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मृग - सा तेरा रूप और मैं तेरी कस्तूरी, मैं तो तुझमें ही हूँ फिर क्यों तेरी आस अधूरी ? - उषा जरवाल
जीवन एक अथाह समंदर है जिसमें कितने भी गोते लगा लो कभी थाह नहीं लगा पाते । - उषा जरवाल
जो वास्तविक है, वह दुर्लभ है और जो बनावटी है वो हर जगह विद्यमान है । - उषा जरवाल
नीचे गिरना एक आकस्मिक घटना होती है लेकिन गिरकर उठने की कोशिश ही न करना आपकी इच्छा पर निर्भर करता है । - उषा जरवाल
अचार की तरह मस्तिष्क में भी फ़फ़ुँद लगती है । इसलिए मस्तिष्क को भी विचार और संघर्ष की धूप दिखाना आवश्यक है । - उषा जरवाल
सफलता के लिए आप कितने भी प्रयास कर लीजिए, अप्रत्याशित घटनाएँ अवश्य होंगी । परिवर्तन प्रकृति का नियम है इसलिए हर एक परिवर्तन के लिए स्वयं को सक्षम बनाइए । - उषा जरवाल
व्यवहार वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से आप किसी के मन में भी उतर सकते हैं और मन से भी । - उषा जरवाल
केवल 2 जून की रोटी खाने के लिए हर दिन क्यों काम करना पड़ता है ? 😂😂😂😂 - उषा जरवाल
यदि आपके पड़ोसी और आपके रिश्तेदार सब आपसे खुश हैं और किसी को आपसे कोई ईर्ष्या नहीं है तो यकीनन आपने कोई ख़ास तरक्की नहीं की है । 😉😜😂😂 - उषा जरवाल
एक स्त्री जब मायके आती है तो उसकी हिरणी - सी व्याकुल आँखें माँ को ढूँढ़ती हैं और जब ससुराल आती है तब पति को ढूँढ़ती है । माँ और पति उसके जीवन के वो आधारस्तंभ हैं जो उसे हर परिस्थिति में मजबूत बनाए रखते हैं और यदि दोनों का साथ न मिले तो वह टूटकर बिखर जाती है । - उषा जरवाल
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