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  • अपराध ही अपराध - भाग 5

    अध्याय 5 पिछला सारांश- एक करोड़ रूपया तिरुपति के दान पेटी में डालना है। उसे संस्...

  • आखेट महल - 5 - 2

    उसने युवक को यह भी बता दिया कि कोठी से भागने के पहले रात को वहाँ क्या हुआ था और...

  • तमस ज्योति - 60 (अंतिम भाग)

    प्रकरण - ६०स्टूडियो में बैठे रोशनकुमारने कहा, "अपनी आंखों की रोशनी वापस आने से म...

  • दादीमा की कहानियाँ - 3

      *!! संगत का असर !!*~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~*आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार आ...

  • द्वारावती - 73

    73नदी के प्रवाह में बहता हुआ उत्सव किसी अज्ञात स्थल पर पहुँच गया। चारों दिशाओं म...

  • जंगल - भाग 10

    बात खत्म नहीं हुई थी। कौन कहता है, ज़िन्दगी कितने नुकिले सिरे रखती है। पता नहीं ह...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 53

    अब आगे रूही ने रूद्र को शर्ट उतारते हुए देखा उसने अपनी नजर रूद्र पर से हटा ली रु...

  • बैरी पिया.... - 56

    अब तक : सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भी जाता है... । दिमाग...

  • साथिया - 127

    नेहा और आनंद के जाने  के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई उसे बहुत ही बुरा लग...

  • अंगद - एक योद्धा। - 9

    अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था नहीं चेतना का, नए उत्...

मूलपूंजी By Shwet Kumar Sinha

दोपहर के दो बजे। तेज धूप और उमस भरी गर्मी। आग की भांति तपता दिल्ली रेलवे स्टेशन का वह प्लेटफॉर्म, जहाँ मुसाफिरो की निगाहें ट्रेन के इंतज़ार में सूने पडे ट्रैक पर टिकी थी। तभी पटरियो...

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सफर के लिए हमसफ़र By Mehul Pasaya

तो चलो चले एक बार ओर मिलके चले कही दुर कही दुर जहा सिर्फ हम ओर सिर्फ तुम हो ओर कोई नही

तुम्हे पता हे दिया जब ना हम ने आपको बोला था कि एक बार तो कही जायेंगे सो आज ये मौका मिला हे...

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थाई निरेमित यानि थाईलैंड का जादू By Neelam Kulshreshtha

अहमदाबाद से दिल्ली, दिल्ली से बैंकॉक यात्रा समाप्ति पर है, नीचे ज़मीन पर दिखायी दे रहा हैं पीली रोशनियों के बीच रेगती लाल बत्तियां. -एक के पीछे एक. बस लग रहा है कि केलिडो स्कोप की त...

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कुछ चित्र मन के कैनवास से By Sudha Adesh

1-कुछ चित्र मन के कैनवास से नभचर जलथर की तरह थलचर के अनेकानेक प्राणियों में से एक मनुष्य भी एक यायावर प्राणी है । एक जगह बैठना तो मानो उसने सीखा ही नहीं हैं। यात्राएं उसकी जिजीविष...

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कैलाश मानसरोवर - वे अद्भुत अविस्मरणीय 16 दिन By Anagha Joglekar

वे अद्भुत, अविस्मरणीय 16 दिन लेखिका अनघा जोगलेकर अपनी बात यूँ लगा जैसे मैंने कोई बहुत ही मनोरम स्वप्न देखा हो। पिछले 20 वर्षों से मन में पल रही एक मनोकामना यकायक फलीभूत हो उठी। हाँ...

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लंदन टूर की यादें By S Sinha

पेरिस से लंदन यूरोस्टार ट्रेन से सफर बहुत अच्छा रहा….
कुछ वर्ष पूर्व मुझे पेरिस जाने का मौका मिला था. उन दिनों मेरी बेटी पेरिस के पास एक अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध बिजनेस स्कूल में...

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चन्देरी, झांसी-ओरछा और ग्वालियर की सैर By राज बोहरे

चन्देरी, झांसी-ओरछा और ग्वालियर की सैर यात्रा वृत्तांत...

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एक पाँव रेल में -यात्रा वृत्तान्त By रामगोपाल तिवारी

एक पाँव रेल में: यात्रा वृत्तान्त 1 देशाटन रामगोपाल भावुक सम्पर्क -कमलेश्वर कालोनी (डबरा) भवभूति नगर जि0 ग्वालियर, म0 प्र0 475110 मो0 9425715707 , 8770554097...

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यूँ ही राह चलते चलते By Alka Pramod

चाय की चुस्की लेते हुए रजत बोले ’’ अगर तुम मुझे पाँच लाख रुपये दो तो मैं तुम्हें एक सरप्राइज दे सकता हूँ। ‘‘

’’ ये कौन सा सरप्राइज है जिसकी कीमत पाँच लाख है?‘‘

’’घाटे में नही...

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आमची मुम्बई By Santosh Srivastav

मेरे बचपन की यादों में जिस तरह अलीबाबा, सिंदबाद, अलादीन, पंचतंत्र की कहानियाँ और अलिफ़ लैला के संग शहर बगदाद आज भी ज़िंदा है उसी प्रकार पिछले सैंतीस वर्षों से मुम्बई मेरे खून में रच...

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