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Shree...Ripal Vyas

Shree...Ripal Vyas Matrubharti Verified

@ripalvyas73gmail.com172629
(111)

जिंदगी के मिजाज को लूटना है आज
कुछ नए अंदाज में झूमना है आज
प्रकृति की गोद में घूमना है आज
कुछ ठहराव लाना है आज
यूंही चलते चलते देख लिया पीछे आज
बचपन के कोने में बैठी थी मायूस इच्छाएं
बोल पड़ी अचानक से वो
कब तक जिएगी दूसरों के लिए
कभी खुद के लिए तो जी
तब दिल में कुछ स्पंदन सा हुआ
होठों पे आई हल्की सी मुस्कराहट आज
भागी में आयने के सामने
सोच पे पड़ी कैसे करूं सिंगार
खो गई जैसे पाखर में आई वसंत
फिर से मचल गई आज
नदी के प्रवाह में बहना है आज
बरगद की डाल पर झूला झूलना है आज
फूलों की बरसा में भीगना है आज
इंद्रधनुष के रंगों में रंग जाना है आज
हवा की लहरों में उड़ना है आज
पंछियों के कलरव में गाने हैं गीत आज
जीवन के मिजाज का आनंद लेते बढ़ना है आगे आज
- Shree...Ripal Vyas

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શબ્દ ની ભીનાશ અને લાગણી ની ભીનાશ
વચ્ચે નો ભેદ સમજાય તો
વરસી ને ખાલી થયેલ વાદળ ની
ભીનાશ નો ભેદ સમજાત
- Shree...Ripal Vyas

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હું જે નજરે છું તે
સામેના અસંખ્ય
નજારા માટે...
પણ
હું છે જે ખરેખર છું તે
ફક્ત તારા માટે....
હું હસુ તો જરૂરી નથી કે ખુશ છું
હું રડું તો જરૂરી નથી કે દુઃખી છું
કયારેક હસુ છું સમાજ ને ખુશ કરવા
ક્યારેક રડું છું સમાજ ને ખુશ જોઈને
આ બંને નો તર્ક ખૂબ નાજુક છે
જે સમજવા માટે સંવેદના પણ બારીક જોઈએ
- Shree...Ripal Vyas

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फागुन का महीना आया साथ लाया रंगों की सौगात रे
राधा बोली कृष्ण से तैयार रख तेरी टोली रे
आ रही हु चुपचाप भीग जा मेरे रंगों में
रंग जा मेरे रंग में मत खेल मुझसे आंख मिचौली रे
भूल जाऊ संसार सारा खेलूं जब तेरे संग होली रे
रंगों की ये रंगीन वादियों में भीग जाए जग सारा रे
लिपट जाए रंगों की बौछारों में हर कोई तेरे प्यार में
कृष्ण बोला राधा से बंध गया में तेरे संग रे
चल आज खेल मेरे साथ रंग ताली रे
स्नेह मिश्रित रंगों से रंग गया तेरे प्यार में
हो गए एकाकार राधाकृष्ण रे लिन हुआ जग सारा रे
बरस पड़ी फूलों की सौगात रे
आओ हम मनाए होली रंगों की पिचकारी से भर दे दिल सारा रे


- Shree...Ripal Vyas

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है ये मिट्टी दिया फिर भी
कर दे उज्वल सारा जहां

आया रोशन दिवाली त्यौहार
सब के दिल को करने पुलकित

हुआ जग सारा जग मग
जग मग
किया गुलशन नील गगन

बने हम अपने दीपक
झांके हम खुद को खुद के आईने में

कही मलीनता दूसरों ढूंढते
खुद की बढ़ तो नहीं गई

स्पंदित हुए दिल सबके
अंकुरित हुआ स्नेह उजास

सारे सितारे चमक रहे है
खुशिया जैसे दमक रही है

अपनत्व की बरखा बरसे
मुस्कान जैसे जश्न मनाए

आओ मिलकर गले लगाए
नूतन वर्ष को स्नेह से भर दे

चमकते हुए सितारों से
जग हुआ गुलशन गुलशन

Shree....Ripal Vyas

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શું હસે છે ઓ જિંદગી....
પહોંચવા દે તરંગો ને કિનારા સુધી
પહોંચવા દે તેની વાતો તેના સુધી
કાલે શું હતા ને આજે શું છીએ
સમજવા દે કિનારા ને દરિયા થકી
ક્યાંક પ્રેરણા બની સમજાયેલ તે વાતો
ક્યાંક ઠોકર ખાઈને સમજાયેલ તે વાતો
સમુદ્રના ઘુઘવાટ માં કોઈ નાવ બની સહારો બનવા દે


- Shree...Ripal Vyas

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ऐसे ही नहीं बने आप प्रियतम
दिल में स्थान ऐसे ही नहीं मिला
आपकी हरकतों ने बनाया हमे स्नेहिल
आपके मधुर व्यवहार ने किया हमे सम्मानित
हमारी मुश्किल डोर के संचार आप बने
हमारे उलझे हुए रास्ते के पथ दर्शक आप बने
हमारे मन को चुराने वाले चोर आप बने
हमारे हर व्यवहार को सहज स्वीकारने वाले आप
हमारी खुशी में बढ़ावा देने वाले आप
मुरली की आवाज से सम्मोहित करने वाले आप
रासलीला रचाके हमे लालायित करने वाले आप
प्रियतम कान्हा आपकी ये राधा हर एक क्षण आपमें जीती है
- Shree...Ripal Vyas

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तेरी श्रृष्टि मधुर ...
तेरी भक्ति मधुर...
तेरी लीला मधुर...
तेरा स्नेह मधुर...
तेरे नयनकमल का
पान मधुर
- Shree...Ripal Vyas

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સ્ત્રીનું ઋણ

कुछ अनकहे लफ्ज़ एहसास बनके रह जाते है
कुछ लब्ज़ अनकहे ही अच्छे होते है
कुछ अनकही बाते यादों की पलकों पर जुलती है
कुछ बातें अनकही ही सुकून देती है
जब अनकही बाते एक कहानी रूप धारण करती है
तब अभिव्यक्त करने के लिए कलम साथ देती है
जब अनकहे शब्द खुद की एक दुनिया रचाता है
तब दिल के दहलीज पर अश्रु सौदर्य की माला सजाता है
कुछ अनकही बाते ना कहेना ही मुनासिम होता है
क्योंकि इस अनकहे लब्ज़ ही जीवन बदल देता है

- Shree...Ripal Vyas

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