तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत by Yasmeen Khan in Hindi Novels
Episode 1: “शुरुआत नहीं, सौदा था”“19 साल की थी मैं, जब ज़िंदगी ने मुझे बेच दिया था…”बरसों से जिसे घर कहा था, उसी घर के क...
तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत by Yasmeen Khan in Hindi Novels
Episode 2: “इस रिश्ते में तेरा नाम नहीं, बस मेरा हक़ है”सुबह की धूप 16वीं मंज़िल की बालकनी में गिर रही थी, लेकिन मेरे जि...
तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत by Yasmeen Khan in Hindi Novels
Episode 3: “तेरे नाम की कैद, मेरे जिस्म की सज़ा”“मुझे उससे डर नहीं लगता था… मुझे डर था खुद से — कि कहीं मैं उसे चाहने न...