The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
Title....... बावरा मन हां उसने तो कुछ भी नहीं कहा फिर भी इस बावरे मन ने तो मान लिया ना अब कैसे समझाऊ इस बावरे मन को कि तु जिसे सोचता है, वो तेरी सोच से ही परे है नादानियां छोड़....जरा समझदार हो जा क्यूँ रात को उजला सवेरा समझ रहा है क्यूँ पत्थर को हीरा समझ रहा है ये जो सब तुझे आकर्षित कर रहे है ना मृगतृष्णा है.. रेत के रेगिस्तान में समुंद्र सी कल्पना है जिस रहा पर तू चलना चाहता है ना वो पथ तेरे लिए नहीं है पथिक ! वो उँगली तक पकड़ना नहीं चाहता तू क्यूँ कलाई थमाना चाहता है क्यूँ खुद को खोना चाहता है उसमें वो तुझे ढूँढना ही नहीं चाहता है जिन गलियों में तू घूमना चाहता है भटक जाएगा तू इस भूलभूलैय में मुसाफिर !
study motivation 🖤🫶
मातृभाषा ❤️💫🫶पढ़ता ई जीव होरो हुवे🤗
एक पुस्तकालय में रखी पुस्तक तब तक मर्दों का कब्रिस्तान है जब तक वह पुस्तकालय में है वो मुर्दे जिंदा हो सकते है अगर तुम उन पुस्तकों 📚पर लिखे✍️✍️ अल्फाजों को पढ़ो
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser