Mother's last letter in Hindi Motivational Stories by Arkan books and stories PDF | माँ का आख़िरी ख़त

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माँ का आख़िरी ख़त


“माँ का आख़िरी ख़त”

मेरे प्यारे बेटे,

तेरा यह ख़त माँ तेरे लिए आख़िरी साँसों में लिखा जा रहा है। आँखें थक चुकी हैं, पर दिल में तेरे लिए वही अटूट प्यार है। जब तू मेरा हाथ पकड़कर चलता था, तब मेरी दुनिया पूरी लगती थी। अब मैं जा रही हूँ, पर जाने से पहले तुझसे कुछ बातें बाँटना चाहती हूँ जो मैंने अपनी सादगी भरी जिंदगी में सीखी हैं।

सबसे पहले माफ़ कर देना मेरी कमियों को। माँ भी इंसान थी; कई बार थक कर गलतियाँ कर बैठी। पर हर कदम पर मेरा इरादा तुझ्हें सही राह दिखाना था। याद है बचपन में तू कैसे मेरे गले लगकर सो जाता था? तेरी वह मासूमियत मेरे जीने की वजह थी। मैं चाहती थी कि तू बड़ा होकर ईमानदार और दयालु बने। धन से ज़िन्दगी नहीं बनती, पर नेक दिल से सब कुछ बन सकता है।

अगर तेरे रास्ते में कठिनाइयाँ आयीं तो समझ लेना कि यह जीवन की कश्ती की लीवारें हैं। रोना, दुख उठाना इंसानी है; पर उठ कर फिर आगे बढ़ना बड़ी बात है। लोगों की बातों में अपना आत्मसम्मान मत खोना। ज़रूरत पड़ने पर हाथ फैलाना सीखना, पर अपने हकों के लिए भी खड़ा रहना। कभी भी किसी की घृणा से अपने भीतर की अच्छाई मत बदलना।

मैं तुमसे बस यह चाहती हूँ कि अपने रिश्तों को संजो कर रखना। परिवार, दोस्त और छोटे-छोटे फ़र्ज़ जो लोग निभाते हैं — उनकी कदर कर। पढ़ाई और मेहनत ज़रूरी है, पर प्यार बाँटना और वक्त देना उससे भी ज़्यादा मायने रखता है। किसी कमजोर की मदद करने से आत्मा को सुकून मिलता है, और यही सुकून मेरी आख़िरी दुआ है तेरे लिए।

अगर तू कभी अकेला महसूस करे तो मेरी यादों को गले लगा लेना। मैं तेरे हाथ की गर्मी, तेरी पहली मुस्कान और तेरे छोटे-छोटे सवालों में हूँ। जब तू सफल होगा, मेरी आत्मा को चैन मिलेगा; जब तू टूटेगा, मेरी दुआएँ तेरे साथ होंगी। खुद से प्यार करना सीख — जो खुद को समझ लेता है, वही दूसरों की गहराई समझता है।

एक माँ की नज़र से मैं तुझे बस इतना ही कहना चाहती हूँ — सच्चाई के साथ जियो, विनम्र बनो, और जब भी मौके मिले, प्रेम बाँटो। जिंदगी की राहों में मिले हर अनुभव को सम्मान दो, क्योंकि वही तुम्हें पूरा करेगा। और हाँ, किसी औरत का अपमान कभी मत करना; दुनिया मेरी जैसी औरतों से बनती है जिनमें प्यार का घर होता है।

तुझे एक और बात—डर से मत भागना। जब फैसले आये तो शांत मन से सोच और ईमानदारी से काम कर। असफलता सीख है; सफलता से घमंड मत करना। तेरे पिता के अच्छे संस्कार समेटे रखना, पर गुस्से में कभी बोल मत देना जिससे पछताना पड़े। नेकी करने में हिम्मत रख, और घर ऐसा बना जहां लोग आराम से आ सकें। जब तू अपने बच्चों को सिखायेगा, उनकी छोटी खुशियों को गौर से सुनना।

अंत में बस इतना कहूँगी—मेरी कमी को अपनी कमजोरी मत बनने देना। उसे अपनी ताकत बना और हर दिन एक छोटा नेक काम कर। मैं तेरे अंदर वही माँ की आवाज़ छोड़ कर जा रही हूँ जो हर मोड़ पर तुझे उठने और आगे बढ़ने की हिम्मत देगी।

तेरी हर खुशी में मैं खुश रहूँगी और तेरी हर तकलीफ पर मेरी दुआ तेरे साथ रहेगी। जब भी ज़रूरत महसूस कर, मेरे बताए रास्तों पर चलना, पर अपने दिल की भी सुनना। चले जा बेटा, मेरी आशा और मेरे आशीर्वाद तेरे साथ हैं।

तेरी माँ,
हमेशा तेरे साथ है