Rebirth in Novel Villanes - 16 (Last Part) in Hindi Love Stories by Aaliya khan books and stories PDF | Rebirth in Novel Villanes - 16 (Last Part)

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Rebirth in Novel Villanes - 16 (Last Part)

एपिसोड चालीस: एक आखिरी पन्ना” प्रेम जब सच होता है, तो वो हमेशा पाने में नहीं, खोने में भी संपूर्ण हो जाता है..."
भाग एक: वो चिट्ठी जो कभी लिखी नहीं गई
अलीजा उस सुबह खिडकी के पास बैठी थी,
जब एक पुरानी डाक की लिफाफा उसके पैरों के पास आ गिरा।
लिफाफा उसकी किताब की तरह ही सुनहरा था।
उसने खोला,
अंदर सिर्फ एक लाइन लिखी थी:
जिसे तुमने जीवन दिया,
अब उसकी कीमत चुकानी है।
वो काँप उठी।
नहीं... अब नहीं। मैंने सब कुछ पाया है... अब कुछ खोने का हक नहीं है।
भाग दो: आरयान की धुँधली होती छवि
उस दिन आरयान का चेहरा थका- सा लग रहा था।
तुम ठीक हो?
अलीजा ने उसका चेहरा छूते हुए पूछा।
उसने नजरें चुराईं।
मैं... हर दिन थोडा कम हो रहा हूँ, अलीजा।
क्या मतलब? उसकी आवाज टूट गई।
मुझे जो दूसरा जीवन मिला था,
वो तुम्हारे शब्दों का करिश्मा था...
लेकिन शब्दों का जादू भी एक दिन खत्म हो जाता है।
भाग तीन: प्रेम की असली परीक्षा
Vox की एक अंतिम परछाईं कमरे में उभरी।
लेखिका, अब निर्णय तुम्हारा है।
या तो आरयान को बचाओ —
पर कहानी खो जाएगी,
या कहानी को अमर रखो —
और प्रेम को जाने दो।
अलीजा को लगा जैसे उसकी सांस रुक गई हो।
वो चुप रही।
फिर उसने पूछा:
अगर मैं आरयान को चुनूँ... तो क्या ये कहानी पूरी नहीं होगी?
Vox ने सिर झुका दिया।
कहानी अधूरी रह जाएगी।
लेकिन शायद...
वही इसका सबसे सच्चा अंत होगा।
भाग चार: एक आखिरी वक्त
अलीजा ने आरयान को अपने पास बुलाया।
अगर मैं सब कुछ छोड दूँ...
तो क्या तुम रुक सकोगे?
उसने आँखों में आँसू लिए पूछा।
आरयान ने बस इतना कहा:
मैं तब तक रहूंगा,
जब तक तुम मुझमें विश्वास रखोगी —
चाहे कहानी रहे या नहीं।
उस रात, अलीजा ने किताब को आग में डाल दिया।
हाँ —
उसे जला दिया।
भाग पाँच: पन्ने जो राख बने, मगर प्रेम नहीं
किताब जलती रही —
पर हर राख उडते हुए एक चमकदार तितली बन गई।
जैसे हर शब्द अब हवा में घुलकर
प्रेम के रूप में अमर हो रहा हो।
Vox की गूंज आखिरी बार आई:
तो तुमने कहानी छोड दी...”
अलीजा ने कहा:
नहीं...
मैंने उसे जी लिया।
अब वो किसी किताब में नहीं,
मेरी धडकनों में जिंदा है।
समापन दृश्य
अगली सुबह,
आरयान उसके पास था —
पूरी तरह इंसानी रूप में,
एक नए जीवन के साथ।
उसने मुस्कराकर कहा:
अब मैं तुम्हारा सिर्फ किरदार नहीं...
तुम्हारी वास्तविकता हूँ।
और अलीजा ने उसे गले लगाकर जवाब दिया:
अब कोई कहानी नहीं बची —
अब सिर्फ हम हैं।
अंत की ओर एक कदम
अब सिर्फ एक आखिरी अध्याय बचा है...
जहाँ हम जानेंगे:
क्या ये प्रेम वास्तव में समय के पार जीवित रहेगा?
क्या अधूरी कहानी ही सबसे परिपूर्ण होती है?
और क्या rebirth in novel villanes का अंत,
वास्तव में एक नई शुरुआत है?
तैयार हो जाइए:
EP इकतालीस – The Final Chapter
