Improve Family Lifestyle in Hindi Health by S Sinha books and stories PDF | फैमिली लाइफ स्टाइल हेल्दी बनायें

The Author
Featured Books
  • અસવાર - ભાગ 3

    ભાગ ૩: પીંજરામાં પૂરો સિંહસમય: મે, ૨૦૦૦ (અકસ્માતના એક વર્ષ પ...

  • NICE TO MEET YOU - 6

    NICE TO MEET YOU                                 પ્રકરણ - 6 ...

  • ગદરો

    અંતરની ઓથથી...​ગામડું એટલે માત્ર ધૂળિયા રસ્તા, લીલાં ખેતર કે...

  • અલખની ડાયરીનું રહસ્ય - ભાગ 16

    અલખની ડાયરીનું રહસ્ય-રાકેશ ઠક્કરપ્રકરણ ૧૬          માયાવતીના...

  • લાગણીનો સેતુ - 5

    રાત્રે ઘરે આવીને, તે ફરી તેના મૌન ફ્લેટમાં એકલો હતો. જૂની યા...

Categories
Share

फैमिली लाइफ स्टाइल हेल्दी बनायें

 

 

                                                               फैमिली लाइफ स्टाइल हेल्दी बनायें    


आजकल के व्यस्त जीवन में जीवनयापन आसान नहीं है बल्कि उसके लिए बहुत भागदौड़ और मेहनत करनी पड़ती है  . ख़ुशी से जीने के लिए पर्याप्त  साधन इकठ्ठा करने की चाहत में अक्सर हम अपने लाइफ स्टाइल को नजरअंदाज कर देते हैं  . इसकी कीमत आगे चल कर हमें चुकानी पड़ती है  . इसलिए यदि आरम्भ से ही लाइफ स्टाइल हेल्दी रहे तो भविष्य में होने वाली परेशानियों से हम बच सकते हैं  . 


हेल्दी लाइफ स्टाइल के लिए कुछ जरूरी बातें - 

1 . एक्टिव रहें - शरीर को निष्क्रिय रखना स्वास्थ्य के लिए बुरा है इसलिए यथासंभव हमें फिजिकली ( शारीरिक रूप से ) एक्टिव रहना होगा  .  इससे हमारी मांसपेशियां और हड्डियां तो मजबूत  होती ही हैं साथ में हमारे मूड और कुल मिलाकर स्वास्थ्य पर अनुकूल असर पड़ता है  . प्रतिदिन 30 - 60 मिनट आयु और स्वास्थ्य  के अनुकूल फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है  .  यह  पूरे परिवार पर लागू है , बच्चों में भी शुरू से इसके लिए जागरूकता बढ़ानी होगी , इसके लिए बच्चों को PE ( फिजिकल एजुकेशन ) में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें , उन्हें एक्टिव हॉबी के लिए प्रेरित करें - साइकिल चलाना  , रस्सी कूदना , तैरना , हाईकिंग , बागवानी आदि में हिस्सा लेना चाहिए  .  उनके साथ  पार्क में फैमिली वाक के लिए जाएँ और उन्हें फुटबॉल , बास्केटबॉल , बैडमिंटन आदि सामूहिक स्पोर्ट्स में भाग लेने दें  .  


2 .  डेवलप स्वास्थ्यप्रद आदतें - पूरे परिवार को साधारण हेल्दी हैबिट्स अपनानी चाहिए - डेंटल हाइजीन ,  खाने के पहले और बाद में हाथ धोना , दिन भर में पर्याप्त पानी पीना , गर्मी , लू , ठंड आदि से बचने के उपाय अपनाना  . 


3 . पौष्टिक आहार चुनें - बड़ों को पौष्टिक आहार की जानकारी होती है पर बच्चों को बचपन से ही सिखाना होगा कि उनके लिए क्या खाना पौष्टिक है  . खाना चाहे घर में बना हो या रेस्टोरेंट से ऑर्डर देना हो , स्वास्थ्य के लिए क्या बेहतर है उन्हें बताना होगा  . 


संतुलित आहार - जिसमें सब्जियां , फल, लो  फैट डेयरी प्रोडक्ट , नट्स , बीन्स , लीन मीट , व्होल ग्रेन , दाल आदि 

अनहेल्दी कुकिंग तरीकों से बचें - डीप फ्राई , स्वादिष्ट बनाने के लिए अनावश्यक एडिटिव इस्तेमाल करने , अधिक बटर या चीज यूज करने से बचें   . 


