushma Tiwari

देश का दिल दिल्ली, कई सपनों का रंग महल.. सत्ता के गलियारों से लेकर तंग गलियों तक.. कई जिन्दगियों की गवाह दिल्ली, आज भीड़ वाली सड़क पर एम्बुलेंस पूरी तेजी में साइरन बजाते दौड़ी चली...

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घर की मुर्गी By AKANKSHA SRIVASTAVA

अक्सर ससुराल में नई बहू के आते ही उसे जिम्मेदारी के नाम पर अकेले ही हजारों कामो के लिए सौप दिया जाता हैं। बिना यह सोचें कि वह अभी इस घर मे नयी है। हर लड़की को मायके की आजादी से निकल...

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जीवन वीणा By Anangpal Singh Bhadoria

वीणा घर में रखी पुरानी , लेकिन नहीं बजाना आया । सारा घर उस पर चिल्लाया,जिस बच्चे ने हाथ लगाया।। जीवन वीणा के तारों की रीति -नीति नहिं हमने जानी । वीणा घर में रखी पुरानी, कदर न उसकी...

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मुजरिम या मुलजिम? By anita bashal

" एक 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या। क्या हो रहा है हमारे देश में? क्या ऐसे मुजरिम को सजा ए मौत देना चाहिए या नहीं? लेकिन आप यहां देख ही रहे हैं कि कुछ लोग इसे मु...

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असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। By Yashvant Kothari

इस बार महाशिवरात्री और वेलेन्टाइन-डे लगभग साथ-साथ आ गये। युवा लोगों ने वेलेन्टाइन-डे मनाया। कुछ लड़कियों ने मनाने वालों की धज्जियां उड़ा दी और बुजुर्गों व घरेलू महिलाओं ने शिवरात्री...

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छुटकी दीदी By Madhukant

पात्र परिचय -

सलोनी - छुटकी दीदी

भाग्या - बड़ी बहन

ज्योत्सना - माँ

अमर - भाग्या का पति

देवी सहाय - नाना

शारदा देवी - नानी

सीताराम - माँ का चचेरा भाई

सुकांत...

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अथ गूँगे गॉंव की कथा By ramgopal bhavuk

होली के अवसर पर खेतों में मसूर उखाड़ने का कार्य तेजी से शुरू हो गया था ।

आज मौजी जल्दी ही जाग गया था। यों तो रोज ही जल्दी जागना पड़ता है, पर होली के दिन की उमंग और भी जल्दी...

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Dream Love By Hanika

हाय! कितना हैंडसम लड़का है। हे भगवान! बस एक बार मिलादो प्लीज।
हनिका जो की मिडिल क्लास फैमिली से है। जो खुद से ही बातें कर रही होती है। वो जिस लड़के की बात कर रही होती है, वो कोई...

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कुछ चित्र मन के कैनवास से By Sudha Adesh

1-कुछ चित्र मन के कैनवास से नभचर जलथर की तरह थलचर के अनेकानेक प्राणियों में से एक मनुष्य भी एक यायावर प्राणी है । एक जगह बैठना तो मानो उसने सीखा ही नहीं हैं। यात्राएं उसकी जिजीविष...

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विद्रोहिणी By Brijmohan sharma

(ऐक अकेली अबला, बेसहारा, बेबस ऐवम गरीब महिला का पाखंउी, जातिवादि, घोर साम्प्रदायिक संकीर्णतावाद से ग्रस्त समाज से संघर्ष की रोमाचक दास्तान । गरीबों के दुःख दर्द को अनसुना करने वाले...

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छूटा हुआ कुछ By Ramakant Sharma

‘उफ, क्या कहानी है’ – उमा जी ने उस पेज का कोना मोड़कर किताब बंद की और अपना चश्मा पास की मेज पर रखकर तकिये पर सिर रखते हुए अपने दोनों पैर पलंग पर पूरे फैला लिये। वे कुछ देर तक वैसे ह...

