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रास्ते अंजान थे वक्त भी कुछ और था हम भी नादान थे और वो शख्स भी कुछ और था अब न वो भूल दोबारा हो पाएगी चलते जाएंगे हम और अकेले चलने की आदत पड़ जाएगी - Shristi
यूं ही हिम्मत नही छोड़ देता इंसान परीक्षा तो वो भी देता होगा बहुत सम्भल कर चलने पर भी आखिर कभी कभी पैर डगमगा जाते हैं - Shristi
टूटे दिल का हिस्सा है वो प्यार से प्यार जताने का किस्सा है वो क्या सोचा उसने की हम भूल गए मेरे हर पल का हिस्सा है वो - Shristi
टूटा है दिल तो टूटा ही सही जी लेंगे उनकी यादों के सहारे उन यादों पे हक है मेरा वो जीवन का अनमोल हिस्सा है मेरा - Shristi
जो बचपन था हमारा वो था कितना प्यारा दिन भर मुस्कुराते थे हस्ते और खिलखिलाते थे हाथों में चुर्री फसाके दुनिया को नचाते थे बस्ता उठा के स्कूल का जिंदगी के बोझ से बच जाते थे देकर परीक्षा बोर्ड की हम खुद को धौंस दिखाते थे मुहल्ले भर में घूम कर गर्मी की छुट्टियां मनाते थे साइकिल का पहिया घुमा के हम मम्मी की डांट भुलाते थे पापा से बच कर हम छुप कर सीटी बजाते थे बहुत खूब वक्त ने करवट खाई है जिस बचपन में बड़े होने की दुआ मांगी थी आज उसी वक्त ने जिंदगी की असलियत दिखाई है स्कूल का बस्ता हल्का था पर भारी हैं जिम्मेदारियां तब हस्ते हस्ते समय कटता था अब धुंधली हो गईं हैं अपनी सब किलकारियां
कुछ तो बाकी रह गया था कहना जो हम तुमसे कह ना सके जिंदगी के सफर में पूरा साथ निभाया हमने पर शायद इतना प्यार तुम सह ना सके -Shristi
ए दिल में बसने वाले अब तो मेरा पीछा छोड़ दो पास रहकर तो बर्बाद कर रखा था कम से कम दूर रहकर तो आबाद कर दो -Shristi
क्या कहूं वक्त की खता क्या है जिसने झेला जितना बस उसी को पता है खुशी के पल हैं चार तो उसके बाद गमों की लटा है बचपन के बाद यौवन फिर बुढ़ापे की सजा है जिसने कमाया पुन्न उसी के पास जीवन का असली मजा है धन तो धुल जाता है जीवन के व्यापार में सुख मिलता है उसको जो बच जाता है इस कारोबार में रात के बाद सुबह फिर दिन की रज़ा है करते जाओ कर्म जो इस धरती की प्रथा है नाचते रह जाओगे तुम इस संसार में और प्रभु मुस्कुराएंगे अपने ही अंदाज में
अकेलापन किसीको खाता नही है अपनो का साथ कभी डराता नही है गर है कोई जिससे तुम सहम जाओ तो ऐसा अपना तुम्हे भाता नही है -Shristi
शक्ति भी वो चंडी भी वो है वो ही मूरत ममता की उनको करु शत शत प्रणाम जो हैं संगिनी अपने भोले की -Shristi
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