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કોઈ કહે કે નજરના જામ છલકાય છે આંખો પાછળની દુનિયા ક્યાં સમજાય છે! નજરથી નજર મળે ને હોંઠ મલકાય છે આ કેવો દગો મળે ને સૂટકેસમાં પૂરાય છે ન સમજાય આ આંખોની દુનિયા મને હ્રદયમાં ભાવ છે? એ પણ ક્યાં સમજાય છે! હ્રદયમાં લાગણી હોવા છતાં મુંજાઈ જાવ છું આંખો પાછળની દુનિયા ક્યાં સમજાય છે! કોઈ કહે કે ધન વૈભવ, પ્રેમમાં જરૂરી નથી આંખોં પાછળની દુનિયા ક્યાં સમજાય છે! હોંઠ કંઈક કહે, નજરમાં હોય ધન વૈભવ આવી લાલચુ દુનિયા હવે ક્યાં સમજાય છે! - કૌશિક દવે - Kaushik Dave
उसकी भीगी आंखों ने बता दिया कुछ ऐसा अंतिम डग भरते डगमगाने लगे उसके पैर । आंखों में आसूं थे, दिल में निराशा छाई थी जीने से बेहतर है, मरने की कसम खाई थी। हर जगह देखी उसने वासना भरी निगाहें मर्दों की नजर में, औरत कोई खिलौना। टूट जाती है औरत,जब ऐसा देखा करतीं हैं टूटे हुए खिलौने की तरह इस्तेमाल की जाती है। अंतिम डग कहां चलूं, यही सोचते रह जाती है ऐसे ही जिंदगी, टूटता हुआ खिलौना बन जाती है। - कौशिक दवे - Kaushik Dave
"पिता की सलाह और दोस्त" पिताजी, मुझे पाँच सौ रुपए चाहिए। लेकिन बेटा, मैंने तुम्हें कल दो सौ रुपए दिए थे। पिताजी, तुम बूढ़े हो। तुम हमेशा हिसाब माँगते हो। मुझे चाहिए क्योंकि मुझे चाहिए। लेकिन बेटा, हम साधारण मध्यम वर्ग के लोग हैं। हम किफ़ायती तरीके से जीते हैं। मैंने अभी तुम्हारी बी.कॉम की फीस भरी है। तुम्हें पता है कि मैंने ऑफिस से लोन लिया था। मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। मुझे अपने दोस्तों को पार्टी देनी है। बेटा, मैं तुम्हें पाँच सौ रुपए दूँगा, लेकिन समझदारी से खर्च करना। अच्छे दोस्त होना ज़रूरी है। पिताजी, तुम हमेशा शक करते हो। नहीं बेटा, मुझे शक नहीं है, लेकिन मैंने कल एक पुलिसवाले को तुम्हारे एक दोस्त को गिरफ़्तार करते देखा। मुझे तुम्हारी संगत पसंद नहीं है। अगर तुम नहीं देना चाहते, तो मना मत करना। मैं नहीं जाना चाहता। मैं अपने दोस्तों से मिलने चला जाता हूं। गुस्साया बेटा घर से चला गया। पिता चौंक गए। पिता को लगा कि उन्होंने बहुत कठोर बात कह दी है। शाम होने के बाद भी बेटा घर नहीं आया। जब उसने टीवी चैनलों पर देखा तो शहर में आगजनी और दंगे हो रहे थे। सरकारी योजनाओं का विरोध करने के लिए कुछ असामाजिक तत्वों ने शहर में आतंक फैला रखा है। जब पिता ने देखा तो पुलिस उसके बेटे के दोस्त जैसे दिखने वाले एक युवक को पकड़कर ले जा रही थी। पिता ने बेटे को फोन किया लेकिन बेटे का फोन नेटवर्क नहीं मिल रहा था। घर पर मौजूद माता-पिता चिंतित थे। रात होने के बाद भी बेटा दिखाई नहीं दिया। घर के दरवाजे पर दस्तक हुई। पिता ने दरवाजा खोला तो बेटा घायल पड़ा था। बेटा कमजोर होकर घर आया। उसने पिता से अपनी गलती के लिए माफी मांगी। उसने कहा कि पिताजी आप सही कह रहे हैं। मेरे दोस्त शरारती और असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर उत्पात मचा रहे थे। