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Vinay Panwar

Vinay Panwar Matrubharti Verified

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काफ़ी कैफ़े....

" शिवना प्रकाशन" से आयी रश्मि तारिका की कॉफी कैफ़े 16 कॉफी के दानों से भरा एक सहज सरल कॉफ़ी का मग है। कहानियों को पढ़कर जो मेरे मन में आया वही लिख रही हूँ, कोई समीक्षक नही हूँ और न ही अपने से ज्यादा अनुभवी की समीक्षा का साहस कर सकती हूँ। कहानियाँ पढ़कर अपने मन में आये विचार आपसे साझा कर रही हूँ।

1--- वह निशा ही थी- एक ही पंक्ति में कहूंगी कि सार्थक
प्रयास बिखरे रिश्तों को समेटने का। आज की व्यस्तम जिंदगी की जद्दोजहज में जब कहीं किसी को भी रिश्तों को महत्व देते देखती हूँ तो मन प्रसन्न हो जाता है।
2 -- एक मुहब्बत ऐसी भी- बच्चों के परदेस में बस जाने
के बाद वृद्धावस्था में पति-पत्नी
के अकेलेपन से उपजी नोक झोंक के साथ ही जीवन पर्यंत खुद को जवां रखने की जद्दोजहज का सुंदर चित्रण किया है साथ ही हाईटेक होने के फायदे और अति से नुकसान का वर्णन बेहतरीन तरीके से हुआ है। यकीनन किसी भी स्थिति में संतुलन बेहद आवश्यक है।
3 -- गुमनाम पत्र- आजकल किटी का चलन बहुतायत में
है उसे ज्ञानवर्धक और सार्थक बनाने के प्रयास में स्वागत योग्य कदम। विशेषकर घरेलू महिलाओं के लिए।
4-- मुक्ति- कहानी मेरे दिल के सबसे करीब पहुंची।
एक सशक्त महिला के रूप में उभरकर आयी सुष्मिता। गृहस्थी बचाने के लिए समझौता कोई बुरी बात नही लेकिन खुद को रौंद कर समझौते ज्यादा दिन नही टिकते। सुष्मिता सी महिलाओं को मेरा प्रणाम।
5-- मर्जी का सुख- एक औरत की चुप्पी और गलत को
गलत न कहने के कारण घर कैसे बर्बाद होता है इसका सटीक चित्रण किया गया है। पंजाबी शब्दों का और लहजें का प्रयोग रोचक लगा है।अंत में नायिका का मजबूती के साथ उभर कर आना स्तब्ध कर गया।
6--कच्ची धूप- जवान होते बच्चों के भटकते कदम और
उनको सही राह पर लाने की एक माँ की कवायद का भावुक चित्रण। सार्थक दिशा देती हुई कहानी।
7 गार्लिक सटीक - कुछ बातों से असहमति है मेरी
लेकिन लड़कियों स्वावलम्बी बनाने की बात को मेरा समर्थन लेकिन आत्मनिर्भरता का अर्थ यह नही कि उनके मन की मर्जी ही सर्वोपरि। कहीं न कहीं मुझे लगा कि सन्देश को सही तरीके से पहुँचाया नही गया।
8-- प्रस्ताव - कहानी आरम्भ में अतिरिक्त विस्तार सहित
बोझिलता लिए हुए नजर आई। अंत तक गति काफ़ी तेज, रोचक, सारगर्भित और कहानी सशक्त रूप से उभरकर सामने आई। एक सार्थक अनुकरणीय कथानक।
9-- वैल विशर- आधुनिक सशक्त नारी के मन की छोटी
छोटी स्त्री परक इच्छाओं का लाभ उठाता पर पुरुष। पुरुष की छद्म मानसिकता और नारी का जान बूझकर छली जाने का रोचक वर्णन। सभी मनचली महिलाओं के लिए नेक सलाह।।
10--कॉफी कैफ़े- प्रेम के इजहार वाले दिन बच्चों द्वारा
माँ पापा को दिया बेहद प्यार भरा तोहफा। बरसों बाद भी रिश्ते में ताजगी महसूस कराती कहानी।
11--नई सुबह- सच्चे प्रेम की एक पाती प्रेम भरी। हवा के
झौंके की तरह मन को सहला गयी।
12--बस अब और नही- एक महिला के कदम दर कदम
आत्मसम्मान के संग आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम।यकीनन अब समाज सकारात्मक बदलाव की और अग्रसर है।
13--वाह वोमेनिया- एक बेहद प्यारी कहानी। इस तरह
के पल अक्सर जीती हूँ अपनी प्रगाढ़ सखी के सँग तो बहुत अच्छे से समझ पायी। रिश्तों को नई ऊर्जा से भरने वाले पल होते हैं। सभी महिलाओं को अपने लिए ऐसे पल निकालने की सलाह दूँगी।
14--आखिर कब तक-.जो साहस मालती ने 15 साल
बाद दिखाया,काश साक्षी के जन्म के समय ही दिखा देती। नरेश का बदलाव परिस्थितियों के दबाव की वजह से क्योंकि दोनो बेटे भी बहन को घर लाना चाहते थे। आरम्भ में मालती का दबी महिला और अंत में खुल कर सशक्त रूप में सामने आना, स्थिति अनुसार निर्णय लेने की मजबूरी भी दर्शाता।
15--जमा पूंजी- फिर से साबित हुआ कि प्यार अंधा होता
है। माता पिता के जीवन के अनुभवों से बच्चे कुछ बातें स्वीकार कर लें तो बहुत सारी अप्रिय स्थितियों से बचा जा सकता है। प्रशंसनीय कदम साक्षी का कि अति पर पहुंचने से पहले ही दहेज लोभियों को उनका मुकाम दे दिया।
16--इमोशन इन एंड आउट-.लिव इन में रहने वाले जोड़ों
के लिए शानदार सबक। गृहस्थी का सुख निश्चिंत ही स्थायी और शांतिप्रदायक होता है।
जैसा कि रश्मि से ज्ञात हुआ कि प्रूफ रीडिंग का समय नही मिला था तो मुझे वही जगह जगह छोटी छोटी मात्राओं की गलतियों के रूप में नजर आया। मुझे लगता है कि यहाँ प्रकाशक को ध्यान देना चाहिए था आखिर यही छोटी छोटी त्रुटियां उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करती है। कवर पेज पर मग से उठता धुंआ कॉफी की खुशबू को दिमाग में बसाता हुआ उड़ा। सीधी सरल कहानियां दिल को छूती हुई, कुछ नेक सलाह देती हुई तो कुछ समाज की कमजोरियों पर आघात से करती हुई।