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समय का पहिया By Madhudeep

समय का पहिया

बीसवीं सदी मै लिखी गई कहानियाँ

-हिस्से का दूध
-तनी हुई मुठ्ठियाँ
-शासन
-अस्तित्वहीन नहीं
-अपनी अपनी मौत
-नियति

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तेरे सुर और मेरे गीत By S Sinha

सुनील सैन फ्रांसिस्को से हवाई द्वीप के क्रूज शिप पर इंजीनियर था . सैन फ्रांसिस्को पोर्ट से निकलने के बाद करीब 18 दिन बाद हवाई द्वीप से वह वापस आया करता था . सैन फ्रांसिस्को से...

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तेरे शहर के मेरे लोग By Prabodh Kumar Govil

( एक )जबलपुर आते समय मन में ठंडक और बेचैनियों का एक मिला- जुला झुरमुट सा उमड़ रहा था जो मुंबई से ट्रेन में बैठते ही मंद- मंद हवा के झौंकों की तरह सहला भी रहा था और कसक भी रहा था।ईम...

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एक चिट्ठी प्यार भरी By Shwet Kumar Sinha

प्रिय पापा, सबसे पहले तो मुझे क्षमा करें मैने आपके लिए आदरणीय के स्थान पर प्रिय शब्द का इस्तेमाल किया। दरअसल कई बातें थी जिन्हे कहने के लिए मुझे इस चिट्ठी का सहारा लेना पड़ा। नहीं...

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एक रिश्ता ऐसा भी By Ashish Dalal

स्कूल प्रांगण में प्रवेश करने का एक मात्र यही रास्ता था । पिछली रात हुई जोरदार बारिश की वजह से पूरा रास्ता टूट चुका था । रास्ते पर पानी भर जाने की वजह से सभी को इस रास्ते से अन्दर...

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दस्तक दिल पर By Sanjay Nayak Shilp

आज से एक कहानी श्रृंखला शुरू कर रहा हूँ, ये वो कहानी है जिसने मुझे लंबी कहानियों को लिखने की क्षमता प्रदान की थी और कहानीकार से उपन्यास कार बनने को प्रोत्साहित किया
"दस्तक दिल...

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परिवार, सुख का आकार By Kamal Bhansali

रिश्तों की दुनिया की अनेक विविधताएं है, रिश्तों के बिना न परिवार, न समाज, न देश की कल्पना की जा सकती है, कहने को तो यहां तक भी कहा जा सकता कि रिश्तों बिना जीवन कैसे जिया जा सकता है...

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भीतर का जादू By Mak Bhavimesh

उम्ब्रालूना के एकांत द्वीप पर, जहाँ आपस में जुड़ी परछाइयाँ अनकहे रहस्य समेटे हुए थीं, एक मनोरम कहानी सामने आती हैं। इसके किनारे, कोमल उतार-चढ़ाव और एक रहस्यमय समुद्र के प्रवाह से द...

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साहेब सायराना By Prabodh Kumar Govil

कहते हैं कि अपनी जवानी में हर कोई ख़ूबसूरत होता है। जवानी इंसान की ज़िन्दगी में एक बार आने वाला वो मौसम है जो जिस्म के पोर- पोर को फूल की तरह खिलाकर एक शोख चटक के तड़के से खुशबूदार...

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आज की द्रौपदी और सुभद्रा By आशा झा Sakhi

स्त्री मन बहुत विचित्र है जिससे स्नेह करता है उसके लिए अपना सर्वस्व निछावर कर देता है।जो भी उसका अपना है,चाहे वो प्रेम हो,पति ,बच्चा या उसका घर हो।स्त्री हर चीज अपने परम स्नेही से...

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बेटी’ By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

‘दो शब्दों की अपनी राहें’’

मां के आँचल की छाँव में पलता, बढ़ता एक अनजाना बचपन(भ्रूण), जो कल का पौधा बनने की अपनी अनूठी लालसा लिए, एक नवीन काव्य संकलन-‘‘बेटी’’ के रूप में, अपन...

