अन्वी by W.Brajendra in Hindi Novels
गांव की गलियों में जब सुबह की हल्की धूप मिट्टी पर उतरती है, तो वो सिर्फ रोशनी नहीं लाती, पुराने किस्सों की परछाइयाँ भी स...