8:30 pm शांति एक्सप्रेस by Bhumika Gadhvi in Hindi Novels
       सर्दियों की हल्की धूप अहमदाबाद की सड़कों पर अपनी सुनहरी रेखाएँ बिखेर रही थी। अवनी की नजरें खिड़की से बाहर फैलते श...
8:30 pm शांति एक्सप्रेस by Bhumika Gadhvi in Hindi Novels
       बस धीरे-धीरे विजय चौकड़ी की ओर बढ़ी। अवनी ने खिड़की से बाहर देखा, सड़क के किनारे छोटे-छोटे कैफे, आधुनिक इमारतें,...