अधूरा सच by Gaurav Pathak in Hindi Novels
---अध्याय 1 – अजीब रातरात का सन्नाटा कुछ अलग ही था। शहर की गलियों में हल्की धुंध तैर रही थी। स्ट्रीट लाइट की टिमटिमाती प...
अधूरा सच by Gaurav Pathak in Hindi Novels
---अध्याय 2 – पत्रकार की जिज्ञासासुबह का सूरज निकल चुका था, लेकिन आरव की आँखों में अब भी पिछली रात के मंज़र घूम रहे थे। व...
अधूरा सच by Gaurav Pathak in Hindi Novels
---अध्याय 3 – पहला सुरागसुबह का मौसम ताज़गी भरा था, लेकिन आरव के चेहरे पर थकान साफ़ दिख रही थी। पिछली रात की धमकी उसकी स...