The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
गर्भनाल से छूटने के बाद हम उस नाल को भूल जाते हैं और पकड़ना शुरू कर देते हैं बस कठिनाई इतनी है! कष्ट यही है।। - Ruchi Dixit
जो कहीं न टिका वो कहीं तो टिकेगा! बनाया जो उसने यूँ ही थोड़ेही मिटेगा!! - Ruchi Dixit
सब अपराधो मे एक अपराध किसी को किसी के द्वारा दी गई झूठी आस । झूठी संवेदाओं से घिरी इस दुनिया में आज इसका बेहतर चलन है।। - Ruchi Dixit
तु मुझे भीतर से जानता है मै तुझे बाहर से समझ न पाई हूँ। बस।। - Ruchi Dixit
सवाल जब खुद ही जवाब बनने लगे तो अपेक्षा ,उम्मीद दामन छोड़ देते हैं।। - Ruchi Dixit
अनगिनत बार लिख कर मिटाये शब्द उँगलियो ने भावना से बनी ही नहीं,,, - Ruchi Dixit
मरूँगी नहीं! मिटूँगी नही जाने क्यों इतना पता है बात केवल इतनी सी देख पाऊँगी क्या मुझमे, मुझसे जो जुदा।। - Ruchi Dixit
सूरत मूरत केवल पता है मेरे भीतर वो है जो तेरे भीतर बसा है। सब बाहर से भीतर जाते हैं मुझे भीतर से बाहर की ओर निकलना है। - Ruchi Dixit
शिकायत जब शिकायतो की वजह बने तो शिकायत शिकायत होकर भ शिकायत नही रह जाती।। - Ruchi Dixit
बेवक्त बेतरतीब दवाओ से इलाज भला कहाँ होता है।। - Ruchi Dixit
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser