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कहानी की शुरुआत एक सामान्य सुबह से होती है, जब आदित्य, करण, रोहन, आलिया और निशा...
सुनिए, मैं आजकल बहुत दुखी हूं। वजह ये नहीं कि मैं बीमार हूं — असल दुख ये है कि म...
गीतिका की बात सुन कर यूवी चौक जाता है और बोलता है, "क्या हुआ तुम कार रोकने का क्...
भाग 4 – झूठ की सजाअगला पन्ना खुलते ही कमरे की दीवारें धुंध में गुम होने लगीं। ज़...
भाग 9 – उदास आंखेकुछ देर तक ऐसे ही स्विम करने के बाद वो बहार आ जाता है और टॉवल स...
चक्र गर्मी के दिन थे | एक दिन सुबह के वक़्त एक बुलबुल खाने की खोज में भटक रही थी...
"दादी का ड्रामा"भव्य ड्राइंग रूम—मिलन का नाटकऔर तभी वहां दानिश कि माँ त्रिशा कि...
न जाने कौन सा क्षण था वह; जब मंदिर में पंडितजी की सुनी हुई एक बात...
हनुमत हांक -परिचय व समीक्षा हनुमत हांक' बलदेव दास जी द्वारा लिखी गई बड़ी महत्वपू...
चलिए एक नई कहानी शुरू करते हैं –***दिल्ली का लड़का और हरियाणा की लड़की:***सर्दी...
वीर प्रताप सिंह कॉलेज के समय से ही रागिनी नाम की एक लड़की से बेहद प्यार करता था। रागिनी भी उसे उतना ही चाहती थी। पाँच साल से उनका इश्क़ परवान चढ़ रहा था। वीर प्रताप सिंह अपनी पढ़ाई पूर...
अय्याश! ये ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने समाज में अच्छे कार्यों के बदले केवल बदनामी ही पाई,दिल से अच्छे और सच्चे इन्सान की ऐसी दशा कर दी समाज ने कि फिर वो समाज मे अय्याश के नाम से...
एक छोटा सा परिवार था। उस छोटे से परिवार में 4 लोग रहते थे। माता पिता और भाई बहन । माता पिता का नाम सविता और रमनलाल था। भाई बहन का नाम राजू और मीना था। वो सब एक गांव में रहते थे । व...
बिहार के एक छोटे से कसबे का नाम है काढ़ागोला। इसे काढ़ागोला कहें या बरारी अथवा गुरुबाजार । ऐतिहासिक महत्त्व से देखें तो शेरशाह सूरी ने यहाँ से गंगा दार्जीलिंग सड़क का निर्माण करवाया थ...
मीरा और विनय के विवाह को लगभग पाँच वर्ष बीत गए थे। पूजा पाठ पर अत्यंत ही भरोसा करने वाले दोनों पति-पत्नी ने मंदिर-मंदिर जाकर भगवान से विनती की पर औलाद के सुख से वंचित ही रहे। दोनों...
आज वैजयंती की शादी की आठवीं सालगिरह थी। उन्नीस वर्ष की छोटी सी उम्र में ग्रेजुएशन पूरा होते ही उसका विवाह हो गया था। वह आगे पढ़ना चाहती थी, कुछ बनना चाहती थी लेकिन उसके पिता का तो...
"अरे वर्मा जी कुछ लीजिए ना, और आपकी ग्लास और प्लेट तो दोनों खाली हैं, क्या वर्मा जी आप तो ना ही शरमायें" । मिसेज़ शर्मा ने वर्मा जी से दोस्ताना अंदाज में कहा | "नह...
नवलकथा के बारे में: दोस्तों हमारे आसपास या फिर हमारे साथ कई सारी घटनाएं बनती रहती है। कुछ अच्छी घटनाएं बनती है तो कुछ बुरी घटनाएं। कुछ घटनाएं आंख में आंसू ले आती है, कुछ होंठों पे...
"तुम्हारा कार्ड।" पोस्टमेन की आवाज सुनकर मनीष बाहर गया था।पोस्टमेन ने उसे लिफाफा पकड़ाया था।मनीष ने खोलकर देखा।शादी का कार्ड था।वह श्रेया के कमरे में कार्ड देने गया।श्रेया...
अदिति और विजय के विवाह को नौ वर्ष पूरे हो चुके थे लेकिन अब तक भी घर में बच्चों की किलकारियाँ नहीं गूँजी थीं। विजय के माता-पिता तो बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे कि वे कब दादा-दादी बन...
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