Quotes by Darshita Babubhai Shah in Bitesapp read free

Darshita Babubhai Shah

Darshita Babubhai Shah Matrubharti Verified

@dbshah2001yahoo.com
(1.6k)

मैं और मेरे अह्सास

दो वक्त की रोटी का है खेल सारा l
जग में इन्सान फिरता है मारा मारा ll

सुबह शाम मेहनत करने वाला आज l
इंतजार में है कब चमकेगा सितारा ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

नारी की कहानी सभी ने है जानी l
नारी की शक्ति को दुनिया ने मानी ll

रूख मोड़ के तूफ़ाँ ओ आँधियों का l
रोज प्यार की कलियाँ है ख़िलाती ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

बाद मुद्दतों के आँगन में धूप नजर आई l
कड़ी सर्दी में प्यारी सी गरमाहट लाई ll

मौसम का बदलता अंदाज देखकर आज l
संग पंखी के फिझाओ ने सरगम गाई ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

दिल के ज़ज्बात बह जाने दो l
राज़ की बात होंठों पर लाने दो ll

खामोश रखकर देखते रहो ओ l
ख्वाबों खयालों को आने दो ll

किस्मत से मिलती हुई सारी l
हसीन मुलाकात को पाने दो ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

हाथ की लकीरों के भरोसे पर बैठे मत रहना l
कुछ बनना है तो मुकम्मल मेहनत भी करना ll

किस्मत भी बदल सकती है यकीन करो आज l
हौसलों की कलम से भाग्य की तहरीर भरना ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

पहचान तो है पर पहचान नहीं l
हाल ए दिल से अनजान नहीं ll

प्यार का इश्तेहार कर दिया l
यू पूरे शहर में बदनाम नहीं ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

खुद की अलग पहचान बना तो सही l
दिल में सदाकत की लौ जगा तो सही ll

जीवन जीना बड़ा आसान हो जाएगा l
रूठे को शिद्दत से सीने लगा तो सही ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

एक बार हसीन नज़र से नज़र मिला तो ज़रा l
मुहब्बत का खूबसूरत गुल खिला तो ज़रा ll

महफिल में सब के सामने हाथ थाम कर l
आज दिल की धड़कनों को हिला तो ज़रा ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

#Republic Day
मैं और मेरे अह्सास

छब्बीसवा गणतंत्र दिवस आया हैं l
बड़ी उम्मीद से राष्टध्वज लहराया हैं ll

हिन्दू, मुस्लिम, शीख़, ईसाई सब l
मिलज़ूल कर रहे पैगाम लाया हैं ll

रंग बेरंगी फूलों से गुलशन महके l
मुकम्मल गुलिस्तान आज पाया हैं ll

आजादी की गरिमा को संभालना l
वीरों और शहीदों की छाया हैं ll

देश भक्ति की लौ को जगाने को l
देश वासियों ने वीर गान गाया हैं ll
२२-१-२०२५
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More

मैं और मेरे अह्सास

हाथ छुड़ाने से पहले सो दफ़ा सोच लेना l
मुकम्मल कोई सच्चा साथी खोज लेना ll

यूही नहीं कटता लम्बा सफ़र अकेले ही l
जीवन हराभरा करने गुलों को रोप देना ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Read More