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भरत :- सॉरी बेटा आदित्य मुझे माफ कर दो । कल से तुम सब ऑफिस आ सकते हो । आदित्य: -...
मकान को देखते ही उस रात भी मेरा...
रात के अँधेरे में दूर से दिखती हवेली किसी भूतिया चित्र की तरह लग रही थी। आसमान म...
*अदाकारा 32* "तुम एक पुलिस अधिकारी हो और अगर मैं कल तुमसे कोई गैरकानूनी काम करवा...
जान तेरे नाम – film review अध्याय 1 – राधे की दुनियाकैंपस की गलियों में अगर किसी...
दैत्य राज कुम्भन जो अपने दैत्य लोक से पृथ्वी पर सिर्फ अपनी बेटी को बचाने के लिए...
(प्रिया अपने परिवार के सम्मान और कुणाल के प्यार के बीच उलझी है। वैभव उसकी सुरक्ष...
_ _ __ __ __ ____ ____ __ __ __ __ __ ___ _ __ _ ___यह कहानी है ,,,एक सीध...
नैना ऊपर कमरे में जाकर बैठ गई।और फिर सोचने लगी कि ये क्या बदतमीजी है विक्की को...
मुंबई...मुंबई का सबसे बड़ा और आलीशान घर जिसके बाहर दीवान पैलेस लिखा हुआ था आज उस...
जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी...
इन्सान सरलता से झूठी हंँसी हँस तो सकता है, लेकिन बिना बात के बड़े बड़े आंँसुओं के साथ उसके लिए रोना लगभग कठिन सा हो जाता है,अगर आपसे कोई कहे कि अब रोने लगो, तो शायद आपके लिए ऐसा कर प...
मेरी यह कहानी में एक बहन आपने भाई के खातिर अपनी पुरी जिंदगी कुर्बान कर देती है तो शुरू करते हैंएक छोटा सा गांव जिसका नाम है ( सोन पुर ) वही एक घर है जो मिट्टी से बना हुआ था उसी घर...
दूर से आती लाठी की ठक ठक की आवाज सुनकर रज्जो और गुलाबो चौकन्नी हो गई। दोनों ऊपर छत पर से पड़ोसी की बहू के संग अपना अपना दुखड़ा एक दूसरे से साझा कर रही थी। जैसे ही लाठी की आवाज कान...
शारीरिक विकलांगता किसी का मुंह नहीं देखती ना ही किसी में कोई लिंग भेद ही करती है. यहाँ मैं विकलांगता शब्द का प्रयोग कर रही हूँ जो देखने, पढ़ने, सुनने, आदि में कठोर शब्द है बहुत से ल...
दुनिया के इस आपाधापी में राधिका अपने आप को धकेलते हुए आगे बढती जा रही थी। उसे सिर्फ इतना पता था कि किसी भी तरह उसे अपने आप को संभालते हुए आगे बढना है आत्मनिर्भर बनना है।, और अगर ऐस...
प्राचीन युग से ही हमारे समाज में नारी का विशेष स्थान रहा है ,हमारे पौराणिक ग्रन्थों में नारी को पूज्यनीय एवं देवीतुल्य माना गया है , हमारी धारणा रही है कि देव शक्तियाँ वहीं पर निवा...
सन् ८० का दशक,बुन्देलखण्ड का चम्बल इलाका जो डकैतों के लिए भी मशहूर है , जितने भी लोगों के घर में रेडियो मौजूद हैं तो वें मध्यप्रदेश के बुदेलखंड जिले के छतरपुर जिले की आकाशवाणी से प...
जीवन बड़ा कठिन है एक एक सांस के लिए संघर्ष कभी जंगली जानवरों का भय कभी मौसम कि मार कभी कुदरत का कहर कभी भूख भय पल प्रहर हांफती कांपती जिंदगी माई तू तो कहती है कि अपने कबीले के देवता...
बसंती अपने माता पिता और बड़ी बहन जयंती के साथ झोपड़ पट्टी की एक खोली में रहती थी। उसकी उम्र अभी 15 साल ही थी। बसंती के पूरे परिवार में उसे छोड़कर बाक़ी सभी श्याम रंग के थे लेकिन वह...
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