नवरात्रि की अद्भुत कहानी in Hindi Moral Stories by Raju kumar Chaudhary books and stories PDF | नवरात्रि की अद्भूत कहानी

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नवरात्रि की अद्भूत कहानी

🌸 नवरात्रि पर आधारित कहानी 🌸

गाँव के किनारे एक छोटा सा घर था, जिसमें अम्मा अपने पोते-पोती आरव और सिया के साथ रहती थीं। नवरात्रि का समय था। पूरे गाँव में उत्साह और भक्ति का माहौल छाया हुआ था। ढोल-नगाड़ों की आवाज़, मंदिरों में घंटियों की झंकार और घर-घर में जलते दीपक से वातावरण जगमगा रहा था।

आरव ने अम्मा से पूछा,
“अम्मा, लोग नवरात्रि में व्रत क्यों रखते हैं? और ये माँ दुर्गा की नौ रूपों की पूजा क्यों की जाती है?”

अम्मा ने मुस्कुराकर कहानी सुनानी शुरू की—



बहुत समय पहले, राक्षसों का राजा महिषासुर था। वह बहुत शक्तिशाली था और उसने कठोर तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया था कि कोई भी देवता या असुर उसे पराजित नहीं कर पाएगा। वरदान के अहंकार में वह अत्याचार करने लगा। देवताओं के लोक पर कब्ज़ा कर लिया और धरती पर भी आतंक मचाने लगा।

देवताओं ने मिलकर समाधान ढूँढ़ा। तभी त्रिमूर्ति—ब्रह्मा, विष्णु और महेश—की ऊर्जा से एक दिव्य शक्ति प्रकट हुई। वही शक्ति थीं माँ दुर्गा। उनके दस हाथों में अलग-अलग अस्त्र थे, चेहरे पर तेज था और स्वरूप अद्भुत।

नौ दिनों और नौ रातों तक माँ दुर्गा और महिषासुर का युद्ध हुआ। हर दिन माँ दुर्गा ने अपने अलग-अलग रूप दिखाए—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।

दसवें दिन माँ ने महिषासुर का वध किया और धर्म की विजय हुई। तभी से नवरात्रि मनाई जाती है, ताकि हम बुराई पर अच्छाई की जीत को याद रखें और माँ शक्ति से आशीर्वाद प्राप्त करें।



अम्मा की कहानी सुनकर सिया बोली,
“तो अम्मा, नवरात्रि हमें क्या सिखाती है?”

अम्मा ने प्रेम से कहा,
“बेटी, नवरात्रि हमें यह सिखाती है कि चाहे अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, सत्य और भलाई की जीत निश्चित है। माँ शक्ति हमें साहस देती हैं कि हम अपने अंदर की बुराई—जैसे क्रोध, ईर्ष्या, लालच और आलस्य—को हराकर अच्छे गुणों को अपनाएँ।”

उस रात, आरव और सिया ने भी संकल्प लिया कि वे पूरे नवरात्रि अच्छे कर्म करेंगे, किसी से झूठ नहीं बोलेंगे और जरुरतमंदों की मदद करेंगे।

गाँव में दुर्गा पूजा का विशाल पंडाल सजा, गरबा और डांडिया की धुन पर लोग झूम उठे। चारों ओर भक्ति, उल्लास और शक्ति का संदेश फैल गया।



✨ और इस तरह नवरात्रि की कहानी हर दिल में आशा जगाती है कि माँ दुर्गा की तरह हर इंसान अपने जीवन की लड़ाई जीत सकता है।

🌸 नवरात्रि की कहानी 🌸


बहुत समय पहले, अच्छाई और बुराई के बीच एक बड़ा युद्ध हुआ था। उसी से नवरात्रि की शुरुआत हुई। यह कहानी हमें साहस, भक्ति और सच्चाई का पाठ पढ़ाती है।
🎨 चित्र सुझाव: शुरुआत में एक रंगीन पन्ना जिसमें बच्चे दीपक जलाते हुए और आसमान में तारे चमकते हुए दिखें।



🌺 महिषासुर का अत्याचार

एक बार एक राक्षस था – महिषासुर। उसने भगवान ब्रह्मा से वरदान पाया कि देवता या राक्षस कोई उसे हरा नहीं सकेगा। वरदान के अहंकार में वह निर्दोष लोगों को परेशान करने लगा और देवताओं के लोक पर भी कब्ज़ा कर लिया।


🌺 माँ दुर्गा का प्रकट होना

देवताओं ने त्रिमूर्ति – ब्रह्मा, विष्णु और महेश से मदद माँगी। उनकी शक्तियों से एक दिव्य देवी प्रकट हुईं – माँ दुर्गा। उनके दस हाथ थे, हर हाथ में अलग-अलग अस्त्र। उनके स्वरूप से पूरा संसार प्रकाशमान हो गया।
🎨 चित्र सुझाव: सुनहरी रोशनी से घिरी माँ दुर्गा, उनके चारों ओर देवता झुके हुए।



🌺 नौ दिन का युद्ध

माँ दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों और नौ रातों तक भीषण युद्ध हुआ। हर दिन माँ दुर्गा ने अलग-अलग रूप धारण किया –

1. शैलपुत्री


2. ब्रह्मचारिणी


3. चंद्रघंटा


4. कूष्मांडा


5. स्कंदमाता


6. कात्यायनी


7. कालरात्रि


8. महागौरी


9. सिद्धिदात्री



🎨 चित्र सुझाव: हर दिन माँ दुर्गा का नया रूप रंग-बिरंगे पन्नों में – जैसे चंद्रघंटा के सिर पर घंटी, कालरात्रि का गहरा काला रूप, महागौरी का उज्ज्वल सफेद।



🌺 विजय दशमी

दसवें दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। अच्छाई ने बुराई पर जीत हासिल की। तभी से नवरात्रि और दशहरा मनाया जाता है।
🎨 चित्र सुझाव: माँ दुर्गा अपने त्रिशूल से महिषासुर का वध करती हुईं और चारों ओर देवताओं का जयकार।



🌺 सीख

नवरात्रि हमें यह सिखाती है कि सत्य और भलाई की हमेशा जीत होती है।

माँ दुर्गा की तरह हमें भी साहसी, दयालु और सच्चा बनना चाहिए।

हमें अपने भीतर के दुश्मनों – जैसे आलस्य, झूठ, लालच और क्रोध – को हराना चाहिए।
🎨 चित्र सुझाव: बच्चे किताब पढ़ते हुए, एक-दूसरे की मदद करते हुए, और मुस्कुराते हुए।



✨ समापन

गाँव-गाँव में गरबा, डांडिया और पूजा का उत्सव होता है। दीपक जलाकर लोग माँ दुर्गा से आशीर्वाद माँगते हैं।
🎨 चित्र सुझाव: रंग-बिरंगे कपड़ों में बच्चे और बड़े गरबा खेलते हुए, मंदिर में जलते दीपक।

नवरात्रि सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का संदेश है।