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Komal Arora

Komal Arora

@komalarora.444211
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कान्हा अब यू यकीन करना भी मुश्किल सा लग रहा है........
ना जाने खुद ही यकीन फिर खुद ही परेशान हैं...........
इतने रिश्तों से मन टूट सा गया है.........
पर एक विश्वास मन में घर कर रहा है..........
कि सब गलत हो सकते है पर आप के द्वारा किया हुआ फैसला यू मेरी किस्मत का गलत तो नहीं हो सकता..........
बस आस नहीं रख रही हूँ किसी पर बस तुम जो भी करना देख कर करना.........
कि सही की चाह में खो ना जाऊ दोबारा से.........
क्योंकि मुझे मुझ से ज्यादा सिर्फ तुम जानते हो.........
Radhe radhe

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इंतजार करना और करवाना क्या अच्छा लगता है तुम्हें.......
नहीं था वक़्त तो यू मुस्कुराना अच्छा लगता है तुम्हें.......
ना जाने कैसे पर यू पास आकर दूर चले जाना अच्छा लगता है तुम्हें........
यू किसी को ख़यालों में डालना अच्छा लगता है तुम्हें........
पर थोड़ा सोचो अगर इंतजार करने वाले ने इंतजार करना ही छोड़ दिया तो क्या अच्छा लगेगा तुम्हें.........
यू तुम्हारा वापिस आना अगर अच्छा ना लगा उसे तो क्या करोगे..........
वक़्त रहते सम्भल जाए नहीं तो उसके चले जाने के बाद यू बाते याद करते अच्छे नहीं लगोगे|

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मन की बेचैनी का कोई इलाज नहीं है........
तुम हो साथ पर मन शांत नहीं है........
हो सके तो समझ जाना खुद ही.......
क्योंकि यू बता कर मनवाना अच्छा नहीं है.........
यू थोड़ा समय लग जाए.......
कोई बात नहीं.....
पर जब आना पूरे मन से आना.....
और बहुत सारे सवालों का जवाब लेते आना.........

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मुझे खुद का एसे होना अब अच्छा नहीं लगता......
सारी उम्र जिसका इंतजार किया....
उसका यू होना अच्छा नहीं लगा......
ना जाने ये दुख है मेरे हिस्से के.......
या फिर किसी का यू चले जाना अच्छा नहीं लगा........
kanha sorry and thankyou for everything.....

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पता नहीं चल रहा हैं ......
जो है वो सच है या सपना.......
आने की खुशी तो है.....
पर छूटने का डर भी सही है.......
कान्हा यू हौसला बना दो कि अगर गिरने लगूं.....
तो डर ना लगे क्योंकि पता है सहारा आप दे ही दोगे..

.....

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कई बार ज्यादा जमाया गया हक भी खराब कर देता है रिश्तो को.........
अब नए रिश्तो में समझ नहीं आ रहा कि जवाब दे या सुन कर अनसुना कर दे सब कुछ...........

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रिश्तो को कुछ ज्यादा गेहराई से जानने के बाद पता चलता है........
कि जिसके पिछे भाग कर यू खुद को परेशान कर रही थी......
वो तो सिर्फ नाम के थे..........

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Detaching is the phase of life I thought ......
If we feel detachment then we lost interest.......
we don't understand others point of view.....
we don't feel safe or secure when we feel it.......
worse but true

Sometimes sitting alone and think about yourself is the best time ever ..........
Because everytime think about others are not satisfying for ourself.......

Silence is the key for those who don't deserve explanations........