Quotes by Pragati in Bitesapp read free

Pragati

Pragati

@pragatiraut930gmail.com728170


पहाड़ों की सर्दी और मेरी सांसों में बसी तेरी सांस
वो ठंडी हवाएं और तेरी बाहों का गरम एहसास......

तेरी आगोश में सिमटी हुई मेरी रात
सिले थे लब और आंखो से हो रही थी बात......

चारों ओर अंधेरा और जहन में लगी आग
तेज होती धड़कने और साथ संगीत भरा राग......

पल पल बढ़ता हमारी चाहत का एहसास
बितता हर लम्हा ले आया और हमें पास.......
- Pragati

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आधा सच......

मिलके तुमसे जन्नत मैंने पा ली,
लगा जैसे हर ख्वाहिश पूरी हो गई ......

पहली बार कोई अपना लगा था ,
जिसके लिए दिल में कुछ अरमा जगा था ........

हर राज खोलकर मैंने  तेरे सामने रखा था ,
तेरी सुरत में जैसे मुझे रब दिखा था......

तेरे साथ जिंदगी जीने लगी थी,
पाकर तुझे खुदको खोने लगी थी.......

साथ तेरे ख्वाबों के आसमां छू रही थी,
सारी दुनिया से में बेगानी हो रही थी ......

प्यार में तेरी ऐसी ऐंठी मै,
जो ना कहा वो भी मान बैठी मैं.......

मैने तुझे चाहा ये आधा ही सच था ,
तू भी चाहता है मुझे ये तूने कहा ही कब था .......

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खुशी आँखो से झलकती है बातो से नहीं
चाहत सिर्फ तुमसे है लाखो से नहीं .......

गुलमोहर प्रेमाचा.......

प्रेम आपले फुलावे गुलमोहरा परी
असो परिस्थिति विपरीत जरी .......

साथ असावी आपली अशी
सोबती डोळ्या पापणी जशी ........

क्षण हर क्षण तु सोबत असो
कधीच आपल्यात दुरावा नसो.........

मिठीत तुझ्या अशी मी विसावे
विसरुन जग सारे फक्त तु दिसावे.......

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