Hum par hua Hamla - 1 in Hindi Travel stories by Sangeeta Choudhary books and stories PDF | हम पर हुआ हमला - 1

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हम पर हुआ हमला - 1

प्रातकाल नहा धोकर मैं तैयार होकर स्कूल की तरफ निकल चुकी थी स्कूल में मॉर्निंग की प्रार्थना हो गई थी हम सभी अपनी-अपनी क्लासों में बैठ चुके थे आज हमारा टेस्ट था फिर अचानक मेरी बड़ी दीदी मेरे पास आई और मुझसे बोला कि चलो हम अपनी कुलदेवी माता पूर्णागढ़ के भाकरी यानी पर्वत पर चलते हैं सारे गांव इन हमारे परिवार वाले वहां पर चूड़ाकर्म हो रहा तो उनकी देवी की आराध्या देवी के लिए जा रहे थे मैं वहां जाने के लिए बहुत उत्सुक थी मैंने टीचर से अनुमति पाकर में वहां की ओर रवाना हुई तय समय में मैं वहां पहुंची सबसे पहले हम सब ने ऊपर की चढ़ाई करना शुरू किया रास्ते में रुकते हुए लगभग हमने 45 मिनट में ऊपर तक की चढ़ाई पूरी की हम लगभग 15 से 20 लोग थे जो गुफा के तरफ जा रहे थे हम सब ने पहले ही सुना हुआ था की गुफा में माता जी की मूर्ति है और वहां पर एक अखंड ज्योति है जो हमेशा प्रज्वलित होती रहती है जब से मंदिर बनाए तब से उस चीज को देखें और माता को देखने के लिए हम सब चने को और भी ज्यादा उत्सुक हो गए हम सब एक लाइन बनाकर पहाड़ों के बीच से होकर गुफा की तरफ आगे बढ़ रहे थे तभी अचानक हमारी नजर सामने बहुत बड़े मधुमक्खियों के छत्ते पर पड़ी शायद उसको देखकर किसी बच्चे ने जोर से चिल्ला कर कहा कि देखो इतनी बड़ी मधुमक्खी और वहां देवी का वरदान था अगर किसी मधुमक्खी के बारे में कुछ कहा तो वहां पर वह हमला कर सकती और मैं किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचा सकती हैं फिर जैसे ही हम चार लोग गुफा के अंदर गए तब सब बड़ी-बड़ी मधुमक्खियों ने हम सब पर हमला बोल दिया हमारी हालत उस समय ऐसी हो गई जैसे आदमी हो गए हो हम भागते जैसे तैसे अपनी जान बचाते हुए तेजी की तरफ नीचे की ओर आने के लिए उतावले हो रहे थे तभी एक दूसरे को धक्का मुक्की हुई कुछ लोग नीचे की तरफ भागे तो कुछ ऊपर की ओर भागे ऊपर थोड़ी देर तक हमें बैठाकर वहां पर डॉक्टर पहुंच गया था और हमें सब को दबाया दी थी और जो नीचे गए थे उनके लिए एंबुलेंस भुला दी गई मधुमक्खियों ने उन सब क इतना दिया था कि सब बोलने की भी हालत में नहीं थे ऐसे में ऊपर जो हमसे हम सब को पानी पिला करवा डॉक्टर की दवाइयां दे के ऊपर से नीचे लाने की सबसे बड़ी चुनौती थी मेरे बड़े भैया मेरे को ऊपर से नीचे लाने के लिए जब उनको पता चला कि मैं ऊपर हूं एंबुलेंस में नहीं है तो वह मुझे लेने के लिए नीचे से बातें ऊपर आए और अपने कंधों पर भी ताकि मुझे नीचे की तरफ ले जाना शुरु किया था मधुमक्खियां सिर्फ मुझे काट रही पास वालों को बिल्कुल भी नहीं काटती सिर्फ उन्हीं को काटती जो गुफा के अंदर गए हो मुझे बहुत जोर से प्यास लग रही थी भाई आगे की कहानी जाने के लिए पार्ट 2 का इंतजार करें