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मैं एक खुली किताब हूँ । समझने वालों ने जिसे पढ़कर समझ भी लिया । फिर भी यदि तुम ही नहीं समझे तो ज़रूर तुमने कुछ पन्ने यूँ ही पलट दिए होंगे । - उषा जरवाल
आजकल दो किलो जितनी लीपापोती करके लोग चेहरे के दाग तो छिपा लेते हैं लेकिन जो दाग उनके मन में होते हैं, उनका क्या ? - उषा जरवाल
वक्त और कदर का रिश्ता भी अनोखा है - जिनकी कदर करो वे वक्त नहीं देते और जिन्हें वक्त दो वे कदर नहीं करते । - उषा जरवाल
जहाँ झुकने से आपसी प्रेम बढ़ता हो, वहाँ झुक जाओ लेकिन यदि हर बार आपको ही झुकना पड़े, तो रुक जाओ । - उषा जरवाल
पहाड़ चढ़ने वाला व्यक्ति झुककर चलता है और उतरने वाला अकड़कर चलता है । जीवन की राह पर यदि कोई झुककर चल रहा तो इसका मतलब है कि ऊँचाई पर जा रहा है और यदि अकड़कर चल रहा है तो इसका मतलब है कि वह नीचे जा रहा है । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
यदि जीवन में खुश रहना है तो दूसरों की ज़िंदगी में ख़ुद को ढूँढ़ना छोड़ दीजिए । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
‘लगन’ एक छोटा - सा अमात्रिक शब्द है लेकिन जिसे लग जाती है उसका जीवन बदल देती है । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
जीवन में सफल होने के लिए लक्ष्य पर दृष्टि बनाए रखना आवश्यक है । आसपास कौवों के मँडराने से चील कभी अपना रास्ता नहीं बदलती । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
कुछ लोग पहचान से मिले काम से ही संतुष्ट हो जाते हैं और कुछ केवल काम से मिली पहचान से ही संतुष्ट होते हैं । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
कोई भी उलझन केवल तब तक उलझन लगती है जब तक उसे सुलझाने का प्रयास न किया जाए । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
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