Quotes by Anamika in Bitesapp read free

Anamika

Anamika

@anamikawrites


"मैं और मेरी तन्हाई"

भीड़ में रहते हुए भी, अक्सर तनहा रहती हूँ,
हर मुस्कान के पीछे, एक खामोशी सहती हूँ।
लोग समझते हैं खुश हूँ मैं,
पर सच कहूँ तो हर रोज़ खुद से ही लड़ती हूँ।

आँखों में सपनों का समंदर है,
पर दिल में एक वीरान सा मंजर है।
कभी-कभी लगता है खुद से भी दूरी हो गई है,
ज़िन्दगी तो चल रही है, पर कहीं अधूरी हो गई है।

मैं मुस्कुराती हूँ, ताकि कोई टूटना न देखे,
मैं चुप रहती हूँ, ताकि कोई मेरा सच न परखे।
जिनसे उम्मीद थी, वही अक्सर अजनबी बन गए,
जो पास थे, आज वो सबसे परे हो गए।

पर अब मैंने सीख लिया है चलना अकेले,
हर आँसू को बदलना है अब नए हौसले में।
मैं गिरूँगी, सम्भलूँगी, फिर उठ खड़ी हो जाऊँगी,
मैं अपनी तन्हाई से, अब दोस्ती निभाऊँगी।

Read More