सर्वथा मौलिक चिंतन by Brijmohan sharma in Hindi Novels
भूमिका मित्रों उपनिषद कहता है सर्व खल्विदं बृम्ह,सबकुछ परमात्मा है मै ऐक पुजारी खानदान मे पैदा हुआ,मेरा परिवार घोर रूढिव...
सर्वथा मौलिक चिंतन by Brijmohan sharma in Hindi Novels
22 पलायन  हम हमेशा इस या उस गतिविधियों मे व्यस्त रहते हैं। कभी किताब पढ़ते हैं ,कभी बातों मे व्यस्त रहते हैं ,कभी मू...
सर्वथा मौलिक चिंतन by Brijmohan sharma in Hindi Novels
हमेशा भूतकाल की चर्चा प्रायः लोग व्यर्थ वार्तालाप मे बड़ा रस लेते हैं। वे कभी वर्तमान मन नहीं रहते । वर्तमान को भूतकाल की...