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कही होकर भी नहीं हूँ, कहीं न होकर भी हूँ...!! बड़ी कशमकश में हूँ कि कहाँ हूँ और कहाँ नहीं हूँ...!!
મૃગજળની મમત nice http://matrubharti.com/book/9227/
तेरे सिवा कोई नही इस दिल मै तू यकीन कर ले मेरा खुदा जानता है मै भी हूँ तेरा और ये दिल भी तेरा है.....
દરરોજ કોઈ સપનુ ટુટી જાય છે... દરરોજ કોઈ પોતાનુ રીસાઈ જાય છે... ના જાને મારા નસીબમાં શુ છે... જેમને યાદ કરું છું એ જ લોકો મને ભૂલી જાય છે...!! *શબ્દોની રમઝટ*
मैं थक गया था परवाह करते करते,,, जब से बे-परवाह हुआ, सुकून में हूँ...!!!
Main tujhse ab kuch nahi mangunga E-Khuda, . Teri dekar Cheen lene ki Aadat mujhe pasand nahi... ¤
आईने को क्या खबर इस भेद की .. के एक चेहरा ...चेहरे के अन्दर भी होता है !!
मैं तुझे बार-बार इसलिए समझाता हूँ ए-मेरे दोस्त.. तुझे टूटा हुआ देखकर मैं खुद भी टूट जाता हुं
मुसीबतों का बड़ा बोझ है मुझ पर किसी हदों से गुजर न जाऊं मैं, मेरे मौला सवार दे मुझको रेत की तरह बिखर न जाऊं मैं,,
*ये ना पूछना*... *ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती है,* *क्योकि शिकायते तो उन्हें भी है*.. *जिन्हें ज़िन्दगी सब देती है*.
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