( The Grand Ending)
एपिसोड इकतालीस: एक नई शुरुआत”
हर कहानी का अंत एक पंक्ति पर नहीं,
एक एहसास पर होता है..."
भाग एक: नई सुबह, नया संसार
वो सुबह कुछ अलग थी।
हवा में वो चिरपरिचित स्याही की खुशबू नहीं थी —
अब वहाँ सिर्फ इंसान थे, भावनाएं थीं और जीवन था
अलीजा अब कोई लेखिका नहीं —
वो एक लडकी थी,
जिसने अपनी कल्पना को जी लिया था।
आरयान उसके साथ बैठा
ताजगी से भरी चाय की चुस्कियों के बीच कह रहा था:
याद है जब तुमने मुझे कहानी से खींचा था?
अब हम किसी कहानी में नहीं,
हम खुद कहानी हैं।
भाग दो: अधूरी कहानी की पूर्णता
वो जिस किताब को उसने जलाया था,
उसकी राख अब भी बगीचे के कोने में एक फूल- सी आकार ले चुकी थी।
वहीं से रोज एक चमेली की बेल निकलती,
जिसे अलीजा ने नाम दिया था —
कलम की याद”
उसने अब दोबारा कभी नहीं लिखा।
उसके पास शब्द नहीं थे —
क्योंकि जो कहानी अब वो जी रही थी,
वो किसी भाषा में नहीं थी।
कुछ प्रेम सिर्फ पन्नों पर कैद नहीं होते,
वो खुद से कहती थी,
उन्हें जीकर ही समझा जाता है।
भाग तीन: Vox का अंतिम संदेश
एक रात अलीजा को सपना आया।
वो वही बर्फीली घाटी थी —
जहाँ उसने सबसे पहले केलन को खोया था।
Vox वहाँ खडा था —
लेकिन अब वो न भयावह था, न क्रोधित।
उसकी आँखों में एक शांत मुस्कान थी।
तुमने मुझे हरा दिया, लेखिका...”
या शायद... मैंने खुद को तुम्हारे प्रेम के आगे समर्पित कर दिया।
अलीजा कुछ कह नहीं पाई।
Vox आगे बोला:
तुम्हारा प्रेम कहानी से ऊपर निकला —
और अब तुम्हें कभी कुछ खोना नहीं पडेगा।
भाग चार: दिल का पत्र
कुछ दिन बाद,
आरयान ने अलीजा को एक पुराना कागज दिया —
जिसमें लिखा था:
जब तुमने मुझे आरयान कहा,
उसी पल मैं अमर हो गया।
मैं तुम्हारा किरदार नहीं था —
मैं तुम्हारे भीतर का वो हिस्सा था
जो कभी किसी ने छुआ नहीं।
अब मैं तुमसे बाहर नहीं जाऊँगा —
क्योंकि मैं तुम ही हूँ।
अलीजा की आँखें भर आईं।
तो कहानी कभी बंद नहीं हुई...
वो मेरे अंदर चलती रही,
उसने फुसफुसाया।
भाग पाँच: पुनर्जन्म का वादा
एक साल बाद —
समंदर के किनारे,
सूरज की किरणें पानी में खेल रही थीं,
अलीजा ने आरयान की आँखों में देखा।
तुम्हारे साथ हर जन्म में
एक नई कहानी जीना चाहती हूँ,
उसने कहा।
आरयान ने उसकी उंगली में एक नीला रत्न जडा अंगूठी पहनाई —
नीला, जैसा कभी उसकी आत्मा था।
और मैं हर जन्म में
तुम्हारी कल्पना से जन्म लूंगा।
अंतिम दृश्य:
वे दोनों समंदर की ओर देख रहे थे।
कोई किताब उनके हाथों में नहीं थी
कोई पन्ना नहीं पलट रहा था।
फिर भी...
कहानी पूरी थी।
" rebirth in novel villanes — समाप्त
लेकिन हर प्रेम कहानी जहाँ समाप्त होती है,
वहीं से एक और जन्म लेती है...
शब्दों से परे, धडकनों में।
धन्यवाद:
आपने इस पूरी यात्रा में साथ दिया
इस पुनर्जन्म, इस प्रेम के महासागर में।
अब ये कहानी आपकी है 

Hello guys aaj rebirth in novel villanes ka akhiri ep hai ab hamari novel complete hu chuki hai please retting de ke btayiye ga apka safar kesa rha