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझे भी हॉकी और डंडे से पीटा। मैं मुश्किल से बच पाया। पिताजी आप महान हैं। अगर तुमने अपनी सीख को ध्यान में रखा होता तो यह नौबत नहीं आती। पिता:-"हाँ बेटा, तुमने गलती की। लेकिन तुमने समझा , यही महत्वपूर्ण है। अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। कहावत है कि सुबह उसी क्षण से होती है जब तुम उठते हो। देर आए, दुरुस्त आए।" * पिता जैसा अच्छा दोस्त कोई हो ही नहीं सकता। - कौशिक दवे
આમ તો હું શ્વાસ લેતો હતો વચ્ચે વચ્ચે થોડી ઉધરસ ખાતો હતો આમ તો હું શ્વાસ લેતો હતો સાથે સાથે દવાઓ લેતો હતો.. રહેવા ગયો ફ્લેટમાં દસમા માળે છતાં થોડો થોડો શ્વાસ લેતો હતો કેટલાક વૃક્ષો દટાયા ફ્લેટો નીચે થોડો થોડો તો શ્વાસ લેતો હતો નજર કરી આકાશ તરફ નથી વાદળ, ઘણો તાપ હતો થોડો થોડો શ્વાસ લેતો હતો. - કૌશિક દવે - Kaushik Dave
सर्वश्रेष्ठ की तलाश में.. अक्सर सर्वश्रेष्ठ खो जाता है.. 🙏🏻 सुप्रभात, जयश्री कृष्णा 🙏 - Kaushik Dave
વ્યસનમુક્તિ" તું ગુટખા ખાવાનું બંધ કરો નૈમેષ. પપ્પા,બસ આ છેલ્લી પડીકી છે. આજની કે આવતી કાલથી ફરી શરૂ? પપ્પા,એક વાત કહું. બોલ.. એક શરતે ગુટખા ખાવાનું છોડીશ. બોલ તારી શરત. તો તમે સિગારેટ પીવાની બંધ કરો. આ ટુંકી વાર્તા ઘણું કહી જાય છે. આજે વિશ્વ તંબાકુ નિષેધ દિવસ છે. આજથી અને અત્યારથી જ કોઈ પણ પ્રકારના તંબાકુનું સેવન બંધ કરો. તંબાકુના સેવનથી કેન્સર થવાની સંભાવના ઘણી વધી જાય છે. ખરાબ આદતો છોડો. આપણા સંતોએ પણ વ્યસનમુક્તિ માટે પ્રયત્નો કર્યા હતા. શું આપણે આપણા કુટુંબ પરિવારને પ્રેમ કરીએ છીએ? જો જવાબ હા છે તો વ્યસન મુક્ત થઈ જાવ. આવતી કાલ પર મુલતવી રાખવું નહીં. કારણકે આવતી કાલ ક્યારેય આવતી નથી. આજે અને અબ ઘડી વ્યસનોનો ત્યાગ કરવામાં જ સમજદારી છે. - કૌશિક દવે
"भूतों की गपशप" @कौशिक दवे क्या भूत भी गपशप करते हैं? ऐ सुन बे तमीज से बात कर। मैं इन्सान नहीं हूं। मेरी भी रिस्पेक्ट है। भूतों की बिरादरी में मुझे मान से बुलाते हैं। सोरी सोरी, मेरे सिनियर भूत। वो क्या है कि मैंने मुन्ना भाई पांच बार देखी है। इसलिए मेरी भाषा बंबइया हो गई है। अच्छा! तुम जैसे भूत सारी रात फिल्म देखते रहते हैं और वो क्या कहते हैं? वो अश्लील वेब सिरीज़ इन्सान देखते हैं उस वक्त आप