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पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य By Praveen Kumrawat

पालटेराजेस्ट फेमामेना, आडिटरी हेलसिनेशन, फिजीकल ट्रांसपोजीशन, द्विजिनरी एक्सपीरियेन्स, स्प्रितिपाजेशन प्रभृति वैज्ञानिक कसौटियों पर कसे गये घटनाक्रम एवं अनुभवों द्वारा आत्मा और शरी...

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हम कैसे आगे बढे By Rajesh Maheshwari

यह घटना मगध की है। मगध के एक छोटे से राज्य के राजा की कोई सन्तान नहीं थी। जब वे वृद्धावस्था के करीब पहुँचे तथा उन्हें लगा कि उनके जीवन का सूर्य अब अस्ताचल के करीब जा रहा है और सन्त...

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स्वतंत्र सक्सेना की कहानियाँ By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

कहानी स्मृति की पोटली होती है| जो कुछ घट चुका है उसमें से काम की बातें छाँटने का सिलसिला कहानीकार के मन में निरंतर चलता रहता है| सार-तत्व को ग्रहण कर और थोथे को उड़ाते हुए सजग कहानी...

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तर्ज़नी से अनामिका तक By Rajesh Maheshwari

उपरोक्त स्वरचित कविताएँ मेरे जीवन का आधार हैं और इनकी भावनाएँ मेरे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। मानव अपने जीवन की पहली श्वांस से मृत्यु की अंतिम श्वांस तक संघर्षरत् रहकर अपनी कल्पनाओं...

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अपना आकाश By Dr. Suryapal Singh

उपन्यास समाज का यथार्थ बिम्ब है विविधता से भरा एवं चुनौतीपूर्ण । उपन्यास लिखना इसीलिए समाज को विश्लेषित करना है। 'कंचनमृग', 'शाकुनपाँखी', ‘कोमल की डायरी' एवं &#...

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प्रेम दीवानी आत्मा By Rakesh Rakesh

आयु में अपने से दो वर्ष बड़ी पड़ोस में रहने वाली अंकिता को जब उसके कॉलेज में साथ पढ़ने वाला विक्रम बोलता है "आप गुलाबी साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही हो" तो उसकी यह बात सुनक...

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तानाबाना By Sneh Goswami

आज किसी ने पांच छह लाईन मेंं परिचय माँगा, बड़ी दुविधा में जान आ गई।भला आधी सदी की बात कुल जमा चालीस शब्दों या चार सतरों में कोई कैसे लिख सकता है । जिन्दगी भी ऐसी वैसी नहीं, एकदम ऊब...

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कौन है ख़लनायक By Ratna Pandey

कभी कभी हम जीवन में ऐसे दो राहे पर आकर रुक जाते हैं कि समझ ही नहीं आता कि अब किधर जायें। ऐसे ही दो राहे पर खड़ी थी रुपाली जिसके एक तरफ़ प्रियांशु था और दूसरी तरफ़ अजय। उनमें से कौन उस...

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फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल By Mayur Patel

फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म
कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई फिल्म इतनी बुरी होती है की दिव...

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दो पल (love is blind) By ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

(प्रस्तावना) खुदाने कुछ तस्वीर और तक़दीर ऐसी बनाई है कि एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।कुछ रिश्ते ऐसे बन जाते है कि एक दूसरे से दूर रहना मुश्किल बन जाता है, कुछ रिश्ते ऐसे भी...

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DUNIYA MERI MUTTHI MEIN By Amar Kamble

जोया माथे को हाथ लगा कर basketball hall के stairs पे बैठी थी। उपर से माया stairs उतरते हुए आई और उसने कहा, “जोया, चल ये books renew करनी हैं...” जोया के face को देख...

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राधारमण वैद्य-भारतीय संस्कृति और बुन्देलखण्ड By राजनारायण बोहरे

भारतीय संस्कृति और भक्तिराधारमण वैद्य आचारमूलाः जातिः स्यादाचारः शास्त्रमूलकः। वेदवाक्यं शास्त्रमूलं वेदः साधकमूलकः।। क्रियामूलं साधकश्च क्रियापि फलमूलिका। फलमूलं सुखं चैव सुखमाननन...

