ANJANI MOHOBBAT in Hindi Love Stories by khwahishh books and stories PDF | अनजानी मोहोब्बत - 1

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अनजानी मोहोब्बत - 1

शहर की रात रंगीन थी। सड़क के उस कोने पर, जहाँ एक पुराना रेस्टोरेंट पार्टी के म्यूज़िक से गूंज रहा था, कुछ कॉलेज के लड़के हँसी-ठिठोली में डूबे थे।
नीली-पीली रोशनी में उनकी टेबल पर बोतलें सज चुकी थीं, स्नैक्स आधे खाए जा चुके थे और हँसी के बीच कोई-कोई शोरगुल में गाना भी गा देता।
आर्यन - उम्र करीव 23 साल ऊँचा, स्मार्ट, और अपने दोस्तों के बीच हमेशा मस्ती का मास्टर – हाथ में फोन घुमा रहा था।
उसके दोस्त, रोहित और आदित्य, दोनों के चेहरे पर शरारत थी।
रोहित (हँसते हुए):
" yrr पार्टी काफ़ी बोरिंग लग रही है। सब कुछ फीका फीका सा लग रहा है। कुछ तो होना चाहिए मस्ती करने के लिए। पर क्या? "
थोड़ी देर सोचने के बाद आर्यन से :-" चल ना भाई, एक रैंडम नंबर मिला और लगा दे कॉल... देखते हैं कहा जाके कनेक्ट होता है!"
आर्यन (भौं उठाकर):
"पागल हो क्या? आधी रात को कोई पिटाई कर देगा!"
आदित्य (गिलास उठाते हुए):
"अरे yrr कोनसा कोई फोन से निकल कर यहाँ आएगा, किसी को क्या ही पता चलेगा की फोन पर कौन है। "
रोहित :
" हाँ! और अगर गलती से नंबर किसी लड़की को लगा तो और भी अच्छा है। अरे मज़ा आएगा... और अगर कोई गड़बड़ हो तो बोलना कि तुम पिज़्ज़ा सर्विस से हो।"
दोस्तों की चुनौती आर्यन के अहंकार को गुदगुदा गई। उसने हँसते हुए मोबाइल खोला, स्क्रीन पर तेजी से कुछ डिजिट दबाए और कॉल लगा दी।
स्पीकर ऑन होते ही सबने चुप्पी साध ली।
दूसरी तरफ से एक कोमल, लेकिन गहरी आवाज़ आई: "हेलो?"
आर्यन के कानों में मानो कोई धीमी धुन बज उठी हो। उस आवाज़ में कुछ था... एक अलग-सा खिंचाव, एक गर्माहट, जैसे किसी पुराने किस्से की शुरुआत हो रही हो।
आर्यन (थोड़ा रुककर):
"जी... गुड ईवनिंग maam ! पिज़्ज़ा सर्विस से बोल रहा हूँ, आपका ऑर्डर कन्फर्म करने के लिए कॉल किया है।"
फोन के उस पार कुछ क्षण खामोशी रही, फिर हल्की-सी मुस्कान जैसी लहर आवाज़ में सुनाई दी।
लड़की:
"गलत नंबर है... मैंने कोई पिज़्ज़ा ऑर्डर नहीं किया।"
आर्यन (हँसी दबाकर):
"ओह! लगता है हमारा डिलीवरी बॉय रास्ता भटक गया।
खैर... सॉरी टू डिस्टर्ब यू।"
लड़की:
"कोई बात नहीं।"
आर्यन (शरारत करते हुए) :
" वेल maam आपने ऑडर नहीं किया फिर भी मे ये पिज़्ज़ा आपको डिलीवर कर सकता हूं, अगर आप अपना नाम और पता मुझे दे दे तो। "
लड़की (धीमी मुस्कान के साथ ):
" इसकी कोई जरुरत नहीं है, मे पिज़्ज़ा नहीं खाती। "
आर्यन :
" but "
इससे पहले की आर्यन आगे कुछ कहता लड़की ने फोन काट दिया।
कॉल खत्म हुई, लेकिन राहुल के कानों में वही आवाज़ गूँजती रही।
आदित्य ने पूंछा :
" लड़की थी ना कॉल पर तो फिर तूने कॉल काट क्यों दिया। "
आर्यन :-" उसने काट दिया "
रोहित :" लगता है लड़की समझदार थी, एक सेकंड मे इसका झूठ पकड़ लिया और फोन काट दिया "
दोस्तों ने ठहाके लगाए, बोतलें टकराईं, और आर्यन भी हँसने का नाटक करता रहा... पर उसके मन में कहीं वो आवाज़ टिक गई थी।
उधर, शहर के एक दूसरे छोर पर, एक छोटी-सी हवेली जैसी इमारत के अंदर, मद्धम रोशनी और परदों से ढका एक कमरा।
गद्दों पर बैठी दो लड़कियाँ बातें कर रही थीं। एक लड़की नाजुक चेहरा, बड़ी-बड़ी आँखें, लेकिन उनमें थकान की परछाईं – वही थी जिसने आर्यन का कॉल रिसीव किया था।
उसकी सहेली, चमकीले लहंगे में बैठी, शरारती अंदाज़ में पूछ बैठी-
सहेलीः"किसका फोन था?"
