Statue Love in Hindi Fiction Stories by Rahul Meghawal books and stories PDF | Statue Love

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Statue Love

हमारी कहानी के दो मैन पात्र है, जिनमें एक का नाम राहुल है, जिसने अभी - अभी 12वी पास की है और सीकर में मैट्रिक्स में नीट की तैयारी कर रहा है और दूसरी पात्र सुमन है , जिसने भी 12वीं पास करके मैट्रिक्स सीकर में नीट की तैयारी कर रही हैं। राहुल हॉस्टल में रहता है और हॉस्टल ओर कोचिंग की दूरी काफी अच्छी है इसलिए वह रिक्शा से कोचिंग जाता है । राहुल हमेशा से ही सुमन को पसंद करता था। हर रविवार को mock test के बाद जब वह हॉस्टल जाता तो रस्ते में सुमन उसे जरूर दिखती लेकिन राहुल कभी भी उससे बात करने का साहस नहीं जुटा पाया । आपको बता दूं कि जब राहुल के 12वीं के लास्ट एग्जाम था जो बायो का था तब वह सुमन के साथ ही गया क्योंकि उस दिन राहुल लेट हो गया था इसलिए उसे लड़कियों वाली बस में बैठना पड़ा। राहुल का बैच RH2 है और सुमन का बैच RH 6 है ।


एक दिन की बात है , जब राहुल कोचिंग में पढ़ रहा था (ज्यादातर backbancher मौज मस्ती करते है ) ओर सर पढ़ा रहे थे और उसका पेन टेबल के नीचे गिरता है जैसे ही उसमें पेन उठाकर ऊपर देखा तो ऊपर का खौफनाक मंजर देख सहम सा गया क्योंकि सारी क्लास के बच्चे ओर सर मूर्ति के सामन अटक गए थे के मानो किसी ने टाइम को रोक दिया है ।उसने अपनी चुठली काटी ताकि उसे विश्वास हो कि यह कोई स्वपन नहीं है । राहुल क्लास से बाहर आता है क्लास के बाहर भी यही मंजर हुआ सब सजीव अटक गए थे। उसे लगा कि वह अकेला बचा है । चलते-चलते उसे सुमन मिलती है जो मूर्ति नहीं बनी थी । राहुल ने पहली बार सुमन से बात की और पूछा कि यह क्या हुआ है । सुमन भी डरी हुई लग रही थी, उसने बताया कि में तो बैठे-बैठे सर की बात सुन रही थी कि पलक जपक ते ही सारे लोग मूर्ति बन गये। दोनों ही बहुत डरे हुए थे । जब दोनों बाहर सड़क पर आए तो ओर भी डर गए क्योंकि हर तरफ एक्सीडेंट्स हो रहे थे। उस वक्त दुनिया के सभी इंसान मूर्ति बन गए थे सिर्फ राहुल ओर सुमन को छोड़कर ।

जब वह चलते-चलते वापस कोचिंग पहुंचे तो उन्हें आसमान से कुछ आता हुआ दिखाई दिया कि मानो कोई ufo जैसी चीज है दोनों ही छुप गए और उसे चीज को देखने लगे उस ufo से एक राक्षस के जैसा दिखने वाला एक व्यक्ति बाहर आया जिसने विचित्र कपड़े पहने थे उसके हाथ में गेंद थी जो चमक रही थी वह राक्षस सभी क्लासों में जाकर देखने लगा की कोई बच तो नहीं गया है जैसे ही वह उसे क्लास में पहुंचा जिस क्लास में राहुल और सुमन छिपे थे । दोनों ने मूर्ति बनने का नाटक किया कुछ देर बाद वह राक्षस वहां से चला गया ।अब मैं आपको राक्षस के बैकग्राउंड के बारे में बता देता हूं इसका नाम परम है और यह पूरी दुनिया में से इंसानों को खत्म करना चाहता है यह भी पहले इंसान था इसको जानवरों से बहुत प्रेम था । जब भी कोई चिकन खाता तो इसको बहुत गुस्सा आता था । इसने जानवरों के लिए एक फॉर्म भी खोला था । उसने घूम घूम के लोगों को जागरूक किया कि बेजुबान जानवरों पर अत्याचार ना करें लेकिन कलयुग में कौन उसकी बातें सुनता । अंत में हार कर इसने आत्महत्या कर ली उसने गलत तरीकों से एक गेंद को प्राप्त किया जिसमें सुपर पावर थी कि वह सभी इंसानों को मूर्ति बना सकती है । अब कहानी में वापस लौटते हैं । राहुल और सुमन दोनों बाहर निकले दोनों ने अनुमान लगाया कि शायद परम नहीं सबको मूर्ति बनाया है । तभी राहुल कहता है कि हमें सबको बचाना होगा लेकिन सुमन उसकी बात नहीं मानती और वहां से चली जाती है। सुमन घर पहुंच कर देखती है कि उसके माता-पिता और सभी घरवाले भी मूर्ति बन गए हैं । उन्हें ऐसा देखा वह रोने लगी तभी वहां राहुल आ जाता है और उससे कहता है कि हमें अपने माता-पिता को सही करने के लिए कुछ ना कुछ करना पड़ेगा । दोनों ने सोचा कि किसी को ढूंढा जाए जो भी हमारी तरह मूर्ति ना बना हो ।

