The Price of Dreams: A Story of Hard Work and Courage in Hindi Motivational Stories by Akash Sonwane books and stories PDF | सपनों की कीमत: मेहनत और हिम्मत की कहानी.

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सपनों की कीमत: मेहनत और हिम्मत की कहानी.

छोट्या से गाँव में रहने वाला लड़का आरव हर शाम अपने घर की छत पर बैठकर आसमान की ओर ताकता।
तारे चमकते, चाँद मुस्कुराता, और आरव अपने सपनों की दुनिया में खो जाता।
कभी वह पायलट बनने का सपना देखता, कभी इंजीनियर बनने का, कभी अपनी खुद की कंपनी का।
लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि हर दिन का सपना भी एक बड़ी चुनौती बन जाता।

आरव के पिता किसान थे। उनकी मेहनत साल भर भी कभी-कभी बारिश पर निर्भर रहती थी।
माँ घर संभालती और बच्चों की पढ़ाई में मदद करती।
घर की रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना ही कभी-कभी एक संघर्ष बन जाता।

एक दिन पिता ने आरव से कहा:

बेटा, ज़िंदगी में सपने देखना गलत नहीं है।
पर उनके लिए मेहनत करने और कीमत चुकाने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती।

ये बात आरव के दिल में गहराई से उतर गई।
उसने तय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ेगा।

दसवीं के बाद आरव ने टॉप किया।
गाँव में उसकी तारीफें होने लगीं।
लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे।
माँ ने अपनी पुरानी चांदी की पायल बेचकर उसका एडमिशन शहर के कॉलेज में कराया।

शहर की जिंदगी आसान नहीं थी।
किराया देना, खाना बनाना, कॉलेज जाना, और रात में पार्ट-टाइम नौकरी 
दिन ऐसे गुजरते जैसे 24 घंटे भी कम पड़ रहे हों।

आरव अक्सर थककर छत पर बैठकर तारों की ओर देखता,
लेकिन अब उसकी आँखों में सिर्फ सपने नहीं,
उन सपनों को सच करने की जिद्द थी।

कॉलेज के बाद उसे एक छोटी कंपनी में इंटर्नशिप मिली।
तनख्वाह कम थी, लेकिन उसने इसे एक मौका माना।
वो दूसरों की तरह समय बर्बाद नहीं करता था।
रातों में वह देर तक सीखता, प्रोजेक्ट बनाता, और खुद को हर दिन बेहतर बनाता।

कई बार उसके बॉस ने पूछा:

आरव, तुम इतना मेहनत क्यों करते हो ?
वो मुस्कुराकर कहता:
सर, मैं अपने सपनों की कीमत चुका रहा हूँ।

धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाने लगी।
एक साल बाद उसे स्थायी नौकरी मिली।
पहली सैलरी लेकर वह सीधे गाँव गया और अपने पिता को एक नई साइकिल दी।
पिता की आँखों में गर्व और आँसू दोनों थे।

🌄 सफलता का रास्ता हमेशा आसान नहीं होता

आरव की ज़िंदगी अब सही दिशा में चल रही थी।
लेकिन कंपनी अचानक बंद हो गई, और उसे नौकरी से निकाल दिया गया।

दो महीने तक वह बेरोज़गार रहा।
कई बार मन में आया कि सब छोड़कर गाँव लौट जाए।
लेकिन पिता की आवाज़ फिर से कानों में गूंजती —

 सपनों की कीमत चुकाने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती।

आरव ने हार नहीं मानी।
वो दिन-रात ऑनलाइन सीखता, फ्रीलांस प्रोजेक्ट्स करता, और खुद को नए कौशलों में निपुण बनाता।
धीरे-धीरे लोग उसे पहचानने लगे।
आज वही आरव सॉफ्टवेयर कंपनी का फाउंडर है,
जो सैकड़ों युवाओं को नौकरी देता है और उनके सपनों को सच करने में मदद करता है।

आरव के पास अब सब कुछ था 
बड़ा घर, कार, सम्मान 
लेकिन जब लोग पूछते,

आरव, तुमने सब कैसे हासिल किया?

वो बस कहता:
हर सपना अपने साथ एक कीमत लेकर आता है।
कभी उसे नींद से चुकाना पड़ता है,
कभी आराम से,
कभी अपनों की कमी से।
लेकिन अगर तुम इस कीमत को दिल से चुकाने को तैयार हो 
तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता।

सपनों की कीमत सिर्फ मेहनत या पैसे से नहीं होती।
वो होती है त्याग, समय, धैर्य, और जिद्द की।

कभी-कभी तुम्हें अपनी खुशियों का त्याग करना पड़ता है।
कभी दोस्तों की मस्ती छोड़नी पड़ती है।
कभी अपनी आरामदेह ज़िंदगी से दूर जाना पड़ता है।
लेकिन यही कीमत है जो बड़े सपनों को सच करती है।

 सीख 

यदि तुम अपने सपनों के रास्ते पर हो,
तो कठिनाईयों से मत डरना।
क्योंकि कठिन रास्ते ही मंज़िल की पहचान बनाते हैं।

सपनों की कीमत पसीने से चुकानी पड़ती है,
नींद से नहीं।
और जब तुम ये कीमत चुका देते हो,
तो ज़िंदगी खुद तुम्हें वो सब देती है, जिसके तुम हक़दार हो।”

हर बार जब हालात तुम्हारे खिलाफ लगें,
बस यह याद रखना —

“सपनों की कीमत वही चुका सकता है,
जिसके अंदर उन्हें सच करने की आग हो।”

आरव की कहानी यही सिखाती है कि सपनों को सच करने के लिए
सिर्फ सोचने से काम नहीं चलता।
उनके लिए हर दिन, हर पल, पूरी मेहनत और लगन जरूरी होती है।