Quotes by jagrut Patel pij in Bitesapp read free

jagrut Patel pij

jagrut Patel pij

@jagrutpatel1479


एक शमा की ऐसी शबनमी कहानी हो गई,
वो जली इश्क़ में तो जल करके पानी हो गई

कैसा दिखता हूँ कैसा लगता हूँ, क्या फर्क पड़ता है
उसके बाद किसी को अच्छा लगना भी अच्छा नहीं लगता..

मुझें न सिखाओ तहज़ीब-ए-इश्क़
मैंने इक उम्र उसे दूर से देखा है...

बेहद गुरूर चढ़ा बैठे आज हम मात उतार कर
इश्क़ जीता है साहब, दोस्ती के रिश्ते उतार कर

આથમતી સાંજ ને સુરજ ની સાખે
ઢળતી આ આતમની આખર મુલાકાતે..

यूँ तेरे ज़िक्र में गुमान-ए-अदब फ़रमाता हूँ
मग़र रूबरू देख तुझें मैं बेहद घबराता हूँ

तेरी और बहने का बहाना लिए निकले है
देख पत्थर भी मिज़ाज़ शायराना लिए निकले है

अब मुझ पर हक ना जताना तुम
तेरे हिस्से का मर चुका हूँ मैं..

नज़रों को तसल्ली भी कर दे कोई शाम
दिल के बहलने को तेरा नाम काफी है

जिंदगी तेरी सफर में थकान बहोत है
थोड़ी सही उसकी याद बहोत है..

थम सा जाता हूँ शिकायतों के दौर में
यहाँ अपनों के अपनों पर इल्जाम बहोत है..

लगता है उम्र कम पड़ेगी जिंदगी के
मंज़िल मिली मगर इम्तिहान बहोत है..

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