लड़की:
"गलत नंबर था... किसी पिज़्ज़ा बॉय का।"
सहेली (हँसते हुए):
"सच में गलत नंबर था? या कोई तेरा आशिक, जो तेरी आवाज़ सुनने के लिए बहाना कर रहा था? वैसे भी, तेरे दीवानों की लिस्ट दिन-ब-दिन बढ़ रही है।"
लड़की ने हल्की-सी मुस्कान दी, लेकिन उसकी आँखों में एक चुभन-सी थी।
लड़की (धीरे से):
"हो भी तो... मुझे क्या? अच्छा ही है अगर वो सच में मेरा आशिक था... मेरी आवाज़ सुनकर उसे सुकून तो आया होगा। क्योंकि इस कोठे में बैठकर हमें सुकून हासिल होना मुमकिन नहीं।"
कमरे की हवा भारी हो गई। बाहर कहीं से ढोलक और घुंघरुओं की आवाज़ आ रही थी।
वो एक कोठे की लड़की थी, लेकिन अजीब बात ये कि उसने कभी अपना जिस्म नहीं बेचा था।
कहते कहते बो उस पल मे खो गई जब उसे कोठे पर लाया गया था।
अतीत की परतें,
जब उसे यहाँ लाया गया था, तो सबसे पहले उसे मजबूर किया गया मुजरा करने के लिए।
उसने आसानी से उस कोठे की मालकिन की बात नहीं मानी लेकिन कई दिनों तक उनकी यातनाये झेलने के बात उस दिन उसने डरते-डरते पहली बार मंच पर कदम रखा।
सैकड़ों आँखें उस पर टिकी थीं, और जैसे ही उसने नृत्य शुरू किया – हर आदमी उसके हाव-भाव, उसकी खूबसूरती का दीवाना हो गया।
लोग, रात बिताने के लिए जो पैसे खर्च करते थे, उससे दुगने उस लड़की की एक झलक के लिए दे रहे थे। मालकिन ने तुरंत समझ लिया – ये लड़की उसके लिए सोने की खान है। साथ ही ये बात लड़की को भी समझ आ गई थी। अब तक उस कोठे पर उससे सुन्दर लड़की नहीं आई थी।
लड़की ने उसी रात एक शर्त रख दी "मैं सिर्फ मुजरा करूँगी, अपना जिस्म नहीं बेचूँगी। अगर मजबूर किया तो मैं खुद को खत्म कर लूँगी। और तुम जानती हो ये तुम्हारे लिए कितना नुकसान दायक हो सकता है।"
मालकिन ने कुछ सोचा उसे ये समझ आया की ये लड़की जब तक उसके पास रहेगी उसकी तिजोरी नोटों से भरी रहेगी।
ऐसा सोच आखिर उस को मानना पड़ा, क्योंकि उस रात की कमाई अब तक की सबसे बड़ी थी। "
लेकिन इसके बाद भी, कई बार उसने चालें चलीं... लड़की को इस नर्क का हिस्सा बनाने की कोशिश की, पर वो हर बार बच निकलती। और आज तक बो उस नर्क मे खुद को बचाये रखने के लिए जंग लड़ रही है। उसके लिए अब बाहर की दुनिया कोई मायने नहीं रखती।
