52...
नैना ने ऐसा सोचा नहीं था कि कुछ ऐसा होगा उसके साथ क्योंकि विक्की ने तो शादी कर लिया और उसका एक बेटी भी है।
मै कैसे यहां आ गई मजबूरी या बेबसी खींच लाया मुझे।।
क्या करूं अब मुझे तो पैसों की जरूरत भी है।
ये सोचते हुए कब न्यारा सो भी गई।
ओह उसको सुला देती हुं यह कह कर जैसे ही उठने लगी तो विक्की के पैरों की आवाज ने उसे खुद को सम्हाल लिया और फिर बोली पता नहीं सबको मुझ से क्या ही प्रोब्लम है।
यह बात बिक्की के लिए ही था उसने सुन भी लिया था।
बिक्की रुक गया और वापस चला गया।
इस तरह से दिन बीत गया आज एक महीने भी हो गया और फिर तभी आवाज आई नताशा जी आपने अपना अकाउंट डिटेल नहीं दिया आज आपका सेलेरी देना था।
नताशा ने हरबराहट में कहा अरे वो तो नहीं है मेरे पास प्लीज़ कैश पेमेंट कर देते तो अच्छा होता।
विक्की ने कहा ओह रियली वैरी स्टेनज।।
ओके मैं फिर कल देता हूं अगर आज अर्जेंट नहीं है तो।
नताशा ने कहा ठीक है कोई बात नहीं।
अच्छा अब चलती हुं मैं।
यह कहते हुए चली गई नैना।
बाहर आकर एक लम्बी सांस लिया और फिर बोली ओह अभी सब कुछ कचरा होने वाला था।
घर आकर सारी बातें बताई उसने मासी को।
अर्पणा ने कहा ओह मेरी बच्ची।अब क्या होगा।
नैना ने कहा अरे मासी मैंने तो बोल दिया उस शेखावत से हां।
उसने मुझे नहीं समझा। मुझे धोखा दिया उसने। एक बेटी का बाप है।।
कहते हैं ना सच्चा प्यार करने वाला सबको नहीं मिल पाता आज मैं जो कुछ हूं सिर्फ मेरे निलेश की वजह से हुं उसने मुझे अपनी आंखें दे दिया अपना प्यार निभाया उसने पर मैंने क्या किया हां उनके प्यार को सीने से लगा कर रखा नहीं ना।।
मैंने बेवफाई कि ना।
अर्पणा ने कहा नहीं रे।वो अगर जिन्दा होता तो अगर तू कुछ ग़लत करती तो मैं मानती।
नैना ने कहा मैंने एक हमशक्ल से प्यार किया और उसकी हद देखो मुझे कहां लाकर खड़ा कर दिया।
कहते हुए रोने लगी नैना।।
मासी मेरी ही गलती है कि मैंने उसे अपना खोया हुआ प्यार माना।
मासी ने हरबराहट में कहा अब बहुत हुआ कोई जरूरत नहीं है यह नौकरी करने कि।
तूने तो इतनी पढ़ाई किया है अब कोई कालेज में प्रवक्ता के लिए अप्लाई कर दे।
नैना ने अपनी आंख को पोंछते हुए कहा कैसे करूं मैं मेरा यह जला हुआ चेहरा हि मुझे अन्धकार में धकेल दिया है।
पर पता नहीं क्यों उस बच्ची में क्या है उसे देखते ही अपने सारे दुःख भूल जाती हुं।
हां, हां यह सच है पर यह भी तो सच है कि मैं मर जाती तो अच्छा होता।।।
अर्पणा ने कहा ओह बस कर अब चल खाना खा लें।
नैना ने कहा हां मैं फेश होकर आती हुं।।
फिर नैना बेमन से खाना खाने लगीं।
और उधर विक्की अपनी के साथ खेल खेल कर परेशान हो गया था।
सारा ने कहा हां भाई आप उस नताशा से कहों कि यहां शिफ्ट हो जाएं।
विक्की ने हंसते हुए कहा कैसे बोलूं यार इतना सेलफिश नहीं मैं कि अब उसकी जरूरत है इसलिए उसे यहां शिफ्ट करवा दूं।
सब मैनेज हो रहा है ना।
ओह क्या से क्या हो गया।
एक मौका तक नहीं दिया नैना ने मुझे।।
मै खुद को सम्हाल लिया पर अपनी बच्ची के लिए ही अब मुझे जीना है और तेरी शादी करनी है।