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जादू जैसा तेरा प्यार By anirudh Singh

रात के आठ बजे भी गोवा के सेंट मरियम ऑडिटोरियम में आज जबरदस्त चहल पहल थी,आखिर हो भी क्यों न...दौर था यूथ्स 'आइकॉन ऑफ इंडिया' अवार्ड्स प्रोग्राम का....देश भर के सैकड़ो युवा उध...

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Murder @night By Abhishek Hada

Murder @night 1st part 3 जनवरी 2020 अनिरूद्ध मर्डर केस के मर्डरर ने अपना मुंह खोला क्या ? - इंस्पेक्टर नागेश ने थाने में आते ही हवलदार संजय से पूछा। हवलदार संजय ने उसे सैल्युट किया...

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चंद्रमौली - शुभा का चंद्रमौली By Jahnavi Suman

Part 1 - Chandramauli - Shuba Ka Chandramauli

‘‘शुभा एक बात तो बता।’’ मैंने प्रश्न भरी दृष्टि से उन्हें देखा।
वह बोलीं, ‘‘तेरे ससुराल वालों ने तुझे क्यों छोड़ दिया?’’ इतना सुनत...

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फिल्मोत्सव By Mahendra Sharma

हिंदी फिल्म और वेबसिरिज़ रिव्यू.

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कोरोना प्यार है By Jitendra Shivhare

*"मैं* तुम जैसे लड़को को बहुत अच्छे से जानती हूं, जो जानबूझकर लड़कीयों की मोपेट को टक्कर मारते है।" चंचला दहाड़ रही थी। सड़क पर भीड़ जमा होने लगी।

"देखीये मैडम! अनजान...

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देहखोरों के बीच By Ranjana Jaiswal

मैडम,आदमखोर किसे कहते हैं? --उस जीव -जंतु को जो मनुष्य को खाते हैं। -क्या प्रकृति ने उन्हें ऐसा बनाया है? --नहीं,लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से वे किसी का मनुष्य का शिकार करते हैं...

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पुस्तकें By Pranava Bharti

ज़िंदगी की उलझनों के दिन-रात, शामें बँट जाती हैं शब्दों में, चुप्पी साधी नहीं जा सकती यदि कोई संवेदनशील हो --कसमसाते हुए दिनों की आहट उसे परेशान करती ही तो रहती है जब तक भावों का पु...

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दूरी न रहे कोई By Kishanlal Sharma

"क्या लेंगे आप?"तुम कौन हो?" दरमियाने कद की युवती को अपने साामने खड़ा देखकर राजन बोला था।"मैं इस बार मे नौकरी करती हूँ"वह औरत बोली,"वेटर हूँ।"औरत होकर...

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Nafrat e Ishq By Umashankar Ji

चिड़िया की चहचहाहट सुनाई देती है। सुबह के 5:00 बज रहे हैं। दिल्ली का एक शांत मोहल्ला, जहां सुबह की ताजगी हवा में बसी है।

"यॉन, यॉन," सहदेव ने एक लंबी सांस ली और बिस्तर स...

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बंद खिड़कियाँ By S Bhagyam Sharma

“बंद खिड़कियां" सदियों से चले आ रहे पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों के अहं और दंभ के कारण स्त्रियों के प्रति दुर्व्यवहार और अत्याचार तथा स्त्री के विरोध की कहानी है । यह कहानी एक...

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Bunch of Stories By Devaki Ďěvjěěţ Singh

राहुल और अंकिता बहुत ही खुशहाल दंपति थे। दोनों ही मल्टी नैशनल कंपनी में काम करते थे।

अंकिता अपने ऑफिस के काम को लेकर बहुत ही मेहनती थी l उसकी काबलियत को देखते हुए कंपनी ने उसे द...

