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Kshitij daroch

Kshitij daroch

@kshitijdaroch
(24)

दुनिया की भीड़ में जब खुद को अकेला पाएगी...
मुझे पता है तू अपना दर्द किसी को नहीं बताएगी...
मुझे तो भुला दिया तूने पर कम से कम मेरा पता याद रखना...
किया था तेरे किसी आशिक ने तुझसे वादा ये याद करना...
मिलूंगा तुझसे उन्हीं मोहब्बत की गलियों में
जो तेरे घर से होकर बहती हैं...
हाँ तुझे नहीं दिखता मैं पर मेरी धड़कनें
आज भी वहीं रहती हैं...
तू आज़मा के देख लेना हमें , तब भी मोहब्बत लुटा देंगे...
चाहे दर्द दिए हों हज़ारों तूने , तेरी खुशी के लिए सब भुला देंगे...

~ Kshitij daroch

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हमसे बेहतर पाकर भी जब तुझ,
आंखों में नमी महसूस होगी...
100 वजह हो चाहे हंसने की फिर भी,
तुझे मेरी कमी महसूस होगी...
कदर तुझे नहीं थी मेरे इश्क की,
ये बात सोचकर खुद को कोसेगी...
जब तू इश्क के नाम पर किसी को,
अपना जिस्म परोसेगी...

- Kshitij daroch

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तुझे नफरत है मुझसे,
मुझे प्यार के सिवा कुछ है ही नहीं...
ऐसा भी क्या गुनाह किया तुझे चाहकर,
जो तुझे पूरी दुनिया याद है बस एक मैं ही नहीं.....

- Kshitij daroch

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जिंदगी की किताब पर इश्क लिखूँ,
तो वो गमों की डायरी हो जाती है...
लोग कहते हैं मैं शायर हूँ पर मैं हूँ नहीं,
मैं अपना दर्द लिखूँ तो शायरी हो जाती है..

- Kshitij daroch

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मुलाकात नसीब में नहीं,
इसलिए आजकल हवा से बाते करता हूँ...
एक वो है जिसे कदर तक नहीं तेरी आँखों की,
और मैं रोज़ तेरी एक झलक को मरता हूँ...
और अगर मोहब्बतें-इश्क़ गुनाह है तेरी नज़र में,
और अगर मोहब्बतें-इश्क़ गुनाह है तेरी नज़र में,
तो हां मुझे इश्क़ है तुझसे, मैं ये कबूल करता हूँ...

- Kshitij daroch

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डरता बहुत हूँ कि तू गलत हाथों में तो नहीं...
मोहब्बत दिल से की जाती है जज़्बातों से तो नहीं...
फिर भी तुझसे बस यही चाहते हैं...
तू मत आ पर सुन ले बस हम क्या कहना चाहते हैं
आज भी तुम बेहद प्यारी लगती हो...
हमारे उसी अधूरे ख्वाब सी लगती हो...
मत पूछना मुझसे कि ये कब तक करते रहोगे...
कब तक मेरी याद में यूँ ही मरते रहोगे...
जवाब बड़ा छोटा सा है...
चाहे ज़िंदगी भर के सौदे सा है...
जब तक उसके ख्वाब हमें आते रहेंगे...
हम यूँ ही उसकी तस्वीरों को देख मुस्कुराते रहेंगे...

- Kshitij daroch

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बैठ कर हमेशा तेरी याद में नदी किनारे...
पूछते हैं हम कि तेरे बिना ये ज़िंदगी कैसे गुज़ारे...
भुला दूं तुझे ये कोई मज़ाक नहीं...
दुनिया कहती है अब हम में वो बात नहीं...
अब तो उम्मीद को उम्मीद नहीं तेरे आने की...
फिर भी नहीं भूल पा रहा लाख कोशिश कर ली भुलाने की...
सब कुछ पा के भी तेरे बिना खाली सा हूं...
बिना फूलों के बग़ीचे के माली सा हूं...

- Kshitij daroch

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कहते हैं इश्क यूँ सड़कों पे बिकता नहीं...
तभी उस सा नूर किसी में दिखता नहीं...
तुझे अपने झूठे वादों तक पर नाज़ है,
और हमारी मोहब्बत में घमंड दिखता नहीं...

- Kshitij daroch

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आज तू एक बार फिर सपने में दिखी है...
आज फिर हमने एक और शायरी लिखी है...
सुना तो तुझे न कल पाए थे न आज पाएंगे...
हर बार की तरह तेरी तस्वीर को सुनाएंगे...
तेरे ख्याल अब न जाने कितने दिनों तक आएंगे...
और न जाने कितने दिन तुझे फिर से भूलाने में लग जाएंगे...

- Kshitij daroch

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की वो नूर जिसपे मरते थे हम,
उसके बाद वैसा कुछ दिखा ही नहीं...
ये दिल दुबारा किसी पे लगा ही नहीं...
मिलते दुबारा तो बताते ज़रूर...
थोड़ा ही सही पर जताते ज़रूर...
हमारा दर्द तुमसे छुपाते ज़रूर...
तुम्हें आख़िरी बार मनाते ज़रूर...
पर तुम हमेशा की तरह हमें नकार दोगी...
हम तुम्हारे है ही कौन जो तुम हमें प्यार दोगी...
फिर भी हम तो दीवाने हैं रहेंगे भी...
अगर इश्क़ दर्द है तो सहेंगे भी...

- Kshitij daroch

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