Dost Thi Ek Chudail in Hindi Horror Stories by Wow Mission successful books and stories PDF | दोस्त थी एक चुड़ैल

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दोस्त थी एक चुड़ैल

शहर से थोड़ा दूर बसे गाँव में आरव नाम का एक लड़का रहता था। उसकी ज़िंदगी बिल्कुल साधारण थी। कॉलेज जाता, दोस्तों के साथ हँसता-खेलता और फिर घर लौट आता। लेकिन एक राज़ उसकी ज़िंदगी में ऐसा जुड़ा था, जो किसी और को नहीं पता था। उसकी गर्लफ्रेंड अनाया… बाकी सबकी तरह साधारण लड़की नहीं थी। वो बेहद खूबसूरत थी, मासूम-सी मुस्कान वाली, लेकिन उसके अंदर एक रहस्य छिपा था—वो इंसान नहीं, बल्कि एक आत्मा थी… एक चुडैल, जो सालों से इस धरती पर भटक रही थी।

आरव जब पहली बार अनाया से मिला था, तो उसे उसकी आँखों में एक अजीब-सी खींचाव महसूस हुई थी। वो आँखें काली, गहरी और रहस्यमयी थीं। वो मुस्कुराई तो आरव को लगा जैसे उसकी ज़िंदगी की सारी परेशानियाँ खत्म हो गई हों। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हुई, फिर प्यार। लेकिन आरव को कभी शक भी नहीं हुआ कि ये लड़की असल में कौन है।

अनाया का प्यार सच्चा था। वो आरव से जुड़ी हुई थी, उसकी हिफ़ाज़त करती थी। लेकिन उसका तरीका अलग था। जिसने भी आरव को चोट पहुँचाने की कोशिश की, अनाया उसे मौत के घाट उतार देती थी। आरव समझ नहीं पाता था कि कैसे अचानक उसके दुश्मन गायब हो जाते हैं, या कैसे वो हमेशा खतरे से बच जाता है। उसे लगता कि किस्मत उसका साथ दे रही है, मगर असलियत ये थी कि अनाया नाम की ये चुडैल उसके आसपास परछाई की तरह मौजूद रहती थी।

एक बार कॉलेज में कुछ लड़कों ने आरव से झगड़ा किया। उन्होंने धमकी दी कि वो उसे बुरी तरह पीटेंगे। उसी रात उन सबका एक्सीडेंट हो गया। किसी को कुछ समझ नहीं आया कि ट्रक अचानक कहाँ से आया। सुबह जब आरव कॉलेज पहुँचा तो सब उसकी ओर अजीब नज़रों से देख रहे थे। दोस्तों ने कहा, "तू कितना खुशकिस्मत है यार, तुझे नुकसान पहुँचाने वाले खुद ही मर जाते हैं।" आरव हँसकर टाल देता, लेकिन दिल में सोचता—ये सब कैसे हो रहा है?

समय बीतता गया। आरव और अनाया की नज़दीकियाँ बढ़ती गईं। वो दोनों अक्सर आधी रात को पुराने किले के पास मिलते, जहाँ सन्नाटा और ठंडी हवा हमेशा पसरी रहती थी। वहाँ बैठकर अनाया घंटों उसकी बातें सुनती, उसकी आँखों में आँखें डालकर मुस्कुराती। कई बार आरव को लगता कि उसकी परछाई कभी-कभी अजीब लंबी हो जाती है, या उसकी हँसी रात के सन्नाटे में गूँजती रहती है, लेकिन प्यार की आँखों पर परदा होता है। उसने कभी कुछ गहराई से जानने की कोशिश ही नहीं की।

लेकिन धीरे-धीरे गाँव में अफ़वाह फैलने लगी। लोग कहते, "आरव की लड़की अजीब है। उसे कभी दिन में ठीक से नहीं देखा। वो हमेशा रात को ही आती है।" औरतें कानों में फुसफुसातीं, बच्चे डरते हुए उसका नाम लेते। आरव इन सबको बकवास समझता।

फिर एक दिन आरव की माँ बीमार हो गईं। गाँव के ओझा ने कहा कि उन पर किसी प्रेत का साया है। इलाज के दौरान अचानक अनाया वहाँ आ गई। ओझा ने जैसे ही उसे देखा, उसके चेहरे का रंग उड़ गया। उसने मंत्र पढ़ना शुरू किया, लेकिन कमरे की सारी दियासलाइयाँ बुझ गईं। तेज़ हवा चली और अनाया की आँखें खून जैसी लाल हो गईं। ओझा बेहोश हो गया। उस रात आरव ने पहली बार अपनी आँखों से देखा कि अनाया इंसान नहीं… कुछ और है।

आरव का दिल बैठ गया। उसने रोते हुए पूछा—"तुम कौन हो? तुमने मुझसे ये राज़ क्यों छुपाया?"

