बदलती दुनिया में  हम by Kapil in Hindi Novels
️ रचना – बदलती दुनिया में हम मनुष्य की आर्थिक  सम्पत्ति, उसका आचरण ही होता है। यदि आचरण ही मनुष्य से प्रतिछिन्न हो जाएगा...
बदलती दुनिया में  हम by Kapil in Hindi Novels
बदलती दुनिया में हमबचपन की वो गली, जहाँ हम खिलखिलाते थे, आज फिर भी वैसी ही है, पर उसमें खेलते बच्चे अब मोबाइल और टैबलेट...