Quotes by Sanket Gawande in Bitesapp read free

Sanket Gawande

Sanket Gawande Matrubharti Verified

@sanket_0_6
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on last weekend when I was wondering near the beach ...I swa one girl who is seating on rock Alone and just staring towards the ocen and that beautiful sunset maybe see is in deep thought and suddenly this line come in my mind so I note it down.......
.........
मैं भी सोचूं,
समंदर आज इतना शांत सा क्यों लग रहा है,
लहरें भी आज चुप हैं,
जैसे किसी की बात सुन रही हैं…

शायद…
कोई आया है इससे मिलने,
कोई जो खुद भी समंदर सा गहरा है,
जो जज़्बातों का सैलाब है,
और खूबसूरती का एक बेमिसाल दरिया है…

हवा भी धीरे से चल रही है,
जैसे उसके कदमों की आहट सुन रही हो,
रैत भी रुक सी गई है एक जगह,
जैसे उसके नर्म पाँव का एहतराम कर रही हो…

वो जो आया है,
शायद अपनी तन्हाई को छोड़ने,
अपने बातों को बयां करने,
या फिर समंदर से ये कहने,
कि उसके दिल में भी अब एक तूफान सा उठ रहा है...
जज़्बातों का बवंडर बढ़ रहा है...

यूँ तो समंदर तू शांत सा दिखाई दे रहा है,
लेकिन अंदर कहीं तेरे भी एक लहर सी उठ रही है…

जैसे समंदर भी उसके ग़मों से बेचैन हो,
जैसे उसके ग़मों को अपनी गहराइयों में छुपा लेना चाहता हो…

आज समंदर और वो,
दोनों एक जैसे से लग रहे हैं…
एक गहरा, एक बेचैन…
एक शांत, एक उदास…
एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते दोनों साथ…

और मैं सोचता रहा,
आज समंदर इतना शांत सा क्यों लग रहा है…

आज समंदर इतना शांत सा क्यों लग रहा है…

_Sanket.

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Dhundana chaho to yaha har yek kisso me khushi hai,
har yek lamhe me khushi hai,
bat itni si hai hame bas,
yek kadam aage badke use hame apnana hai.....

spread Smile😃 spread Kindness❤️

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thought....

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वक़्त वक़्त वक़्त....

वक़्त के साथ हर बात पुरानी हो जाती है,
वक़्त में ही हर एक कहानी छुप जाती है।

वक़्त ही वो है, जिसमें नज़दीकियां बढ़ जाती हैं,
और वक़्त अगर ना मिले, तो दूरियां आ जाती हैं।

वक़्त की ही तो बात है,
जहां ज़माना बदल जाता है।
वक़्त की ही तो बात है,
जहां कोई गरीब से अमीर, और अमीर से गरीब बन जाता है।

वक़्त वो है जिसमें बचपन जिया जाता है,
और यही वो वक़्त है जिसमें जवानी से बुढ़ापे का सफ़र गुज़र जाता है।

कहीं पहुंचे या ना पहुंचे,
यह वक़्त हर जगह पहुंच जाता है।

यार से लेकर प्यार तक,
और प्यार से लेकर परिवार तक,
यह वक़्त ही है जो हर नाते को बांधता चला जाता है।

कोई वक़्त से वक़्त निकालकर आता है,
और कहीं कोई वक़्त, किसी और को वक़्त देता है।

यह वक़्त ही अनसुलझा सा सुलझा है,
इसे सुलझाने की कोशिश में भी यह कमबख्त वक़्त ही चला जाता है।

- संकेत

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"We wander lost in the maze of our reality, unaware it might be the crafted playground of another's game in the vast expanse of the universe....."


- Sanket Gawande

Aksar ye Pahad muje apni tarf bulate hai .... najane har bar yek nahi kahaniya batate hai.....
sukoon .....

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Live Love Lough

Be yourself Free and Enjoy The Every Moment Of Life ...

Happy Navratri ♥️🌿😃

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