लोग भी देखते हैं। हमारा कार्य क्या है वह भूल जाते हैं। तुम जैसे भूतों की वजह से हम जैसे भूत बदनाम होते हैं। सोरी सोरी, मैं अपना कार्य भूल जाता हूं। लोगों को डराने की जगह मैं फिल्म देखने बैठ जाता हूं। और आजकल मल्टीप्लेक्स में देखने का मन रहता है और सारी रात वहां ही देखते देखते सो जाता हूं। फिल्मों के चक्कर में इन्सान बिगड़ जाता है और अब भूत भी। ठीक है ठीक है आइंदा ध्यान रखना मल्टीप्लेक्स की तरफ़ नजर मत करना। लेकिन सर, हमारे भूतों का कार्य क्या हो सकता है? विविध प्रकार के कार्य होते हैं। उसके लिए अलग से क्लास लेना पड़ेगा। रविवार को मैं ओनलाइन क्लास लूंगा और हमारे कार्यो की रुपरेखा और प्रोमो भी करुंगा। अब बातें बहुत हो गई है। सुबह होने वाली है। जल्दी जाना है वर्ना मेरी भूतनी बेलन से मुझे मारेगी। क्या तुम शादीशुदा हो। तेरे साथ तेरी भूतनी रहती है? तु भी जल्दी चला जा। यह इन्सान लोग हमारे बारे में अनाप-शनाप लिखते रहते हैं। सुना है आज लिपि ने एक सब्जेक्ट दिया है। भूतों की गपशप। तुम पढ़ कर मुझे बताना। हमारे बारे में लोगों की सोच क्या है? मेरा रिचार्ज ख़त्म हो गया है। अच्छा कल फिर मिलेंगे।इसी जगह पर इसी समय। लेकिन सर, मुझे पढ़ने में इंटरेस्ट नहीं है इसलिए फिल्म देखता हूं। इतने में चिड़ियों की आवाज आई और सुबह हो गई। - कौशिक दवे
मेरी हिंदी रचना "बादलों से भरा आसमान"
છેલ્લી મુલાકાત આજે આજે હવે પછી નહીં કાલે કાલે @કૌશિક દવે જ્યારે એણે સ્મિત કરીને કહ્યું મનમાં નિરાશા,પણ મેં સ્મિત કર્યું કેમ કહ્યું હશે એ ખબર નથી પૂછવાની મને હિંમત નહોતી હશે, એની મરજી હશે તો જ ફરીથી એ મુલાકાત માટે કહેશે છેલ્લી મુલાકાત યાદ હતી મને એ હસીને વાત કરતી હતી મને શું બોલી એ યાદ નથી રહેતું બસ એના ખંજન અને સ્મિત ખૂબ ગમતું છેલ્લી મુલાકાત પછી ના કોઈ મેસેજ ચિંતામાં રહેતો,ના કરી શકતો મેસેજ એક બે મહિના પછી ખબર પડી બ્લડ કેન્સર થયું હતું, એ ખબર પડી. એને મળવાની જીદ કરી હતી મેં પણ,દુનિયા છોડી ગઈ હતી એ છેલ્લી મુલાકાતની યાદમાં હતો હું મળી એક ચીઠ્ઠી,આપી હતી એની બહેને વધુ વાતો લખી ના શકું હું છેલ્લી યાદોમાં રહી શકીશ હું! - કૌશિક દવે - Kaushik Dave
पहली मुलाकात में हम तुम्हारे जी रहे हैं हम सिर्फ तुम्हारे लिए। @कौशिक दवे आंखें बंद करके देखते सपने सपनों में भी सिर्फ तुम्हारे लिए। कभी न हुई फिर से मुलाकात फिर भी इंतजार कर रहे हम। कभी न कभी मुलाकात ही होगी पल भर के लिए देखेंगे तुम्हें। अपने दिल की बातें बता नहीं सकते फिर भी जी रहे हैं सिर्फ तुम्हारे लिए। - कौशिक दवे - Kaushik Dave
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