वो चायवाली लड़की in Hindi Drama by Raju kumar Chaudhary books and stories PDF | वो चायवाली लड़की

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वो चायवाली लड़की

💞 “वो चायवाली लड़की” 💞



कहानी:

हर दिन की तरह आज भी आरव ऑफिस जाते वक्त उसी चाय की दुकान पर रुका था।
सर्द सुबह की ठंडी हवा में, भाप उड़ाती चाय की खुशबू और एक मुस्कान...
वो मुस्कान थी राधा की — उस छोटी सी चायवाली लड़की की, जिसकी आँखों में जैसे सारा आसमान समाया था।

आरव अमीर घर से था, शहर की बड़ी कंपनी में काम करता था।
राधा, अपने पिता की दुकान चलाती थी — साधारण कपड़ों में, पर दिल बेहद साफ़।

शुरुआत में आरव बस चाय पीने आता था, लेकिन धीरे-धीरे उसका दिन राधा के “भइया, आपकी चाय तैयार है ☺️” से शुरू होने लगा।
एक दिन उसने पूछा —
“तुम रोज़ इतनी मुस्कुराती कैसे हो?”
राधा ने हँसते हुए कहा —
“मुस्कान मुफ़्त होती है, पर किसी का दिन बना देती है।”

आरव चुप रह गया, पर उस दिन उसके दिल में कुछ बदल गया।



धीरे-धीरे दोनों के बीच बातें बढ़ीं —
चाय की चुस्कियों के बीच हँसी, छोटी-छोटी बातें, और अनकहे जज़्बात।
राधा ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोई बड़ा आदमी उसके दिल की धड़कन बन जाएगा।
और आरव ने कभी नहीं सोचा था कि एक चाय की दुकान पर उसे सच्चा प्यार मिलेगा।

लेकिन समाज की दीवारें कहाँ इतनी आसान थीं…
एक दिन आरव के दोस्तों ने मज़ाक में कहा —
“भाई, चायवाली लड़की से प्यार करता है? तुम्हारे घरवाले मानेंगे?”

आरव हँसा तो दिया, पर उस रात नींद नहीं आई।
सुबह जब वो दुकान पहुँचा, राधा ने पूछा —
“आज चाय फीकी लगेगी?”
आरव ने कहा —
“नहीं, बस ये सोच रहा हूँ… अगर तुम्हारी ज़िंदगी में मिठास मैं बन जाऊँ तो?”

राधा की आँखें भर आईं —
“तो फिर चाय में चीनी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।” 💖




एक साल बाद, उसी दुकान पर लिखा था —
🫶 “राधा & आरव की चाय” ☕

जहाँ हर कप में सिर्फ़ चाय नहीं, एक सच्ची मोहब्बत की कहानी भी मिलती थी।

💞 “वो चायवाली लड़की” 💞



कहानी:

हर दिन की तरह आज भी आरव ऑफिस जाते वक्त उसी चाय की दुकान पर रुका था।
सर्द सुबह की ठंडी हवा में, भाप उड़ाती चाय की खुशबू और एक मुस्कान...
वो मुस्कान थी राधा की — उस छोटी सी चायवाली लड़की की, जिसकी आँखों में जैसे सारा आसमान समाया था।

आरव अमीर घर से था, शहर की बड़ी कंपनी में काम करता था।
राधा, अपने पिता की दुकान चलाती थी — साधारण कपड़ों में, पर दिल बेहद साफ़।

शुरुआत में आरव बस चाय पीने आता था, लेकिन धीरे-धीरे उसका दिन राधा के “भइया, आपकी चाय तैयार है ☺️” से शुरू होने लगा।
एक दिन उसने पूछा —
“तुम रोज़ इतनी मुस्कुराती कैसे हो?”
राधा ने हँसते हुए कहा —
“मुस्कान मुफ़्त होती है, पर किसी का दिन बना देती है।”

आरव चुप रह गया, पर उस दिन उसके दिल में कुछ बदल गया।



धीरे-धीरे दोनों के बीच बातें बढ़ीं —
चाय की चुस्कियों के बीच हँसी, छोटी-छोटी बातें, और अनकहे जज़्बात।
राधा ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोई बड़ा आदमी उसके दिल की धड़कन बन जाएगा।
और आरव ने कभी नहीं सोचा था कि एक चाय की दुकान पर उसे सच्चा प्यार मिलेगा।

लेकिन समाज की दीवारें कहाँ इतनी आसान थीं…
एक दिन आरव के दोस्तों ने मज़ाक में कहा —
“भाई, चायवाली लड़की से प्यार करता है? तुम्हारे घरवाले मानेंगे?”

आरव हँसा तो दिया, पर उस रात नींद नहीं आई।
सुबह जब वो दुकान पहुँचा, राधा ने पूछा —
“आज चाय फीकी लगेगी?”
आरव ने कहा —
“नहीं, बस ये सोच रहा हूँ… अगर तुम्हारी ज़िंदगी में मिठास मैं बन जाऊँ तो?”

राधा की आँखें भर आईं —
“तो फिर चाय में चीनी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।” 💖




एक साल बाद, उसी दुकान पर लिखा था —
🫶 “राधा & आरव की चाय” ☕

जहाँ हर कप में सिर्फ़ चाय नहीं, एक सच्ची मोहब्बत की कहानी भी मिलती थी।