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आत्मज्ञान By atul nalavade

शांति नगर नामक प्राचीन गांव में, हरे-भरे घाटियों के बीच एक आदर्श संत नामक व्यक्ति स्वामी देवानंद निवास करते थे। देवानंद ने बचपन से ही जीवन के रहस्यों में गहरी रुचि दिखाई दी थी। वह...

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जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है By Ratna Pandey

सेठ हीरा लाल अपनी पत्नी गायत्री के साथ रोज़ की ही तरह आज भी प्रातः काल सैर पर निकले थे। बारिश के दिन थे, बहुत ही खूबसूरत मौसम, ठंडी पवन, शरीर और मन को लुभा रही थी। प्रातः के लगभग पा...

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मोहब्बत तो मोहब्बत है By Vandana thakur

मुम्बई, महाराष्ट्र
मुम्बई साइंस कॉलेज

वो दौडती हुई कॉलेज केम्पस पहुची,,,, वो रोते हुए कॉलेज केम्पस मे चारो तरफ नजरे दौडा रही थी ।

वो भागते हुए पूरे कॉलेज मे किसी को ढूंढने ल...

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भारतका सुपरहीरो By Green Man

कोई गैलेक्सी का जॉर्ज नाम का ग्रह था उधर से एक परीक्षण अंतरिक्ष जहाज निकल चुका था। वो धीरे धीरे दूसरी गैलेक्सी की ओर बढ़ने लगा। जब वो दूसरी गैलेक्सी में प्रवेश करने ही वाला था तभी...

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नियति ...can’t change by anybody By PRATIK PATHAK

शीर्षक: नियति ...can’t change by anybody लेखक: प्रतीक पाठक कहानी के किरदार :1) डॉ.अमित नायक – प्रोफेसर 2) मालिनी - डॉ.अमित नायक की सहायक 3) रंगनाथ उर्फ रंगा - डॉ.अमित नायककी कॉ...

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कर्मा By Sushma Tiwari

देश का दिल दिल्ली, कई सपनों का रंग महल.. सत्ता के गलियारों से लेकर तंग गलियों तक.. कई जिन्दगियों की गवाह दिल्ली, आज भीड़ वाली सड़क पर एम्बुलेंस पूरी तेजी में साइरन बजाते दौड़ी चली...

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घर की मुर्गी By AKANKSHA SRIVASTAVA

अक्सर ससुराल में नई बहू के आते ही उसे जिम्मेदारी के नाम पर अकेले ही हजारों कामो के लिए सौप दिया जाता हैं। बिना यह सोचें कि वह अभी इस घर मे नयी है। हर लड़की को मायके की आजादी से निकल...

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जीवन वीणा By Anangpal Singh Bhadoria

वीणा घर में रखी पुरानी , लेकिन नहीं बजाना आया । सारा घर उस पर चिल्लाया,जिस बच्चे ने हाथ लगाया।। जीवन वीणा के तारों की रीति -नीति नहिं हमने जानी । वीणा घर में रखी पुरानी, कदर न उसकी...

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मुजरिम या मुलजिम? By anita bashal

" एक 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या। क्या हो रहा है हमारे देश में? क्या ऐसे मुजरिम को सजा ए मौत देना चाहिए या नहीं? लेकिन आप यहां देख ही रहे हैं कि कुछ लोग इसे मु...

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असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। By Yashvant Kothari

इस बार महाशिवरात्री और वेलेन्टाइन-डे लगभग साथ-साथ आ गये। युवा लोगों ने वेलेन्टाइन-डे मनाया। कुछ लड़कियों ने मनाने वालों की धज्जियां उड़ा दी और बुजुर्गों व घरेलू महिलाओं ने शिवरात्री...

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छुटकी दीदी By Madhukant

पात्र परिचय -

सलोनी - छुटकी दीदी

भाग्या - बड़ी बहन

ज्योत्सना - माँ

अमर - भाग्या का पति

देवी सहाय - नाना

शारदा देवी - नानी

सीताराम - माँ का चचेरा भाई

सुकांत...

