अंश, कार्तिक, आर्यन by Renu Chaurasiya in Hindi Novels
पुलिस स्टेशन के सामने, धूप में झुलसता हुआ एक बूढ़ा आदमी घुटनों के बल पड़ा था।उसकी आँखों के आंसू कब के सूख चुके थे, पर चे...
अंश, कार्तिक, आर्यन by Renu Chaurasiya in Hindi Novels
गौतम सर अपने बेटे देखकर गर्व से भर जाते।अंश में मासूमियत भी थी और जिम्मेदारी भी।उसने पिता की ईमानदारी और सच्चाई का पाठ स...