लेकिन आज आई वो अजनबी कॉल... लड़की के दिल में भी एक अजीब-सा अहसास छोड़ गयी । वो खुद समझ नहीं पा रही थी कि क्यों, लेकिन उस आवाज़ में कुछ ऐसा था जो उसकी बंद दुनिया की दीवारों पर दस्तक दे रहा था। कुछ पल बो उसके बारे मे सोचती रही और फिर खुद को ख्यालो की दुनिया से बाहर निकाल अपने सामने रखे घुँघरू उठाये और अपनी सहेली से बोली - बस बातो को टाइम ख़त्म चल तमासा दिखाने का टाइम हो गया है। बरना तू जानती है लोमड़ी तुरंत आएगी घूरराते हुए...!, इतना कहके बो कमरे से बाहर चली गई। लड़की कोठे की मालकिन को लोमड़ी बुलाती थी। 
अगले दिन सुबह, आर्यन पार्टी के हैंगओवर में था, लेकिन जैसे ही आँख खुली, उसके कानों में वही मीठी आवाज़ गूंजने लगी। उसने फिर वही नंबर मिलाया।
लड़की (कॉल उठाते हुए): "जी? कौन "
आर्यन (एक्साईटमेंट मे)
"हेलो, हाय मे बो गलत नंबर... कल रात आपसे बात हुई थी। फिर से!"
(हल्की हँसी)
उसकी आवाज सुनते ही लड़की के मन मे एक अजीव सी हलचल हुई।
लड़की :- " ओ तुम, अब किसका पिज़्ज़ा ऑडर देने जा रहे हो, और फिर से तुम्हारा रॉन्ग नंबर लग गया क्या? "
आर्यन :-" नो! इस बार राइट नंबर लगा है। "
लड़की (थोड़ा चौंकते हुए ) : " क्या मतलब ".... कुछ देर युहीं बाते चलती रही दोनों को एक दूसरे से बाते करना अच्छा लग रहा था। आर्यन की शरारत भरी बाते अब लड़की की आदत बनने लगी थी।
धीरे-धीरे ये कॉल रोज़ की आदत बन गई।
आर्यन की शरारती बातें, हँसी-मज़ाक... और लड़की की संजीदगी के बीच एक अजीब-सा रिश्ता पनपने लगा।
पांच साल बीत गए। आर्यन अब एक बड़ा बिज़नेसमैन बन चुका था।
पहले से ही अमीर खानदान का बेटा था, लेकिन अपनी मेहनत से उसने एक नया साम्राज्य खड़ा कर दिया था। इसके बावजूद, वो लड़की पर आँख बंद करके भरोसा करता था, अपनी हर बात उससे कहता था। छोटी से छोटी खुशी बो उसके साथ शेयर करने लगा था।
लड़की ने कभी अपने बारे में कुछ नहीं बताया, अपना नाम तक नहीं, लेकिन अखबारों में आर्यन की तस्वीरें देखकर वो जान चुकी थी कि आर्यन कौन है।
अब तक आर्यन पूरी तरह अपने बिज़नेस पर मेहनत कर रहा था। लेकिन अब जब बो पूरी तरह से अपनी लाइफ मे सेटल हो चूका था। इसलिए उसने एक बड़ा फैसला किया।
एक दिन आर्यन ने लड़की से कहा-
आर्यन :
"मैंने सब कुछ हासिल कर लिया... अब बस एक आखिरी कमी है... मैं शादी करना चाहता हूँ।"
लड़की के दिल में जैसे किसी ने चुभन उतार दी।
उसने पूछा-
लड़की: - "लड़की कौन है?"
