Kashmakash in Hindi Poems by Dr.Shivangi Mandviya books and stories PDF | Kashmakash

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Kashmakash

  • कशमकश
  • वादा-ए-जिंदगी
  • किसे तलाश है यहाँ; कीनारो की

    हम तो बस यहाँ बीच राहमे गुमनाम होनेकी चाह लीए बैठे है!

    कौन चाहता है यहाँ ;तैर के पार उतरना

    हम तो बस यहाँ कीसीमे डूबनेका ख्वाब लीए बैठे है!

    किसे तलाश है यहाँ; कीसी नए मतलब की

    हम तो बस यहाँ अपने आपको खोजनेका इरादा लीए बैठे है!

    कौन चाहता है यहाँ; मुसाफीर-ए-मंजील

    मंजीलेतो आजभी गुमनाम है

    हम तो बस यहाँ; उस राह पे चलने की जीद लीए बैठे है!

    किसे ख्वाहीस है यहाँ हर बार जीतने की

    हम तो बस यहाँ; हारने का जुनून लीए बैठे है!

    गलती तो होती होगी उस खुदा से भी कभी

    पर हम इंसान है; और इसानीयत का गुरुर

    लीए बैठे है!

    कहा तक बहाके ले जाएगा ये; सैलाब-ए-जिदंगी

    पर हम तो हर मौड पे हर वक्त ईम्तीहान देने तैयार बैठे है!

    जाने से पेहेले एक वादा करते है ए जिदंगी

    एक दीन तु खूद कहेगी किसी से

    "सफर मे मीली थी कोइ पागल मुजे जो जींदा रहने केे लीए नही पर मुजे जीने के लीए जींदा रहेती थी!!!

  • अधुरी सी जिंदगी!!
  • उस बहते हुए झरने जेसी थी जींदगी मेरी ,

    बस अपनी मस्ती मे मशगूल बहेती चली गइ,

    जब मंजील-ए-दरीया मीला,

    तब लगा की ये पानी कीस काम का?

    हर चाह पाकरभी कुछ अधुरा सा लगता है,

    हर ख्वाबके आगे एक नया ख्वाब सजता है,

    ख्वाहीशो के साहील मे यु ही बह जाती है नाव जींदगी की,

    फीरभी कही कुछ छुटा छुटा लगता है।

    हर नई शरुआत से पहले कुछ डर सा लगता है,

    फीर ये डर भी कुछ आदत सा लगता है , चल देते है उस राह पर जहॉ हर कोइ भटका हुआ लगता है,

    फीर यह भटकी हुई राहोपे भी अब कोइ जाना पहेचाना सा लगता है।

    कही हर अजनबी अपना सा लगता है ,

    तो कही आयना भी अजनबी सा लगता है,

    ये अपने-अजनबी के खेल मे,

    हर कोइ बीखरा बीखरा लगता है,

    पर यही बिखरे हुए रिश्तो मे ही ये जहाँ मुक्कमल लगता है।

    सारे सवाल उलजे से लगते है,

    हर जवाब कुछ अधुरे से लगते है,

    कीतना खोजा खुदको ,

    इस जगत की जंजीरो मे,

    फीरभी कही कुछ छुपा हुआ लगता है।

  • कहानी
  • कुछ होने वाला है कहानी के अंत मे ;

    मे खोने वाली हु कहानी के अंत मे।

    सितारे कितने गिरे है इस जमीन पर ये देखने ;

    मे अंबर के सितारे गिनने वाली हु कहानी के अंत मे।

    बहोत से किरदार निभाये मेने इस कहानी मे;

    हर किरदार को अपने मायने िमलने वाले है कहानी के अंत मे।

    बहोत से रिश्ते जोडे है मेने इस कहानी मे;

    पर अब मेरी परछाई से भी पीछा छोडने वाली है कहानी के अंत मे।

    ना जाने कितनी कहानीया जुडी है मेरी कहानी मे;

    हर कहानी की डोर टुटने वाली है कहानी के अंत मे।

    ना जाने कितने पन्ने भरे हुए है मेरी इस कहानी मे;

    पर हर खाली पन्ने का हिसाब होने वाला है

    कहानी के अंत मे।

    अबभी कितना तेज है ख्वाहीशो का शोर ये सुनने;

    मे खामोश होने वाली हु कहानी के अंत मे।

    बहोत से रंगो से सजी है कहानी मेरी ;

    पर हर रंग सफेद होने वाला है कहानी के अंत मे।

    हर आरंभ पीछे एक अंत होता है ;

    पर अंत के आगे एक नया आरंभ होने वाला है कहानी के अंत मे।

    आरंभ और अंत तो हर कहानी का खास पहलु होता है;

