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इश्क का रोग अब इस तरह सताने लगा है, हर एक ख्वाब तेरी याद तड़पाने लगा है, पास ना होकर भी तेरा एहसास होने लगा है, आंखों में नींद न होकर भी तू इनमे आने लगा है, मिलने का खुमार जीने की चाहत को बढ़ाने लगा है, अल्फाज सुनकर दिल, उनके मोह में बंधने लगा है, इश्क का रोग अब इस तरह सताने लगा है॥
Hlo readers! अगर आप मेरी एक और कहानी साथ ही पढ़ना चाहते है तो आप कॉमेंट करके मुझे बता सकते है, जिससे मैं एक और कहानी शुरू करूं। आप लोगों के response पर depand करता है कि मैं "धुन इश्क की दर्द भरी" कहानी के साथ ही एक और नई कहानी शुरू करूं या ना करूं॥ सुप्रभात!✨
मेरे लबों पर मुस्कुराहट के लिए, तुम्हारा दीदार होना जरूरी है, मेरे प्यार के एहसास होने के लिए, तुम्हारे दिल का धड़कना जरूरी है, तुम्हारी महोब्बत पाने के लिए, खुदा से उसकी इबादत करना जरूरी है, इश्क ए दास्तां लिखने के लिए, तेरा भी इस कदर पागल होना जरूरी है! ❣️
दर्द ए महफिल में हम भी अपनी दास्तां ले ही आए, यादों को तुम्हारी हम, फिर से संजो ही आए, तेरे प्यार में, खुद को कुर्बान कर ही आए, अपने दर्द से, सभी की पलकें भीगा ही आए॥
और फिर मैंने, जज्बातों को शब्दों में पिरोना सीख लिया, दिल के अरमानों को दबाना सीख लिया, आंसुओं को छुपाकर हंसना सीख लिया, तुझ बिन भी जिंदगी जीना सीख लिया॥🥀✨
हाथों में हाथ थामकर शामें गुजारना बाकी है, अधूरे अल्फाजों को बयां करना बाकी है, इस कदर समझने लगे है आप हमें जनाब, अभी तो आपसे मुलाकात करना भी बाकी है॥
खुदको खो दिया तुझे पाने की लालसा में, जवाब दे दिया तूने अपने बेतुके इल्ज़ामों में, बेबसी का छाया अन्धकार खुद के ही अरमानों में, तूने खुद को मुझसे जुदा कर ही लिया कागजातों में॥
देखकर किसी और की बाहों में उन्हें, आँखें तो हमारी भी भर आई, धड़कन की आवाज शोर में भी बाहर तक चली आई, दिल टूटा इस कदर अंदर कि रूह भी कांप आई, खुश देखकर उन्हें, लबों पर फिर भी मुस्कान चली आई॥
ना जाने हमसे क्या खता हो गई, हमारी महोब्बत हमसे ही बेवफा हो गई, चाहकर भी उसे करीब बुला ना सके, पास होकर भी हमारे वो इतनी दूर हो गई॥💔🥀
उन सब से रिश्ता तोड़ दिया मैने, जज्बातों को दिल में ही दबाएं रखा मैंने, अनकही बातों को अधूरा ही रहने दिया मैंने, खुद का दिल ही टूट जाने दिया मैंने, इश्क होते हुए भी तुम्हें जाने दिया मैंने॥
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