Bas tumhare liye in Hindi Love Stories by Pratiksha Parmar books and stories PDF | बस तुम्हारे लिए

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बस तुम्हारे लिए


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Chapter 1 – नकली शुरुआत 🌹


“तुम सच में ये करने जा रही हो?” रिद्धि ने हल्की चिंता भरी आवाज़ में पूछा। उसकी भूरी आँखों में डर और दोस्ती का मिश्रण था।

सानवी ने गहरी साँस ली, और हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया,
“हां… बस ये एक महीना है। सब ठीक हो जाएगा। और हाँ, रिद्धि, डरने की कोई बात नहीं। मैं संभाल लूंगी।”

सानवी का चेहरा मासूमियत और आत्मविश्वास का मिश्रण था। उसकी छोटी-छोटी मुस्कानें, उसकी आँखों की चमक और उसका सच्चाई से भरा व्यवहार—सब कुछ उसे बाकी लोगों से अलग बनाता था। ज़िंदगी में रोमांस और ड्रामा सिर्फ़ किताबों तक ही सीमित था। पर अब उसकी ज़िंदगी में एक नया और अनजाना मोड़ आने वाला था।

रिद्धि ने आँखें घुमाते हुए कहा,
“पर तुम्हें पता है ना… यह कोई मज़ाक नहीं है। अगर किसी को पता चल गया, तो हमारी नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है।”

सानवी ने उसका हाथ थामते हुए कहा,
“इसीलिए तो ये नकली रिलेशनशिप है। और मुझे भरोसा है, हम सब संभाल लेंगे। बस तुम मेरा साथ दो।”

रिद्धि ने हल्की मुस्कान दी और सिर हिलाया,
“ठीक है… लेकिन सच कहूँ तो मैं थोड़ा डर रही हूँ। अर्यन मेहता—CEO, वो कोई मामूली आदमी नहीं। उसके पास पावर है, और उसके अंदाज़… कभी-कभी डराने वाले लगते हैं।”

सानवी ने हँसते हुए कहा,
“तो फिर डरते क्यों हो? बस काम करो, और दिखावा ठीक से करो। बस यही प्लान है।”

सच्चाई यह थी कि सानवी और रिद्धि का मकसद सिर्फ़ इतना था कि सानवी की कंपनी के इवेंट में अर्यन मेहता को प्रभावित किया जा सके। और अर्यन—CEO, स्मार्ट, सफल और थोड़ा अरोगेंट। वह किसी को भी आसानी से पास नहीं आने देता था।


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इवेंट का हॉल शहर के सबसे बड़े हॉल में सजाया गया था। जगमगाती लाइट्स, गुलाबी और सुनहरी रंग की सजावट, और हल्की संगीत की धुन—सब कुछ इस रात को खास बना रहा था।

सानवी ने लाल रंग की सिल्क ड्रेस पहनी थी। ड्रेस की हल्की चमक उसके मासूम व्यक्तित्व को और निखार रही थी। बालों में हल्की कर्ल्स और होंठों पर हल्की मुस्कान। उसके कदम जैसे हवा में तैर रहे हों।

हॉल के एक कोने में अर्यन खड़े थे। ब्लैक सूट, सफेद शर्ट, गहरी आँखें, और ठंडी मुस्कान। उनके चेहरे पर थोड़ी गंभीरता और थोड़ा अरोगेंस झलक रहा था।

सानवी ने गहरी साँस ली और खुद को तैयार किया। जैसे ही वह उनके पास गई, अर्यन की आँखें सीधे उस पर टिक गईं।

“तो ये तुम हो, मेरी नई प्रोजेक्ट पार्टनर?” अर्यन ने गंभीर आवाज़ में पूछा। उसकी आवाज़ में हल्की तनिकी और curiosity भी थी।

सानवी ने हल्की मुस्कान के साथ कहा,
“हां… और हम एक टीम की तरह काम करेंगे। बस दिखावा करना है—असल में हम बस काम पर ध्यान देंगे।”

अर्यन की आँखों में हल्की झलक थी—नाराज़गी और आश्चर्य का मिश्रण। उसकी आदत थी लोगों को तुरंत judge करना, पर इस बार—कुछ अलग सा महसूस हुआ।



सानवी ने हॉल के बीचों-बीच खड़े होकर देखा। चारों ओर बिज़नेस में काम करने वाले लोग, प्रेजेंटेशन और बैनर्स। हर कोई काम में व्यस्त, पर उसकी नज़रें सिर्फ़ अर्यन पर टिक गईं।

“तुम हमेशा इतनी confident रहती हो?” अर्यन ने हौले से पूछा।
“क्योंकि डरने से काम नहीं होता, सर।” सानवी ने हल्की हँसी के साथ जवाब दिया।

अर्यन ने उसकी आँखों में देखा। वहाँ मासूमियत थी, पर साथ में साहस भी। यह दोनों चीज़ें शायद ही किसी में एक साथ मिली हों।



कुछ मिनटों के बाद, दोनों एक छोटे private corner में खड़े हुए।
“तो ये सब सिर्फ़ दिखावा है, है ना?” अर्यन ने हँसते हुए पूछा।
“हाँ… और मैं उम्मीद करती हूँ कि इसे किसी को पता न चले।” सानवी ने मुस्कान के साथ कहा।

अर्यन ने धीरे से कहा,
“तुमने इतनी आसानी से ये सब संभाल लिया… मुझे हैरानी हो रही है। आमतौर पर लोग इस तरह handle नहीं कर पाते।”

सानवी ने हल्की हँसी के साथ कहा,
“शायद इसलिए कि मैं डर नहीं मानती… और सर, आप भी दिखाते हैं कि मुश्किल कामों को handle कर सकते हैं।”

अर्यन की मुस्कान थोड़ी बढ़ी, और उसके चेहरे पर पहली बार एक नरम झलक आई।


इवेंट के आखिर में, जैसे ही भीड़ कम हुई, अर्यन ने कहा,
“तुम्हें लगता है, यह सब सिर्फ दिखावा है?”
सानवी ने हौले से कहा,
“शायद… पर कभी-कभी दिखावा भी सच में बदल जाता है।”

अर्यन की आँखों में चमक थी, और सानवी के दिल की धड़कन तेज हो गई।
उस रात, दोनों के बीच जो नज़दीकी और बातचीत हुई, वह सिर्फ़ दिखावा नहीं रहा। वहाँ धीरे-धीरे एक कनेक्शन और टेंशन बनने लगी थी, जो बाद में असली प्यार में बदलने वाली थी।

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