आर्यन :- "तुम।"
लड़की सन्न रह गई।
आर्यन (फोन पर ही):
"क्या तुम मुझसे शादी करोगी?"
लड़की:- "ये मुमकिन नहीं... हम दोनों इस जनम में कभी नहीं मिल सकते। अगर तुमने यही पागलपन किया तो हम दोबारा कभी बात नहीं करेंगे।"
कॉल कट गई।
आर्यन का दिल टूट गया। उसे समझ ही नहीं आया की आखिर लड़की ने उसके साथ ऐसा किया क्यों?
वो शराब में डूब गया... अब उसे किसी बात का कोई होश नहीं था। ना बिज़नेस का ना ही अपनी जिंदगी का और एक दिन, नशे में भटकते-भटकते उसी कोठे पर पहुँच गया।
कोठे का माहौल – तेज़ ढोलक, रंगीन रोशनी, भीड़ में उठते शोर – लेकिन आर्यन की आँखें एक चेहरे पर टिक गईं।
वो लड़की मुजरा कर रही थी... और उसकी आवाज़ ने आर्यन के मन में उस अजनबी का खयाल जगा दिया जिससे वो सालों फोन पर बातें करता था। मुजरा ख़त्म होते ही लड़की अंदर चली गई। लेकिन उसने आर्यन को देख लिया था। उसे यहाँ देख लड़की को दुख हुआ। लेकिन बो कुछ कर नहीं सकती थी।
आर्यन ने मालकिन से मांग की-
आर्यन :- "मुझे आज रात उसी लड़की के साथ रहना है। जो भी कीमत लगेगी, दूँगा।"
मालकिन ने कहा- "वो सिर्फ मुजरा करती है, अपना जिस्म नहीं बेचती।"
आर्यन ने कीमत बढ़ा दी... और बढ़ाता ही गया, जब तक मालकिन लालच में न झुक गई।
लेकिन लड़की ने मना कर दिया उसे डर था की आर्यन कहीं उसे पहचान ना ले - लेकिन जब मालकिन ने उसे बाकी लड़कियों को मारने की धमकी दी तो उसे मानना पढ़ा ।
आखिरकार, उसने एक शर्त पर हामी भर दी -"ये पहली और आखिरी बार होगा, इसके बाद कोई मर्द मुझे नहीं छुएगा।"
कमरे में, लड़की घबराई हुई थी। वो आर्यन को जानती थी, पर उसकी ये हालत देखकर उसका दिल टूट रहा था।
आर्यन ने धीरे से उसका हाथ पकड़ा, उसे बिस्तर पर बैठाया, और पूछा-"क्या मैं अपना सिर आपकी गोद में रख सकता हूँ? बहुत थक गया हूँ..."
लड़की हैरान रह गई, लेकिन हामी भर दी। आर्यन उसकी गोद में सिर रख लेटा और कहा-"बाल सहलाती रहो..."
लड़की की आँखों से आँसू बहने लगे, जो आर्यन के चेहरे पर गिरने लगे।
आर्यन उठ बैठा-"तुम रो क्यों रही हो?"
वो चुप रही, लेकिन आर्यन ने कहा :" मे समझ गया की तुम क्यों रो रही हो, तुमने इस कोठे पर रहते हुए भी अब तक खुद को इस नर्क से बचाये रखा था। पर आज तुम्हे मेरी बजह से खुद का सौदा करना पढ़ा इसलिए ना। "
लड़की ने बिना कुछ कहे हाँ मे सिर हिला दिया।
आर्यन ने आगे कहा :-" इतना तो समझ गया की तुम
यहाँ अपनी मर्जी से नहीं मज़बूरी में रह रही हो, और तुम यहाँ तक कैसे आई ये पूंछकर मे तुम्हारे जख्म नहीं खुरेदूँगा लेकिन अगर तुम बुरा ना मानो तो क्या मे तुम्हे अपनी कहानी सुना सकता हूं। "
लड़की एक पल चोंकि लेकिन फिर उसने हाँ मे सिर हिला दिया।
आर्यन ने उसे अपनी कहानी सुनानी सुरु की – वही कहानी जो लड़की पहले से जानती थी, पर आर्यन के नज़रिए से।
सब कुछ सुनने के बाद लड़की ने जानबूझकर उससे सबाल पूंछा।
लड़की:- "तुमने ऐसी लड़की से प्यार क्यों किया जिसे तुमने कभी देखा नहीं?"
