Love's Ashes - 3 in Hindi Love Stories by Baalak lakhani books and stories PDF | Love's Ashes - 3

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Love's Ashes - 3

अध्याय 3:   



   शादी का दिन था, फूलों की खुशबू और रिश्तेदारों की हलचल के बीच प्रेम के दिल में जो हलचल थी, उसे कोई नहीं समझ पाया। लव स्टोरी का वह सबसे नजदीकी पल, जिसे वह सदियों तक याद रखना चाहता था, अचानक एक बड़ी उलझन में बदल गया।      संदेश ने प्रेम के दिल में डर और चिंता की आग लगा दी थी। माता-पिता की तबियत उसके लिए महत्वपूर्ण थे। छोटी बहन के शब्दों ने उसे झकझोर दिया।वह अनन्या की ओर देखता रहा, जो अपने प्यार और सपनों से भरपूर, बेफिक्र मुस्कुरा रही थी, पर उसके दिल में छुपी बेचैनी को प्रेम देख पा रहा था।प्रेम ने गहरे मन से खुद से कहा,“क्या मैं अपनी मोहब्बत को खोऊँ या परिवार को?”उसके दिमाग़ में ये सवाल तैरते रहे, और उस विशाल मंडप में, जहाँ खुशियाँ मनानी चाहिए थीं, वह खुद को खोया हुआ महसूस कर रहा था।

    अनन्या ने प्रेम की आंखों में वह सब देखा जो वह छुपाना चाहता था।उसने प्यार से उसके हाथ थामे और बोली,“प्रेम, मैं जानती हूँ कि तुम्हारे दिल पर कितनी भारी जिम्मेदारी है। हम साथ हैं, और जो भी निर्णय होगा, मैं तुम्हारे साथ हूँ।”उसकी बातों ने प्रेम को एक नई ताक़त दी। वह जान गया कि अनन्या असली साथी है, जो मुश्किल वक्त में भी साथ नहीं छोड़ेगी।

    प्रेम ने गहरी सांस ली और मोबाइल बंद कर दिया।उसने परिवार को पहले समझाने और समर्थन पाने का निर्णय लिया। शादी के मंडप से उठकर वह घर गया, माता-पिता से मुलाकात की, बहन की तबियत देखी।परिवार ने देख लिया कि प्रेम की मोहब्बत सच्ची है और साथ ही उसकी जुझारूपन भी। माँ-बाप ने धीरे-धीरे स्वीकार करना शुरू किया।     कुछ दिन बाद, प्रेम और अनन्या ने परिवार के समर्थन के साथ शादी के फेरे लिए।यह पूरी कहानी सिर्फ़ दो दिलों की नहीं थी, बल्कि दो परिवारों के मेल की भी थी।उनके रिश्ते ने कठिनाइयों और संकटों को पार कर मजबूत होकर एक नया मुकाम पाया।प्रेम ने सीखा कि प्यार में कभी-कभी धैर्य और समझदारी ज़रूरी होती है।और अनन्या ने साबित किया कि सच्चा प्यार हर परिस्थिति में साथ देता है।

शादी के जश्न और परिवार के आशीर्वादों के बीच, प्रेम और अनन्या एक नई दुनिया की ओर बढ़ रहे थे।उनकी मुस्कानें, हँसी-ठिठोली और मिलजुलकर अपने छोटे घर का सामान सजाने का उत्साह——सब में नए रंग भरे थे।

   अब दो दिल एक छत के नीचे, सपनों के साथ-साथ जिम्मेदारियाँ भी साझा करने लगे।छोटी-मोटी तकरारें शुरू हुईं—कभी सुबह की चाय में चीनी कम, कभी बाज़ार से खरीदारी पर बहस।पर हर छोटी बात को दोनों प्रेम और समझदारी से सुलझाते रहे।बाहर से सबकुछ खुशहाल था, लेकिन हर शादी की तरह——सच्ची परीक्षा अब शुरू होनी थी।अचानक एक बड़ा संकट आता हे.... एक दिन प्रेम अपनी ऑफिस फाइल्स खंगाल रहा था, तभी अनन्या के मोबाइल पर एक अजनबी नंबर से कॉल आया।अनन्या घबरा गई। प्रेम ने पूछा, "कौन है?"   अनन्या बोली——"कुछ नहीं… शायद कोई गलती से कॉल है।"   लेकिन वो कॉल बार-बार आने लगा।प्रेम को शक हुआ, उसकी धड़कनें बढ़ गईं।अगले हफ्ते अनन्या का पुराना कॉलेज फ्रेंड "राहुल" अचानक उनके शहर आ गया। राहुल और अनन्या कभी अच्छे दोस्त थे——पर अब राहुल, अनन्या के जीवन में क्यों लौटा?राहुल ने अनन्या से मिलने की बात की—और वह बात प्रेम तक पहुंच गई।शक की छोटी सी आग बड़े सवालों में बदलने लगी।    रिश्ते का असली टेस्ट अब शुरू होगा     प्रेम के मन में खयालों का तूफ़ान—"क्या अनन्या अब भी अपने अतीत से जुड़ी है?""क्या मेरी शादी असुरक्षित है?"उधर, अनन्या खामोश——न वह सच पूरी तरह बता पा रही थी, न प्रेम के शक को झूठला पा रही थी।अब दोनों के दम पर टिका था सारा रिश्ता—इन्हें तय करना था कि—क्या वे भरोसे की डोरी कस पाएँगे?क्या यह नया तूफ़ान दोनों को तोड़ देगा, या और मजबूती देगा?

    इसी बीच, अनन्या की तबीयत बिगड़ गई।डॉक्टर ने जाँच की, रिपोर्ट में एक चौंकाने वाली बात निकली——कॉलेज के दिनों में, अनन्या को एक गंभीर बीमारी हुई थी, जिसका उपचार उसने परिवार से छुपाकर करवाया था।अब वही बीमारी फिर लौटी थी।परिवार, कॉलेज फ्रेंड "राहुल" और बीमारी——तीनों मिलकर प्रेम-आनन्या के जीवन में नया भूचाल ले आए।अब इस शादी की डोर——भरोसे, साहस और सच्चे प्यार के सहारे कसनी थी।

क्या प्रेम अपने पुराने डर को जीतकर, इस नए संकट में अनन्या का सबसे बड़ा सहारा बनेगा——या शक, ग़लतफ़हमी और समाज का दबाव उनके प्यार की दीवार गिरा देगा?आगे का अध्याय——रिश्तों का असली इम्तिहान और निर्णायक मोड़— क्या फेसला होंगा?