अनाया की आँखों से आँसू बह निकले। उसने कहा, "मैं तुम्हें छोड़ना नहीं चाहती थी आरव। मैं कई सौ साल पहले इस गाँव की ही एक लड़की थी। मेरे साथ धोखा हुआ, मुझे ज़िंदा जला दिया गया। मेरी आत्मा भटकती रही। जब मैंने तुम्हें देखा, तो मुझे पहली बार लगा कि मैं इंसान की तरह जी सकती हूँ। मैं तुम्हें चोट नहीं पहुँचाना चाहती थी, बस तुम्हारी रक्षा करना चाहती थी।"

आरव सन्न रह गया। उसके सामने उसकी मोहब्बत खड़ी थी, मगर वो इंसान नहीं थी। डर और प्यार का अजीब संगम उसके दिल में हो रहा था।

दिन बीते, लेकिन अब आरव के मन में डर बैठ गया था। वो समझ नहीं पा रहा था कि अनाया के साथ रिश्ता निभाए या उससे दूर हो जाए। लेकिन अनाया उसे छोड़ने को तैयार नहीं थी। वो कहती, "मैंने तुम्हें चुना है, अब तुम मेरे हो।"

गाँव में एक-एक करके और हादसे होने लगे। जो भी आरव का मज़ाक उड़ाता, उसे तकलीफ़ देता, वो रहस्यमयी मौत का शिकार हो जाता। लोग डरकर आरव से दूर भागने लगे। सबको लगने लगा कि वो भी श्रापित है।

एक रात आरव ने सपना देखा। सपने में अनाया चूडैल के रूप में उसके सामने खड़ी थी—लंबे खुले बाल, आँखों से खून बहता हुआ, पैरों में उल्टे निशान। उसने कहा, "आरव, मैं हमेशा तेरे साथ हूँ। तुझे कोई छू भी नहीं सकता।" आरव नींद से चौंककर उठा, लेकिन उसके कमरे की खिड़की पर सच में वही परछाई खड़ी थी।

उसका शरीर काँपने लगा। वो समझ गया कि अब इस रिश्ते से भागना आसान नहीं है।

दिन गुजरते गए। आखिरकार आरव ने हिम्मत करके मंदिर का सहारा लिया। पुजारी ने कहा, "अगर सचमुच वो आत्मा तुझसे बंध चुकी है, तो तू ही उसे मुक्त कर सकता है। उसे ये एहसास दिला कि उसका दर्द खत्म हो चुका है।"

उस रात आरव ने अनाया को किले पर बुलाया। चाँद की रोशनी में वो पहले से भी ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी। लेकिन उसकी आँखों में खालीपन था।

आरव ने काँपती आवाज़ में कहा, "अनाया… मैं तुझसे प्यार करता हूँ। चाहे तू इंसान हो या आत्मा, मेरे लिए फर्क नहीं पड़ता। लेकिन तू हमेशा दर्द में नहीं रह सकती। तेरी आत्मा को शांति मिलनी चाहिए।"

अनाया की आँखें नम हो गईं। उसने कहा, "अगर मैं चली गई तो तुम अकेले रह जाओगे।"

आरव ने उसके पास जाकर उसके चेहरे को अपने हाथों में लिया, और उसके होंठों पर हल्की-सी किस कर दी। वो पल जैसे पूरी धरती थम गई हो। हवा रुक गई, पेड़ों की सरसराहट बंद हो गई। अनाया की आँखों से आँसू बहे, लेकिन उसके होंठों पर मुस्कान आई।

उसने आखिरी बार उसे गले लगाया। और धीरे-धीरे उसका शरीर धुंध में बदलने लगा। उसकी परछाई मिटने लगी। उसके होंठों से आखिरी शब्द निकले—"धन्यवाद आरव… तुमने मुझे आज़ाद कर दिया।"

आरव की आँखों से आँसू बह निकले। उसके हाथ खाली हो गए। उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा प्यार, उसकी चुडैल, अब हमेशा के लिए मुक्त हो चुकी थी।

लोग कहते हैं, उस रात के बाद आरव कभी पहले जैसा नहीं रहा। वो अक्सर उसी किले के पास बैठा पाया जाता था, जहाँ वो और अनाया मिला करते थे। जब हवा चलती, तो उसे लगता जैसे कोई उसके बालों को सहला रहा है। जब आँखें बंद करता, तो अनाया की मुस्कान दिखाई देती।

गाँव वाले अब भी डरते हैं उस किले से। कहते हैं कि अगर कोई सच्चा प्यार लेकर वहाँ जाए, तो उसे एक परछाई हमेशा सुरक्षा देती है।

और आरव? उसके दिल में अब भी अनाया ज़िंदा है। उसकी चुडैल… उसकी रक्षक… उसकी मोहब्बत।


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✨ The End ✨