    पर कहानी को जीना पडता है कहानी के बीच मे।

  • मुलाकात की आरजू।
  • तेरे हर किरदार से जुड़े हम, बस उसी मे जी रहे है,
  • याद कर उन्हीं यादों को हम, नयी यादें बून रहे है
  • हर शाम एक झलक पाने का इन्तजार खत्म हुआ, दिन बिते
  • फिर भी हम क्यो उसी ख्वाबो के शहर मे धूम रहे है।
  • कब तक हम जीये इस ख्वाबो के नगर मे?
  • कैसे और कहा मिले उस शख्स से,
  • जिससे रचा हे ये नगर ख्वाबो का!
  • बस अब तो मुलाकात के सपनो से ही दिल बहला रहै है।
  • सारी समझदारी बह जाती है, दीवानगी मे
  • जब कहीं सिर्फ नाम आपका सुन लेते है,
  • ना जाने कहा से लगी है ऐसी लगन,
  • बस उसको देखकर ही इबादत मुक्कमल हो जाती है।
  • बस एक राज की बात बता दीजिए मुजे,
  • कहा से लाते हो वो बच्चे सी मासूमियत?
  • कहा से लाते हो वो प्यार का भोलापन?
  • और कैसे बनाते हो दिवाना हम को?
  • चलो, तय कर दो वक्त मुलाकात का!
  • आपसे ना सही आपकी परछाई से रूबरू हो लेंगे,
  • मन ही मन मुस्कुरा रहे होंगे पढकर मेरे पागलपन को,
  • आप क्या जानो,
  • हम तो आपका लिखा हुआ smile पढकर हजार बार मुस्कुरा देते है।
  • जलते हुए दीये!
  • खो गया रात को काला अंधेरा ,
  • मिल गया जगमगा सा उजाला ,
  • जब जल गए जलते हुए दीये।
  • पिधल कर रह गया अहंकार सुरज का,
  • शरमा गई चांद की चांदनी ,
  • जब शॅामे रोशन हुई उसकी आँखों मे जब जल गए जलते हुए दीये।
  • बाती बतला रही थी ज्योत से खत्म होने के साथ,
  • आभा हुई रोशन और साथ हुआ पुरा ,
  • बस इसी जुदाई की बात पर जल गए जलते हुए दीयेे।
  • दीन के उजालो मे भी,
  • काली सी खामोशी है फैली है उस एक कौने मे,
  • क्योकी बाती का छुटा साथ जब जल गए जलते हुए दीये।
  • फिर आज शाम हुई,
  • फिर किसी को याद आई ,
  • याद को जलाने मे,
  • किसी ने फिर मिलाया दिये को बाती से,
  • फिर बाती जली और ज्योत से मिली,
  • फिर से शुरु हुआ वही सिलसिला ,
  • और हंसते हंसते ,
  • फिर से,
  • जल गए जलते हुए दीये।
  • इंसान!!
  • आज कहीं मौतने जिंदगीको जिताया,
  • तो कहीं जिंदगी ने जिंदगीको हराया,
  • ये जिंदगी और मौत के खेल में,
  • मोहरा बना सिर्फ इंसान।
  • किसी ने जमीन बाँटी,
  • किसी ने धर्म बाँटा,
  • ये बँटवारे की बातोसे ,
  • बँटा सिर्फ इंसान।
  • कहीं किसी का कत्ल हुआ,
  • कहीं किसी की इज्जत लुटी किसी ने,
  • ये जुल्म के जोर मे ,
  • शर्मिंदा हुआ सिर्फ इंसान।
  • उठती हुई धरती ,
  • गिरता हुआ आसमान ,
  • चारों ओर से फैलता हुआ कोहराम,
  • इसकी वजह बना सिर्फ बढता हुआ इंसान।
  • हो चाहे कितने भी युद्घ,
  • और हो कोई रहस्य या फिर कोइ पहेली,
  • दुनिया के सारे सवालो का
  • जवाब सिर्फ इंसान।
  • एक बार तो मुस्कुरादे!!
  • उन सभी नन्हे मासुम बच्चो के लीए जो कीसीनाकीसी वजह से जिदंगी और मौत से लड रहे है और अस्पताल मे भर्ती है!!
  • क्यु खामोश है तु
  • एक बार तो गुनगुनादे
  • इन आँसुओ पे हक नही तेरा
  • एक बार तो मुस्कुरादे!!
  • क्यु बांधी है तुने पैरो मे बेडीयां
  • एक बार तो पंख फैला दे
  • ये तितलीयो का है इंतझार
  • एक बार तो उनके पीछे भाग ले!!
  • क्यु मुर्जा हुआ है तु
  • एक बार तो खिलखिलादे
  • ये फूलो का है इंतझार
  • एक बार तो उनमे रंग भर दे!!
  • क्यु सोया हुआ है तु
  • एक बार तो बाहर आजा
  • ये ऑंगन का है इंतझार
  • एक बार तो उनकी मिट्टी के खिलोने बनाजा
  • क्यु चूप है तु
  • एक बार तो कहानीकी हठ कर ले
  • ये तेरी माँ का है इंतझार
  • एक बार तो कहानी सुन ले!!
  • क्यु बंध है तेरी आंखे
  • एक बार तो इन्हे खोल दे
  • ये तेरे पापा का है इंतझार
  • एक बार तो उनके कंधे पे बैठके सारा जहान देख ले!!
  • क्यु खेल रहा है तु जिदंगी और मौत का खेल
  • एक बार तो जिदंगीको जीता दे
  • ये जिदंगीका है इंतझार
  • एक बार तो मौतको हरा दे!!
  • क्यु रुका हुआ है तु
  • एक बार तो कदम बढाके देख
  • ये मेरा है इंतझार
  • एक बार तो मुज पे भरोसा करके देख!!
  • बहोत हो गई मनमानीयॉ तेरी
  • अब देखनी है बदमाशीयॉ तेरी
  • इन आँसुओ पे हक नही तेरा
  • एक बार तो मुस्कुरादे!!
  • बस एक बार तु मुस्कुरादे!!