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नरेन टीचर = ' ओके स्टंडेट्स सुनो सब लोग. जैसे की कल बताया गया था. की आज...
अध्याय 40 “डॉक्टर के इस तरह बोलने के बावजूद धना फैसला नहीं कर पा रह...
Sorry for late update....Note: I'll be not able to publish 2 episods a week...
देशमुख निवास रात का वक्त मोक्ष काया के कांप ते होठों को ही देख रहा था। और उसी...
कुछ दोस्त कम वक्त के लिए मिलकर भी खास बन जाते है और जिंदगी में एक प्यारी सी याद...
धोखा सुहासिनी उसे लिविंग रूम से निकालकर गलियारे में ले जाने ही वाली थी, तभी पुलि...
आर्यन की आँखें गुस्से से लाल होती है और वो बहुत ही गुस्से में होता है और अरुण का...
"नरेश"आवाज सुनकर नरेश ने देखा था "अरे आकाश तू?"कॉलेज के साथी को देखकर नरेश खुश ह...
कुछ पल युही गुज़ार लूं तेरे संग फिर पता नहीं तुम रहो या ना रहो जिंदगी से बहुत कु...
भूतिया हवेली का रहस्यगाँव के पास एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग "अंधेरी हवेली" कहत...
मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस के सुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं | मै...
जब-जब मानव धरती पर,अनचाही अव्यवस्थाओं ने अपने पैर पसारे-तब-तब अज्ञात शक्तियों द्वारा उन सभी का निवारण करने संत रुप में अवतरण हुआ है। संतों का जीवन परमार्थ के लिए ही होता है। कहा भी...
(उपनिषद्, गीता, पातंजल योग, भागवत, वेदांत आदि में वर्णित ध्यान) उपनिषद् में ध्यान ब्रम्हज्ञान प्राप्ति की विधि: उपनिषदों में ब्रम्हज्ञान प्राप्त करने की बड़ी सुंदर साधना बताई...
ईश्वर लीला विज्ञान 1 अनन्तराम गुप्त कवि ईश्वर की अनूठी कारीगरी पर मुग्ध हैं, और आकाश, अग्नि, पवन, जल एवं पृथ्वी के पांच पुराने तत्वों का वर्णन आज के वैज्ञानिक सिद्धान्तों क...
मैं परमश्रद्धेय गुरूदेव स्वामी हरिओम तीर्थ जी के पास एक दो दिन में गुरूनिकेतन जाता रहता हूँ। यह गुरूनिकेतन स्वामी नारायण देव तीर्थजी महाराज की परम्परा का है। उस दिन जब मैं गुरूनिके...
हमारे राम चार वर्ष की अवस्था से चार वर्ष पिछोर में रहे वहीं विद्या का आरम्भ हुआ। दो बार श्री कालिन्द्री पर यज्ञ में जनता जनार्दन की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पहली बार रघुरा...
• 1. (ईश्वर का सम्बोधन) मैं ईश्वर हूँ, में कभी कुछ नही कहता किसी से नहीं कहता बस सुनता हूँ क्योंकि मैं ईश्वर हूँ। मेरा कोई धर्म नहीं न ही कोई जाति, और न कोई देश है, न तो में नर हू...
जीवन की सार्थकता के लिये,संत-भगवन्त के श्री चरणोंका आश्रय,परम आवष्यक मान कर, श्री सिद्ध-सिद्द्येश्वर महाराज की तपो भूमि के आँगन मे यशोगान,जीवन तरण-तारण हेतु अति आवश्यक मानकर...
परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज 1 एक अजनबी जो अपना सा लगा परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज ....
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