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आत्मग्लानि पश्चाताप दूसरे के सही होने का प्रमाण नही बल्कि दूसरे के व्यवहार से प्रभावित प्रत्युत्तर होता है।। - Ruchi Dixit
मुझे न अच्छा बनना है न बुरा मुझे वो बनना है जो तु बनाना चाहती है। मुझे न अच्छा करना है न बुरा बस वही करना है जो तु कराना चाहती है। मुझे न पाप के मार्ग पर चलना न पुण्य के मार्ग पर ! मेरा हाथ पकड़ चलना है मुझे जहाँ तु चलाना चाहती है। - Ruchi Dixit
पत्नी के लिए उसका पति गर्व होता है। जिसकी भावना सम्मान सुरक्षा और सच्चाई पर टिकी होता है। इनमे से यदि एक का भी आभाव है तो असंतुष्टि स्वभाविक है। पति अपनी जरूरत के लिए अपने माता पिता से माँग सकता है लेकिन पत्नी केवल अपने पति से ही माँग सकती अथवा माँगना उचित है। - Ruchi Dixit
कड़ुआ लग सकता है किन्तु सच है। बहु कभी बेटी नही बन सकती वह कर्तव्य मे बेटी से कहीं अधिक हो सकती है किन्तु अधिकार मे केवल बहु। हाँ प्रिय भी हो सकती है लेकिन बेटी नही। हर रिश्ता स्वयं मे पूर्ण है किसी रिश्ते को किसी दूसरे रिश्ते से तुलना करने का अर्थ पहले रिश्ते को निम्नतर समझना। यह सोच अपेक्षा उपेक्षा से उत्पन्न हुई है। - Ruchi Dixit
सामन्य ! सामन्यतर! विशेष ! विशिष्टतर ! विशिष्टतम !!! सभी स्तरों पर सत्य ही प्रेम करने योग्य और सुन्दर है।। - Ruchi Dixit
विश्वास भी दे रही दे वही संशय भी मुझमे मेरा करने जैसा कुछ नहीं।। आँखों से छलकती केवल अरदास है लगता है मुझको हरपल तु मेरे आसपास है, भीतर मेरे मुझसे पहले मुझमें खास है।।
भावना की गुफा से होकर विचारो के रास्ते निकलते हुए निर्णयों के पश्चात अक्सर प्रतीत हुआ कमी है।। - Ruchi Dixit
मुड़ने से पहले मोड़ ला देता है जो भटकूँ राह बता देता है यूँ ही नहीं दिवाना तेरा कोई तु जिसे चाहे दिवाना बना लेता है,,, एकम🕉❤🕉 - Ruchi Dixit
जहाँ विकल्पों का आभाव हो और विकास से संभावित अपेक्षायें निर्णय के लिए प्रेरित करें वहाँ स्व परिक्षण के आधार पर जोखिम ले लेना भी उचित विकल्प होता है। - Ruchi Dixit
आसमान दूर सही मगर आसमान कुछ नहीं ।। - Ruchi Dixit
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