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Munish Kumar

Munish Kumar

@muunii


तन्हाई का डर #tanhai #emotionalshayari

तन्हाई का डर, वो खामोश साये जैसा है
जो दिल के कोनों में चुपके से बस जाता है।

जब रात की सन्नाटा गहराता है,
और चारों तरफ़ सिर्फ़ अपनी साँसों की आवाज़ होती है,
तब ये डर सीने में उतरता है।

ये डर किसी इंसान का नहीं,
उस खालीपन का है जो अपने ही वजूद से सवाल करता है।

कभी-कभी तन्हाई वो दर्पण होती है
जिसमें हम ख़ुद को देखते हैं...
पर चेहरा धुंधला लगता है।

डर इस बात का नहीं कि कोई साथ नहीं,
डर इस बात का है कि कहीं हम ख़ुद से ही दूर न हो जाएँ।

पर जान लो—
इसी तन्हाई में खुद को समझने का मौक़ा छुपा होता है।
जब दुनिया खामोश हो,
तब दिल की आवाज़ साफ़ सुनाई देती है।

तो तन्हाई से डरने के बजाय,
उसे गले लगाओ।
क्योंकि शायद वही तुम्हें… तुमसे मिला दे।


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माँ का इंतज़ार#maa #emotionalshayari

वो इंतज़ार अब भी करती है,
दरवाज़े पर खड़ी राह तकती है।
हम कितना भी बड़े हो जाएं,
माँ के लिए तो आज भी बच्चे ही रहते हैं।

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