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ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત Matrubharti Verified

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कुछ आस लगाना
बिन बात का अर्थ निकलना,
अनसुनी आहट का भ्रम लेना,
शायद मस्तिष्क में होने वाली
कोई मौजूदगी को पनाह देना है।।।।

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जिंदगी एक विचार है,
तुम जैसे सोचोगे वैसे ही नजर आती है।
विचार को सही अंजाम देंगे तो
रास्ते भी सही नजर आते है।।।
- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

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कुछ रास्तों की मंजिल नहीं होती
तो इसका मतलब ये नहीं है कि
वो रास्ता कही जाता न हो।
हर अजनबी रास्ते ही रोमांच से भरे होते है,
क्योंकि पता ही नहीं होता कि
जाना कहा है।। अनजाने ही सही
पर जान से भी ज्यादा वही रास्ते हसीन होते है।।
- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

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मेरी जिंदगी कुछ ऐसी थी,
रामेश्‍वरम में छोटी कुटिया में,
इस अब्दुल की पुकार हुई।
हां मैं ही था, सितारों में सपने देखनेवाला,
छोटी आँखो मे आकाश नापने वाला।
माँ के आँचल में पलता था,
पिताजी की पड़छाई बनता था,
अनपढ़ थे फिर भी जिंदगी की कहानी रखते थे,
हा वही सिख से आज तक जिया था।
कुछ ऐसी थी जिंदगानी मेरी।।।।।
मन में ऊंची उड़ान थी
आँखो में कुछ करने का जुनून था,
मेरे कदम भले ही छोटे कदके थे,
पर लंबे सफ़र का पथ नापना था।
रुकना, थकना, हारना
मैं जानता नहीं था,
मानता था बस इतना ही
की ,"खुद को गिसलूं"
आने वाले कल(नयी पेढ़ी) को सवारलू..”
दोड़ता रहा हरदम मैं
क्यू की फक्र से खड़ा रहे
मेरा हिंदुस्तान।।
कुछ ऐसी थी जिंदगानी मेरी।।।।

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Good vibes..
ક્યારેક અંતરમાં રમણીય અનુભૂતિ મળી જાય, એના માટે કોઈ પ્રવાસન સ્થળની કે કુદરતના નજારાની જરૂર નથી હોતી. પણ મનમાં જો એક સ્વ કે પોતાના માટેનો નોખો અને શ્રેષ્ઠ વિચાર પણ હિમાલયના પહાડો જેટલી અદ્ભુત શાંતિ પ્રદાન કરી જાય છે. જીવન અંગેનો ખ્યાલ, વિચાર અને મનોસ્થિતિ જ વ્યક્તિની પ્રસન્નતા અને પરમાનંદ છે કે પછી ઊથલપાથલ થતી વિચારોનું વાવાઝોડું છે એ નક્કી કરી લેતું હોય છે. માટે ખ્યાલને ઉમદા બનાવો જીવન ઉમદા બની જશે....
- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

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रोज संघर्ष उठते है मन में,
रोज समाधान ढूंढता है मन,
थक कर जब राह में बैठना
थोड़ी देर के लिए रुकना
कोई कहानी सा लगता है जीवन।

- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

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कितने रिश्ते छूट गए, कितने रिश्ते दूर गए,
मैं वक्त के साथ खुद को पिरोता रहा ।
ये कोई धागा नहीं है कि पिरो के रखलू,
पतझड़ में पते गिरते ही रहते है,
पर वृक्ष मौसम के साथ खड़ा रहा।।

- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

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एक बार रावण तो मर गया है,
फिर क्यों बार बार जलाना है,
जहां कोई राम सा नहीं है,
फिर भी क्यों राम सा दंभ करना है।।।
- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

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ये दिल क्यूं इतनी जिद कर रहा है तू यूंही,
कहा तेरी जिद से पत्थर टूटने वाला है।
होगा कुछ नहीं तेरी बार बार कोशिश करने से,
चोट तो तुझे ही खानी है और दर्द भी तुझसे ही होने वाला है।।।।।
- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત

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