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सावन की धारा बरसे युहीं. - Arun V Deshpande
चारोळी- सांजवेळ **** मन असतो गुंता भावनांचा त्यास आवडे भावनांचे खेळ विरहाचे क्षण नकोसे वाटे नको नको व्याकुळ सांजवेळ । *****
मन मन को समझना कठिन है वह कभी दोस्त होता है, तो कभी दुश्मन बन जाता है । अब जैसा भी है यह , निभाना तो पड़ेगा ही l - Arun V Deshpande
#स्वलिखित रचना कवी-अरुण वि.देशपांडे-पुणे शीर्षक- और थोडी देर.. ----------------------------- दिल की बात कह दू और थोडी देर ठहरो जरा तुम सामने यूं बैठे रहो दिलसे कुछ तो कहो दिल की बात कहूं मै और थोड़ी देर ठहरो जरा हाल मेरा देखलो जरा प्यार महसुस करलो जरा दिन बहार के अब आये है और थोडी देर ठहरो जरा मुझे जबसे प्यार हुवा है दिल मे खयाल तुम्हारा है लगे ना कही ये दिल अभी और थोडी देर ठहरो जरा ----------------------------------------- #स्वलिखित रचना कवी-अरुण वि.देशपांडे-पुणे
किसी दोस्त का बहुत दिन के बाद फोन आता है खुशीयाली पुछता है जब वो दिल भर आता है,आंखे नम हो जाती है । -Arun V Deshpande
अकेलापन तब दूर हो जाता है जब कोई आके अपनापन जताता है -Arun V Deshpande
प्यार जिंदगी की रोशनी है -Arun V Deshpande
कसम लेना वादा निभाना वचन पुरा करना यह Promise" हर समय पुरा करना.. बात यह कभी ना भुलना -Arun V Deshpande
ढलती शाम से कहो कल होगा एक नया सवेरा -Arun V Deshpande
किताबों का साथ हो तो समय का पता ही नही चलता है । -Arun V Deshpande
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