Prempatra by Vrishali Gotkhindikar

प्रेमपत्र by Vrishali Gotkhindikar in Hindi Novels
  नमस्ते जी ..मी निहारिका आपको कैसे संबोधित करू समझ नहीं आ रहा .फिर भी आशा है आप खुद हि हमे समझ लेंगे आठ दिन हुये आपको य...
प्रेमपत्र by Vrishali Gotkhindikar in Hindi Novels
प्रिय  ..आज खरोखर तुझ्यासाठी प्रिय लिहिताना अक्षरशः अंगावर रोमांच उभे राहिलेत ग !!!आणि हो ती संधी तु मला दिल्या बद्दल तु...