भविष्य में आने वाले संग्रहों की अग्रिम शुभकामनाओं सहित।

विनय....दिल से बस यूं ह

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चूड़ियाँ, पायल और पर्दा, यह सब कब शुरू हुए और कब प्रथा का रूप ले लिया यह विमर्श का विषय है। थोड़े से सवाल जवाब हाज़िर हैं आज की प्रस्तुति में।
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https://youtu.be/ntnShm3xSxU

लॉकडाउन अभी जारी है। ऐसे में मेरी तरह ही घरेलू काम निबटाने के बाद बचा वक़्त सभी अपनी रुचियों को दे रहे होंगे। लिखना और फिर रचना को वीडियो में पिरोना, काफी वक्त तो लेता है। आप सभी का मेरे वीडियो को वक़्त देना मेहनत सफल कर देता है।
बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी का💐
आप सभी सुरक्षित, स्वस्थ और मङ्गलमय रहे, ईश्वर से प्रार्थना है🙏 और साथ ही पुनः पहले की तरह दिनचर्या सामान्य हो।
हौसला है तो जीत है
जीत के साथ जीवन है।

विनय...दिल से बस यूँ ही

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https://youtu.be/21vEfqW7jgc

अपने कीमती वक़्त से 2 मिनट निकालकर सुनियेगा ये खट्टी मीठी रचना जो यकीनन आपके चेहरे पर मुस्कुराहट लाने में सक्षम है। सोशल मीडिया पर हुई एक जरा सी चूक और उससे उपजा भय।
दिन मंगलमय रहे आप सभी का।

विनय...दिल से बस यूँ ही

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बहुत बहुत धन्यवाद मातृभारती

महज 1 उपन्यास ने टॉप 100 में 55 वां स्थान दिलाया।


विनय...दिल से बस यूँ ही

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चैनल है dil se bas yun hi


विनय...दिल से बस यूँ ही

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https://youtu.be/tNa0YofI60w
दिल से बस यूँ ही सुनियेगा,
महज 45 सेकेंड का वक़्त निकाल कर,
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वीडियो लाइक किजियेगा🙏
शुक्रिया💐

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लफ़्ज़ों की छेड़छाड़
मौन के साथ
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https://youtu.be/FjIUXK3R3CI

कभी कभी अनायास ऐसे पल मिल जाते हैं जो खूबसूरत लम्हे में तब्दील हो मुस्कुराने पर मजबूर कर देते हैं।
ऐसे ही एक लम्हे की खूबसूरती को महसूस कीजियेगा।

https://youtu.be/ctbrWrpBGJQ

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विनय...दिल से बस यूँ ही

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धन्यवाद मेरे प्रिय पाठकों और सम्पूर्ण मातृभारती टीम को
टॉप 10 में आप सभी के स्नेह की वजह से🙏



विनय...दिल से बस यूँ ही

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