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अथ गूँगे गॉंव की कथा By ramgopal bhavuk

होली के अवसर पर खेतों में मसूर उखाड़ने का कार्य तेजी से शुरू हो गया था ।

आज मौजी जल्दी ही जाग गया था। यों तो रोज ही जल्दी जागना पड़ता है, पर होली के दिन की उमंग और भी जल्दी...

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Dream Love By Hanika

हाय! कितना हैंडसम लड़का है। हे भगवान! बस एक बार मिलादो प्लीज।
हनिका जो की मिडिल क्लास फैमिली से है। जो खुद से ही बातें कर रही होती है। वो जिस लड़के की बात कर रही होती है, वो कोई...

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कुछ चित्र मन के कैनवास से By Sudha Adesh

1-कुछ चित्र मन के कैनवास से नभचर जलथर की तरह थलचर के अनेकानेक प्राणियों में से एक मनुष्य भी एक यायावर प्राणी है । एक जगह बैठना तो मानो उसने सीखा ही नहीं हैं। यात्राएं उसकी जिजीविष...

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विद्रोहिणी By Brijmohan sharma

(ऐक अकेली अबला, बेसहारा, बेबस ऐवम गरीब महिला का पाखंउी, जातिवादि, घोर साम्प्रदायिक संकीर्णतावाद से ग्रस्त समाज से संघर्ष की रोमाचक दास्तान । गरीबों के दुःख दर्द को अनसुना करने वाले...

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छूटा हुआ कुछ By Ramakant Sharma

‘उफ, क्या कहानी है’ – उमा जी ने उस पेज का कोना मोड़कर किताब बंद की और अपना चश्मा पास की मेज पर रखकर तकिये पर सिर रखते हुए अपने दोनों पैर पलंग पर पूरे फैला लिये। वे कुछ देर तक वैसे ह...

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समय का पहिया By Madhudeep

समय का पहिया

बीसवीं सदी मै लिखी गई कहानियाँ

-हिस्से का दूध
-तनी हुई मुठ्ठियाँ
-शासन
-अस्तित्वहीन नहीं
-अपनी अपनी मौत
-नियति

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तेरे सुर और मेरे गीत By S Sinha

सुनील सैन फ्रांसिस्को से हवाई द्वीप के क्रूज शिप पर इंजीनियर था . सैन फ्रांसिस्को पोर्ट से निकलने के बाद करीब 18 दिन बाद हवाई द्वीप से वह वापस आया करता था . सैन फ्रांसिस्को से...

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तेरे शहर के मेरे लोग By Prabodh Kumar Govil

( एक )जबलपुर आते समय मन में ठंडक और बेचैनियों का एक मिला- जुला झुरमुट सा उमड़ रहा था जो मुंबई से ट्रेन में बैठते ही मंद- मंद हवा के झौंकों की तरह सहला भी रहा था और कसक भी रहा था।ईम...

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एक चिट्ठी प्यार भरी By Shwet Kumar Sinha

प्रिय पापा, सबसे पहले तो मुझे क्षमा करें मैने आपके लिए आदरणीय के स्थान पर प्रिय शब्द का इस्तेमाल किया। दरअसल कई बातें थी जिन्हे कहने के लिए मुझे इस चिट्ठी का सहारा लेना पड़ा। नहीं...

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एक रिश्ता ऐसा भी By Ashish Dalal

स्कूल प्रांगण में प्रवेश करने का एक मात्र यही रास्ता था । पिछली रात हुई जोरदार बारिश की वजह से पूरा रास्ता टूट चुका था । रास्ते पर पानी भर जाने की वजह से सभी को इस रास्ते से अन्दर...

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दस्तक दिल पर By Sanjay Nayak Shilp

आज से एक कहानी श्रृंखला शुरू कर रहा हूँ, ये वो कहानी है जिसने मुझे लंबी कहानियों को लिखने की क्षमता प्रदान की थी और कहानीकार से उपन्यास कार बनने को प्रोत्साहित किया
"दस्तक दिल...

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