उचित प्लेट साइज - आपके प्लेट में खाद्य पदार्थ की उचित मात्रा हो , आयु और  स्वास्थ्य को  ध्यान में रखते हुए  . 

स्नैक टाइम में अच्छे स्नैक चुनें - फल , नट्स , व्होल ग्रेन क्रैकर , फल से टॉपिंग किया हुआ  दही आदि  . 


4 . कम से कम प्रोसेस्ड फ़ूड -  ऐसे फ़ूड , जो अपनी नेचुरल अवस्था में न हों बल्कि कुकिंग ,ड्राइंग , फ्रीजिंग , कैनिंग , और पैकेजिंग कर तत्काल खाने योग्य बनाते हैं , प्रोसेस्ड फ़ूड कहते हैं , जैसे - फ्रोजेन सब्जी , फ्रोजेन मीट ,कैन्ड सब्जी और फल, पैकेज्ड स्नैक , सीरियल्स , सॉफ्ट ड्रिंक्स , स्पोर्ट्स ड्रिंक्स , लेमोनेड , कैंडीज , स्वीट्स , चॉकलेट , केक्स , डोनट्स कूकीज आदि  . आजकल की लाइफ स्टाइल में  प्रोसेस्ड फ़ूड से  पूरी तरह से मुक्ति पाना आसान नहीं है  . यथासंभव इनसे बचें  .  प्रोसेस्ड फ़ूड  स्वादिष्ट तो होते हैं इसलिए हम इन्हें कभी ज्यादा मात्रा में भी खा लेते हैं  . इनमें शुगर और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है जिसके चलते मोटापे की संभावना अधिक रहती है  . 

5 . नियमित सोना -  हमारे सोने का एक निश्चित और नियमित रूटीन होना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और बच्चों को वयस्क की तुलना में अधिक ही सोना चाहिए  . आमतौर पर एडल्ट के लिए   8 घंटे और बच्चों को 10 घंटे सोने की सलाह दी गयी है  .  बेडरूम का वातावरण निद्रा के अनुकूल रखने के लिए बेडरूम को कूल , डार्क और शांत रखना चाहिए  .  सोने के कम से कम एक घंटा पहले बेडरूम में टीवी आदि डिवाइस ऑफ होना चाहिए  .  सोने के पहले वार्म वाटर से नहाने और पुस्तकें पढ़ने से निंद्रा अच्छी आती है  . बच्चों के लिए ख़ास कर स्क्रीन टाइम कम से कम कम हो - एक से दो घंटे अधिकतम   .


5 . सामाजिक बनें - अपने समाज के साथ संपर्क और संवाद बना कर रहना चाहिए  . इससे समाज में स्वाभिमान , सुरक्षा और अपनी एक पहचान भी बनी रहती है   . बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह जरूरी है  . इसके लिए सिर्फ स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया से संवाद न हो कर व्यक्तिगत रूप से सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहना जरूरी है  . इसके लिए माता पिता को समय निकाल फैमिली और  बच्चों के साथ रेगुलर संवाद जरूरी है  . बच्चों की जिज्ञासा या उत्सुकता का यथासंभव समाधान करना होगा  .


6 . स्वास्थ्य संबंधित खतरों के संकेत को समय रहते पहचानें - डायबिटीज , ब्लड शुगर , अकस्मात  मूड चेंज , दृष्टि में कमी आदि  हेल्थ के संकेतों को आरम्भ में ही पहचान कर उनका उपचार आरम्भ करना चाहिए  . बच्चों में प्रेरणा की कमी , जल्द थकावट ,  चिड़चिड़ापन , आपस में जुड़ने की आदत न होना , अच्छे काम या गेम में भी अरुचि आदि को पहचान कर उसे समुचित प्रोत्साहन आदि से ठीक करें  . 


7 . रेगुलर हेल्थ चेकअप - अपने परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य से संबंधित चेकअप डॉक्टर की सलाह के अनुसार कराते रहना चाहिए  . बच्चों व अन्य सभी के लिए आवश्यक टीका निश्चित समय पर लेते रहें  .  

                                                       xxxxxxxxxxxx