आर्यन :- "क्योंकि मुझे फर्क नहीं पड़ता कि वो कैसी दिखती है... क्या करती है, कहाँ रहती है। मैं तो बस उसके होने से प्यार करता हूँ। "
लड़की (एक गहरी सांस लेते हुए) :- "लेकिन अगर उसकी हकीकत ऐसी हो कि तुम बर्दाश्त न कर सको?"
आर्यन (गुस्से में):- "चाहे वो किसी भी वजह से मुझसे दूर हुई हो... मैं उसे भूल नहीं सकता।"
लड़की:- "तो क्या जिंदगी भर ऐसे ही तड़पते रहोगे?"
आर्यन :- "ये मेरी प्रॉब्लम है... मैंने एक रात के लिए तुम्हें खरीदा है, इसका मतलब ये नहीं कि तुम मुझे सलाह दे सकती हो।"
लड़की ने उसकी आँखों में देखा -"तो फिर मुझे ये सब बताया क्यों?"
आर्यन ने शांत स्वर में कहा-
"क्योंकि मैं ये अपने किसी अपने से नहीं कह सकता... तुमसे कहने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"
लड़की हल्की-सी मुस्कुराई-
"तो तुमने मेरी इतनी बड़ी कीमत सिर्फ बातें करने के लिए चुकाई?"
आर्यन-"कीमत तुम्हारी इज्जत की नहीं... सिर्फ तुम्हारे वक्त की थी।"
कमरे में खामोशी फैल गई, लेकिन इस खामोशी में दोनों के दिल की धड़कनें साफ सुनाई दे रही थीं। यूँ तो लड़की उसके बारे मे सब कुछ जानती थी। लेकिन आज पहली बार उसे ऐसा लगा की उसने आज ही आर्यन को सही मायने मे जाना हो।
लड़की के मन मे एक पल को ख्याल आया की अगर बो इस बक्त अपनी सच्चाई उसे बता देगी तो सायद लड़का उसकी मज़बूरी समझ पायेगा। और उसे गलत नहीं समझेगा। लेकिन तभी आर्यन ने अपनी जैकेट उठाते हुए नोटों की एक गद्दी लड़की की गोद मे फेंकते हुए कहा।
आर्यन :-" बेसे तो इस रात की कीमत मे तुम्हारी मालकिन को पहले ही दे चूका हूं। फिर भी ये रख लो तुम्हारे काम आएंगे। समझलो पूरी रात तुम्हे अपनी कहानी सुनाकर बोर करने की कीमत दे रहा हूं। "
आर्यन की ये बात सुनते ही लड़की का मन बदल गया। फिर उसकी हिम्मत ना हुई की बो उसे अपनी सच्चाई बता सके। लेकिन उसने अपनी गोद से नोटों की गद्दी उठाकर आर्यन के हाथ मे रखते हुए कहा।
लड़की :-" मेरे बक्त की कीमत आपने पहले ही चूका दी है, क्यूंकि मेरा बक्त आप खरीद सकते थे।, लेकिन मेरे इमोशंस, मेरी फिलिंग बिकाऊ नहीं है।
और आप इतने भी अमीर नहीं है की उनकी कीमत लगा सकें, इसलिए अपनी नोटों की गद्दी अपने साथ लेते जाइये।
आपने जो मेरे साथ अपनी भावनाये साझा की है मेरे लिए बही मेरे बक्त की सही कीमत है। "
आर्यन को उसकी बाते सुनकर हैरानी हुई। लेकिन बिना कुछ कहे बो बहाँ से चला गया। और लड़की एक टक उसे देखती रह गई।
" सायद ये पल दोवारा ना मिलेगा, मुझे !'

( agar aap chahte hai ki me is kahani ka next part leke aun to mujhe comment karen )