🌸 अध्याय 3 : बरसात और इकरार
उस दिन शाम को आसमान काले बादलों से ढका हुआ था।हल्की-हल्की हवा के साथ अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।काजल कैफ़े से निकलने ही वाली थी कि बारिश ने रास्ता रोक लिया।
आरव पहले से बाहर खड़ा था, हाथ में छतरी लिए।जैसे ही उसने काजल को देखा, बिना कुछ सोचे उसकी तरफ बढ़ा और बोला—“आओ, मैं छोड़ देता हूँ।”
काजल ने पहले थोड़ी हिचकिचाहट दिखाई, लेकिन फिर छतरी के नीचे उसके साथ आ खड़ी हुई।बारिश की बूंदें छतरी से टकराकर दोनों के चारों तरफ संगीत-सा बजा रही थीं।करीब खड़े होने से उनके दिलों की धड़कनें और साफ सुनाई दे रही थीं।
कुछ कदम चुपचाप चलने के बाद काजल ने कहा—“बारिश हमेशा मुझे अच्छा लगती है… जैसे हर बूंद दिल को नया एहसास देती है।”
आरव ने उसकी तरफ देखते हुए मुस्कराकर जवाब दिया—“हाँ… और आज ये बारिश मुझे सिर्फ़ तुम्हारे पास ले आई है।”
काजल उसकी आँखों में देखने लगी।पहली बार दोनों के बीच वो खामोशी नहीं थी, जो सिर्फ़ नज़रें कह पाती हैं, बल्कि एक अजीब-सी खिंचाव था।
अचानक हवा का झोंका आया और छतरी एक तरफ उड़ गई।दोनों भीग गए, मगर अब कोई परवाह नहीं थी।आरव ने हिम्मत जुटाकर धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया।
“काजल…” उसकी आवाज़ कांप रही थी।“अगर कभी तुम ज़िंदगी से गुम हो गई… तो मैं कहाँ ढूँढूँगा तुम्हें?”
काजल ने आसमान की तरफ देखा और मुस्कराकर बोली—“वो जो सबसे चमकीला तारा है न… वहीं मिलूँगी।”
आरव ने उसका हाथ और कसकर थाम लिया—“नहीं… मुझे आसमान देखने की ज़रूरत नहीं होगी।तुम्हारी खुशबू मेरे नाम से हमेशा जुड़ी रहेगी।”
काजल की आँखों में नमी भर आई।वो पहली बार थी जब दोनों ने चुप्पी को तोड़कर अपने दिल का इकरार किया।बारिश अब सिर्फ़ मौसम नहीं रही… वो उनकी मोहब्बत का पहला गवाह बन गई थी।
ठीक है Kajal ❤️अब मैं तुम्हारे नॉवेल “तेरे नाम की खुशबू” का चौथा अध्याय लिखती हूँ।🌸 अध्याय 4 : दोस्ती से आगे
बरसात वाली उस शाम के बाद, आरव और काजल के रिश्ते में एक अनकहा बदलाव आ चुका था।अब उनकी मुलाक़ातें सिर्फ़ किताबों और कॉफ़ी तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि हर बात में एक नज़दीकी और अपनापन झलकने लगा।
आरव रोज़ काजल का इंतज़ार करता, और जब वो आती तो उसका चेहरा अपने आप खिल उठता।काजल भी अब मान चुकी थी कि उसके दिन का सबसे ख़ूबसूरत हिस्सा वही होता है जब वो आरव से मिलती है।
एक दिन, दोनों शहर की भीड़ से दूर एक पुराने पार्क में गए।पेड़ों के बीच से आती धूप, हवा में झूमते पत्ते और चारों तरफ़ सन्नाटा… जैसे पूरी दुनिया सिर्फ़ उनके लिए थम गई थी।
काजल घास पर बैठ गई और आसमान की तरफ़ देखते हुए बोली—“कभी-कभी लगता है, ये आसमान कितना बड़ा है, फिर भी हम जैसे छोटे लोग इसमें कितने मायने रखते हैं?”
आरव उसके पास बैठते हुए बोला—“शायद हम छोटे नहीं हैं… हम किसी के लिए पूरी दुनिया हो सकते हैं।”
काजल ने उसकी तरफ़ देखा।उसकी आँखों में वो चमक थी, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
कुछ देर चुप रहने के बाद काजल ने मुस्कराकर कहा—“तुम्हें पता है, लोग कहते हैं न कि लड़का और लड़की सिर्फ़ दोस्त नहीं हो सकते।”
आरव ने उसकी आँखों में गहराई से देखते हुए कहा—“हाँ… और मुझे लगता है, हमारी दोस्ती अब उस हद से बहुत आगे निकल चुकी है।”
काजल का दिल ज़ोर से धड़क उठा।उसने नज़रें झुका लीं, मगर होंठों पर हल्की मुस्कान आ गई।वो मुस्कान आरव के लिए एक इकरार से कम नहीं थी।
उस पल दोनों ने महसूस किया कि उनका रिश्ता अब सिर्फ़ दोस्ती नहीं रहा…वो धीरे-धीरे एक ऐसी मोहब्बत में बदल रहा था, जिसे नज़रों और खामोशियों ने पहले ही स्वीकार कर लिया था।
अब अगला अध्याय 5 – परिवार की तस्वीरें लिखूँ?
Kajal Thakur 😊