सारा ने कहा ओह माई गॉड शादी नहीं करना है मुझे।।
विक्की हंस कर कहा ओह माई लिटिल सीस शादी तो करना चाहिए।
चलो अब खाना खाने चले।
यह भी सो गई।
फिर अगले दिन अन्नप्राशन के कार्ड छप कर आ गए थे।
उसमें न्यारा का एक फोटो भी लगा था।
विक्की ने कहा ज्यादा समय नहीं है जल्द ही यह सब काम करना होगा। आजकल तो सब कुछ वटसप में हो जाता है पर मैंने नहीं चाहता कि मेरी बेटी का अन्नप्राशन इस तरह हो मैंने अपने दादू की तरह सब कुछ करना चाहता हूं।
अनिक ने कहा यस सर ।।
चलो फिर सबको इन्वाइट करके आते हैं माया दी आ जाएगी तो मैं यह सब नहीं कर पाऊंगा।
अनिक ने कहा हां भाई चलते हैं।
तभी नैना के कदमों की आहट से विक्की एकदम रूक गया और फिर बोला यह तो मुझे नैना कि याद दिला रहा है।
नैना ने कहा गुड मॉर्निंग सर।।
विक्रम ने अभिनंदन किया।।।।
और कहा हम बाहर जा रहें हैं तो आप यहां पर थोड़ा सा देख लेना।
नैना ने कहा ओके सर।
अरे अतुल और बिमल को भी एक बार बोलना होगा।।।
यह नाम सुनते ही नैना अन्दर से तड़प उठी अरे यह तो निलेश के दोस्त है कहां है? कैसे हैं?
मुझे कुछ पता नहीं है।।
विक्की ने कहा अरे कुछ बोला क्या आपने? नताशा जी।।
नैना ने झट से कहा नहीं तो कुछ भी नहीं।।
ओह मुझे लगा कि कुछ बोला था विक्की ने सोचते हुए कहा।
अच्छा अब हम निकलते हैं।
नैना भी ऊपर चली गई।
ऊपर पहुंच कर देखा तो न्यारा रो रही थी।
नैना ने कहा ओले मेरा बच्चा।
क्या हुआ?
मौसी ने कहा अरे उसे भूख लगा है।
नैना ने अपने हाथ में दूध का बोतल न्यारा के मुंह में देते हुए कहा यह लो ।
फिर न्यारा को दूध पिलाने लग गई।
मौसी ने कहा अब मैं चलती हूं बेटी।
कुछ देर बाद ही न्यारा का सारा काम करने के बाद उसे सुलाने लगी और गुनगुनाने लगी।
दिल चुरा ले।
ओह चांद से चेहरे वाले।
मेरी प्यारी बिटिया के सर पर ताज हो।
फुलों का साज़ हो।
मै कैसे कहूं कि मैं क्या चाहूं।
कितना मैं तुम्हें प्यार करूं।
फिर न्यारा सो गई।
सारा तैयार हो कर आ गई और बोली अरे नताशा जी चलो नाश्ता कर लो।
नैना ने हंसते हुए कहा नहीं मैं नाश्ता कर के आई हुं।
ओह क्या आप भी ना। कहते हुए सारा चली गई।
नैना वहीं बैठ कर अतीत में खो गई।
निलेश मेरे लिए क्या क्या कर गया मैं कुछ नहीं कर पाईं।
मै एक सेलफिश हुं। वरना मैं खुद को विक्रम सिंह शेखावत के हवाले नहीं करती।
मैंने एक बेवफा से प्यार किया।।।
ओह क्या हो गया मुझे।
मै कैसे बिमल, अतुल, माया दी का सामना नहीं कर सकती हुं।
मुझे यहां से चले जाना चाहिए हर बार मेरे साथ खेल खेलते हैं भगवान।।
क्या करूं मैं मेरा तो सब कुछ चला गया।
जीने का कोई मतलब नहीं है अब तो।।।
क्यों बचाया मुझे।।
फिर कुछ देर बाद ही न्यारा सो गई थी और फिर नैना ने भी बैग से नाश्ता निकाल कर खाने लगीं।
विक्रम और अनिक सबके अपार्टमेंट जा कर इनविटेशन देकर आ रहें थे।
विक्की हर बात से बेखबर सोच कर बैठा था कि नैना अब इस दुनिया में नहीं है।।।
अपने फौजी भाईयों को भी कार्ड ओलमोसट दे दिया।बस एक देवेन्द्र सर है उनके कल देंगे।
क्रमशः