 दो दिन ढूंढने के बाद भी उन्हें कोई नहीं मिला दोनों तमिलनाडु की एक है मंदिर के पास पहुंचे गए थे । थक हार कर उन्होंने मंदिर में ही रात बिताई जब राहुल सुबह उठा तो उसे श्री राम जी के मूर्ति के नीचे एक किताब दिखाई दी । राहुल को पढ़ने का बहुत शौक था । वह उसे पढ़ने लगा । पढ़ते पढ़ते उसे एक मंदिर का नाम मिला और वहां लिखा था कि इस मंदिर में परम की शक्तियां नहीं चलेगी । वहां के शिव जी के मूर्ति के त्रिशूल से ही परम का वध किया जा सकता है । यह मंदिर नजदीक ही था उस मंदिर का नाम था उज्जैन का महाकाल मंदिर । राहुल ने यह सब बातें सुमन को बताई दोनों ही कार से उज्जैन की ओर निकल पड़े। यह बात अच्छी थी कि राहुल को कर चलाने आती थी रास्ते में एक जंगल था राहुल कार चला रहा था और सुमन से बातें कर रहा था। तभी दोनों को लगा की परम आ रहा है क्योंकि जमीन हील रही थी और उनकी कार भी बंद हो गई । परम ने दोनों को पकड़ कर एक पिंजरे में बंद कर दिया थोड़ी देर बाद दोनों को होश आया और दोनों बहुत घबरा गए थे । जब राहुल पिंजरे से बाहर निकलने का रास्ता खोज रावत तब उसे एक पत्थर दिखाई दिया पत्थर के नीचे एक बटन था । बटन के पास ही एक कागज में लिखा था कि इस बटन को तीन बार ही उपयोग कर सकते हैं । एक बार राहुल इसे दबाता है तो पिंजरा खुल जाता है लेकिन जैसे ही वह हाथ बटन से हटाता है तो पिंजरा वापस बंद हो जाता है उसे समझ आ गया था कि इस पर कोई वस्तु रखनी होगी उसने एक पत्थर को उस पर रख दिया दोनों वहां से भाग गए । दोनों को एक कार भी मिल गई।राहुल जल्द से जल्द मंदिर पहुंचने के लिए कार को भगाता है । दोनों मंदिर के पास पहुंचे और अंदर जाकर चैन की सांस ली । रास्ते के दौरान परम भी इनका पीछा कर रहा था जैसे ही परम मंदिर के अंदर आया किताब के अनुसार ही हुआ उसकी शक्तियां काम करना बंद हो गई । राहुल ने जल्दी से शिवजी की मूर्ति से त्रिशूल निकालकर परम को मार दिया ।


अपने गेंद को उठाकर अपनी जेब में डाला तुरंत से तुरंत तमिन्नाडु के मंदिर पहुंचे। मंदिर में जाकर किताब को पड़ा। किताब में लिखा था कि इस गेंद को नष्ट करने से ही सभी इंसान वापस ठीक होंगे। उन्होंने कोचिंग पहुंचकर गेंद को नष्ट कर दिया नष्ट करते ही आसमान में एक 5 मिनट का टाइमर शुरू हो गया। उन्हें लगा कि टाइमर खत्म होने के बाद सभी ठीक हो जाएंगे। दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया और खुशी से अपनी अपनी क्लास की टेबल पर जाकर बैठ गए। 5 मिनट के बाद सभी इंसान ठीक हो गए। छुट्टी होने के बाद राहुल ओर सुमन ने बहुत बाते की ।राहुल ने कहा कि में तुम्हे कुछ बताना चाहता हु और यह कहते ही राहुल सुमन को प्रपोज कर देता है और सुमन भी उसका प्रपोजल स्वीकार कर लेती है और हमारी कहानी यही खत्म होती है । मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी।